पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान की सीमा से सटे गांवों में दिन में सन्नाटा और रात में हलचल दिखने लगी है. अंदेशा लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान सीमा पर सैन्य बल तैनात कर रहा है. खुद इमरान खान भारत को ललकार ही चुके हैं. उन्होंने साफ कहा है कि अगर भारत ने हमला किया तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और करारा जवाब देगा. पुलवामा हमले के लिए इमरान खान बार-बार यही कह रहे हैं कि अगर भारत उन्हें सबूत दे कि ये सब पाकिस्तान की वजह से हुआ तो वह जांच कराएंगे. इस हमले की जिम्मेदारी खुद जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, जो पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. अब और क्या सबूत चाहिए इमरान खान को? जहां एक ओर ये शंका जताई जा रही है कि फिर से भारत कोई सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के तेवर सख्त हैं और वह कहते हैं कि कोई हमला हुआ तो पाकिस्तान जवाब देगा.
कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने हाल ही में अपने पुराने दोस्त सऊदी अरब को याद किया तो प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान के दौरे पर आ गए और 20 अरब डॉलर का निवेश कर दिया. एक ओर तो पाकिस्तान पाई-पाई को मोहताज हुआ पड़ा है, वहीं दूसरी ओर भारत को जंग की गीदड़भभकी दे रहा है. कंगाली से जूझने के बावजूद इमरान खान भारत को किसके दम पर ललकार रहे हैं? उन्हें किसकी मदद का भरोसा है? अपने ही देश में आतंकियों के पनाह देने के बावजूद इमरान अपनी गलती क्यों नहीं मान रहे? वहीं दूसरी ओर पुलवामा हमले के बाद से ही भारत की जनता आक्रोश की आग में जल रही है. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि अब आर-पार की लड़ाई हो जानी चाहिए, आखिर कब तक हम चुप बैठेंगे? वहीं इमरान खान जिस तरीके से भारत को ललकार रहे हैं उसे देखकर ये सवाल जरूर उठता है कि क्या पाकिस्तान युद्ध करने की हालत में है? इन सवालों के जवाब देने दोनों देशों की ताकत से जुड़े ये आंकड़े.
एक ओर इमरान खान को सऊदी अरब के सामने हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं, दूसरी ओर वह भारत को ललकार रहे हैं.
सेना का बजट कितना?
International Institute for Strategic Studies (IISS) के अनुसार भारत ने 2018 में सेना को कुल 4 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था. आपको बता दें कि ये बजट देश की जीडीपी का कुल 2.1 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने पिछले साल अपनी सेना को 1.26 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए (करीब 65 हजार करोड़ भारतीय रुपए) का बजट आवंटित किया था, जो पाकिस्तानी जीडीपी का करीब 3.6 फीसदी है. अपने देश की जीडीपी का भारत से भी अधिक हिस्सा पाकिस्तान हथियारों पर खर्च कर रहा है, जबकि देश की हालत भूखे मरने जैसी हो गई है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 8.12 अरब डॉलर (करीब 57,700 करोड़ रुपए) बचे हैं और उसे पाकिस्तान से पैसे मांगने की जरूरत पड़ चुकी है.
कितनी बड़ी सेना?
IISS के अनुसार भारत के पास 12 लाख सैनिकों का दस्ता है, जिन्हें 3565 टैंक, 3100 इनफैंट्री फाइटिंग व्हीकल, 336 हथियारों से लैस गाड़ियां और 9719 तोप हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के बेड़े में कुल 5.60 लाख सैनिक ही हैं, जो भारत के मुकाबले आधे से भी कम हैं. साथ ही पाकिस्तान के पास सिर्फ 2,496 टैंक, 1605 हथियारों से लैस गाड़ियां, 4472 तोप हैं, जिनमें 375 खुद एक्टिवेट होने वाली तोप हैं.
हवाई ताकत कितनी?
भारत के पास कुल 814 लड़ाकू विमान हैं, जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 425 लड़ाकू विमान हैं. हालांकि, भारत के मिग-21 जैसे रूस के विमान अब रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में हवाई ताकत थोड़ी कमजोर पड़ सकती है. पाकिस्तान के लड़ाकू विमान कम जरूर हैं, लेकिन चीन के एफ-7पीजी और अमेरिका के एफ-16 फाइटिंग फैल्कॉन जेट जैसे विमान हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पास 7 ऐसे विमान हैं जो अर्ली वॉर्निंग और एयरक्राफ्ट कंट्रोल जैसे फीचर से लैस हैं, जो भारत की तुलना में 3 अधिक हैं.
