कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर मन ही मन बहुत खुश हो रहे होंगे. गुजरात चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' कह दिया था तो राहुल गांधी आपे से बाहर हो गये थे. राहुल गांधी ने न सिर्फ मणिशंकर अय्यर से माफी मंगवाई थी, बल्कि कांग्रेस ने सस्पेंड भी कर दिया था.
राफेल डील पर लगातार हमलावर राहुल गांधी ने अब तो खुद ही प्रधानमंत्री को 'चोर' कह डाला है. अब कौन किस पर कार्रवाई करेगा? कौन किससे माफी मंगवाएगा? कौन किसे सस्पेंड करेगा? ये सवाल मणिशंकर अय्यर के मन में लगातार उछल रहे होंगे.
गली गली में शोर है...
डेढ़ महीने बाद राहुल गांधी फिर से राजस्थान पहुंचे थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और प्रधानमंत्री मोदी बारी बारी आते रहे.
राहुल गांधी ने कहा "राजस्थान बीजेपी की सरकार को कोई नहीं बचा सकता - न तो मोदी जी, न वसुंधराजी और न ही उनका पैसा."
फिर सचिन पायलट की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उनका कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी. फिर ट्विस्ट करते हुए कहा कि ये सच नहीं है - आधा सच है, 'पूरा सच ये है कि राजस्थान में जनता की सरकार बनेगी जो जनता के लिए काम करेगी.'
लगे हाथ राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के रिश्तों का भी जिक्र कर डाला. राहुल की बात सुन कर ऐसा लगा कि वास्तव में दोनों के बीच रिश्ता बहुत बिगड़ चुका था. लगता है राहुल गांधी ने बड़ी मेहनत से दोनों का रिश्ता सुधार दिया है. ये भी लगता है कि लोगों के बीच दोनों के मतभेद को लेकर वो कितना चिंतित थे.
राहुल गांधी बोले, "मैंने अखबार में एक फोटो देखा जिसमें सचिन पायलट बाइक चला रहे हैं और...
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर मन ही मन बहुत खुश हो रहे होंगे. गुजरात चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' कह दिया था तो राहुल गांधी आपे से बाहर हो गये थे. राहुल गांधी ने न सिर्फ मणिशंकर अय्यर से माफी मंगवाई थी, बल्कि कांग्रेस ने सस्पेंड भी कर दिया था.
राफेल डील पर लगातार हमलावर राहुल गांधी ने अब तो खुद ही प्रधानमंत्री को 'चोर' कह डाला है. अब कौन किस पर कार्रवाई करेगा? कौन किससे माफी मंगवाएगा? कौन किसे सस्पेंड करेगा? ये सवाल मणिशंकर अय्यर के मन में लगातार उछल रहे होंगे.
गली गली में शोर है...
डेढ़ महीने बाद राहुल गांधी फिर से राजस्थान पहुंचे थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और प्रधानमंत्री मोदी बारी बारी आते रहे.
राहुल गांधी ने कहा "राजस्थान बीजेपी की सरकार को कोई नहीं बचा सकता - न तो मोदी जी, न वसुंधराजी और न ही उनका पैसा."
फिर सचिन पायलट की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उनका कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी. फिर ट्विस्ट करते हुए कहा कि ये सच नहीं है - आधा सच है, 'पूरा सच ये है कि राजस्थान में जनता की सरकार बनेगी जो जनता के लिए काम करेगी.'
लगे हाथ राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के रिश्तों का भी जिक्र कर डाला. राहुल की बात सुन कर ऐसा लगा कि वास्तव में दोनों के बीच रिश्ता बहुत बिगड़ चुका था. लगता है राहुल गांधी ने बड़ी मेहनत से दोनों का रिश्ता सुधार दिया है. ये भी लगता है कि लोगों के बीच दोनों के मतभेद को लेकर वो कितना चिंतित थे.
राहुल गांधी बोले, "मैंने अखबार में एक फोटो देखा जिसमें सचिन पायलट बाइक चला रहे हैं और अशोक गहलोत जी पीछे बैंठे हैं. फोटो देख मैंने सोचा चलो राजस्थान में तो हम चुनाव जीत गये... ये जो दोस्ती हुई है दोनों में इसका एक बड़ा कारण है... हमारे नेताओं ने ठान लिया है कि हमें सरकार से लड़ना है, जनता का हमदर्द बनना है..."
फिर राहुल गांधी ने ये भी समझाया कि वो किस तरह का विकास चाहते हैं. पहले राहुल गांधी तेज विकास के लिए एस्केप वेलॉसिटी जैसे फॉर्मूले सुझाते रहे हैं.
राहुल गांधी ने लोगों को समझाया कि वो लोकल बिजनेस को किस रूप में देखना चाहते हैं - "एक दिन आप अपने फोन के पीछे देखो तो उस पर 'मेड इन राजस्थान' और 'मेड इन डूंगरपुर' लिखा हो."
कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं की बातें करते करते राहुल गांधी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा पर शिफ्ट हुए और समझाया कि सब गाड़ियों का पैसा लोगों की गाढ़ी कमाई निकाला जा रहा है, "जब आप मोदी जी का मुस्कुराता हुआ चेहरा देखते हैं... या वसुंधरा जी का टीवी पर इश्तेहार देखते हैं... तो आपको पता होना चाहिए कि पूरा का पूरा पैसा आपकी जेब से निकाला जाता है. "
विजय माल्या का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ₹ 9000 करोड़ का चोर देश के वित्त मंत्री से मिल कर गया कि वो लंदन जा रहा है. राहुल ने कहा ये बात मैं नहीं खुद अरुण जेटली कह रहे हैं, लेकिन इस देश का चौकीदार मौन है.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को याद दिलाया कि किस तरह उन्होंने कहा था कि वो देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते बल्कि चौकीदार बनना चाहते हैं.
पूरे जोश बोलते बोलते राहुल गांधी ने नया नारा भी गढ़ डाला, "आज हिंदुस्तान में और पूरे राजस्थान में आवाज उठ रही है - गली-गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है."
एक बार नहीं बल्कि राहुल गांधी ने कई बार ये नारा दोहराया. राहुल गांधी के बार बार नारा लगाने पर भीड़ भी ये स्लोगन दोहराने लगी थी.
एक क्लाउन प्रिंस और उसका झूठ
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को इसी अंदाज में कहा था कि आप चौकीदार नहीं भागीदार हैं. मुट्ठीभर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के साथ साथ राहुल गांधी ने मोदी को भागीदार बताया था. बाद में जब मोदी ने बोलना शुरू किया तो कहा - 'हां मैं भागीदार हूं.'
मोदी ने कहा, "मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि आपकी तरह सौदागर नहीं हूं, ठेकेदार नहीं हूं. देश के किसानों की पीड़ा के भागीदार हैं. नौजवानों के सपनों, देश के विकास के भागीदार, मेहनतकश मजदूरों के भागीदार, उनके दुखों को बांटने के भागीदार हैं. हम चौकीदार भी हैं भागीदार भी हैं."
इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ब्लॉग लिख कर राहुल गांधी को 'क्लाउन प्रिंस' कहा है. अरुण जेटली का कहना है कि राहुल गांधी राफेल और NPA पर लगातार झूठ बोल रहे हैं. जेटली का कहना है कि राहुल गांधी उस रणनीति पर काम कर रहे हैं जिसमें पहले एक झूठ गढ़ा जाता है, फिर उसे बार बार बोला जाता है. जेटली ने ये भी कहा है कि राफेल को लेकर जो सवाल उन्होंने उठाये हैं उन पर राहुल गांधी की ओर से कोई जवाब नहीं आया.
गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने थ्योरी दी थी कि वो और उनकी पार्टी प्रधानमंत्री पद का सम्मान करती है - और चूंकि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं इसलिए कोई निजी हमले नहीं करेगा. कांग्रेस का 'विकास पागल है' कैंपेन भी यही कहते हुए तब वापस लिया गया था.
गुजरात के बाद, हालांकि, कर्नाटक चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था, लेकिन इस कदर तो हरगिज नहीं. मणिशंकर के बयान से माना गया कि कांग्रेस को गुजरात में काफी नुकसान हुआ था. राहुल के इस बयान का क्या असर होगा उसी हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है.
चौकीदार को राहुल गांधी का भागीदार बताना पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था, चौकीदार को चोर बताना कुल्हाड़ी पर पैर मारने जैसा है. दिल्ली से लेकर बिहार तक बीजेपी के निजी हमलों का नतीजा देखा जा चुका है, लेकिन कांग्रेस लगता है उससे सबक नहीं ले रही है.
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