नेवी में कितना दम?
भारतीय नौसेना के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर, 16 सबमरीन, 14 डेस्ट्रॉयर्स, 13 फ्रिगेट्स, 106 पेट्रोल वैसल और 75 लड़ाई करने की क्षमता रखने वाले एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा इसमें कुल सैनिकों की संख्या 67,700 है, जिनमें मरीन और नवल एविएशन स्टाफ भी शामिल है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पास 9 फ्रिगेट्स, 8 सबमरीन, 17 पेट्रोल वैसल और 8 लड़ाई करने की क्षमता रखने वाले एयरक्राफ्ट हैं.
कितने परमाणु हथियार और मिसाइलें?
दोनों ही देशों के पास ऐसी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो परमाणु हमला कर सकती हैं. भारत के पास 9 तरह की मिसाइलें हैं, जिनमें अग्नि-3 भी है जो 3000 किलोमीटर से 5000 किलोमीटर तक मार सकती है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 2000 किलोमीटर तक मार तक सकती हैं. जहां एक ओर भारत के पास 130-140 परमाणु बम हैं, वहीं पाकिस्तान के पास 140-150 परमाणु बम हैं.
दोनों देशों में तनाव तो है, लेकिन इतना नहीं कि दोनों देश परमाणु हमले पर उतारू हो जाएं. खैर, अगर फिर भी युद्ध हो ही गया तो भारत के पास भले ही पाकिस्तान की तुलना में परमाणु बम 5-10 कम हैं, लेकिन ताकत इतनी है कि अगर भारत ने पाकिस्तान को नेस्तनाबूत करने की ठान ली तो पाकिस्तान का कोई कोना नहीं है जो भारत की परमाणु मिसाइलों से बच सके. हालांकि, भारत के दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, लुधियाना, जयपुर, भोपाल, जैसे शहर भी पाकिस्तान की मिसाइलों की जद में हैं.
अगर परमाणु युद्ध हो गया तो क्या होगा?
भारत हो या पाकिस्तान, दोनों ही देशों के पास इतने परमाणु बम हैं कि देखते ही देखते तबाही मचाने के लिए काफी हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ भी इशारों-इशारों में परमाणु युद्ध से पीछे नहीं हटने की बात कह चुके हैं. वह कहते हैं कि अगर हमें खतरा लगा तो हमारे पास भी परमाणु बम है, हम दुश्मन को नेस्तनाबूत कर देंगे. लेकिन क्या परमाणु युद्ध विकल्प है? अगर परमाणु युद्ध होता है तो महज एक हफ्ते में करीब 2 करोड़ लोग मर जाएंगे, जिसमें से 50 लाख तो झुलस जाएंगे. दुनिया की आधी ओजोन परत बर्बाद हो सकती है. इस युद्ध का असर सिर्फ भारत या पाकिस्तान नहीं, बल्कि अन्य देशों पर भी पड़ेगा. इतना रेडिएशन फैलेगा कि लोग तिल-तिल कर मरेंगे, जिसका असर सालों तक रहेगा. वहीं परमाणु हमलों से पैदा हुआ धुएं का गुबार इतना अधिक होगा कि सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच सकेगी, यानी परमाणु सर्दी पड़ेगी. इस सर्दी की वजह से पेड़-पौधे समाप्त हो जाएंगे और लोगों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. ये कितना भयावह साबित हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आज तक आतंकवाद से जितने लोग मरे हैं, परमाणु युद्ध में उसके 2000 गुना लोग मारे जाएंगे.
एक बात तो साफ है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है. अगर युद्ध हुआ तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे. युद्ध की आग में सब कुछ तबाह हो जाएगा. भारत-पाकिस्तान को तो इससे भारी नुकसान होगा ही, पड़ोसी देशों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. ये बात खुद पाकिस्तान भी अच्छे से समझता है. वहीं भारत की पॉलिसी है कि हम पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे, इसके चलते पाकिस्तान आए दिन आंखें तरेरता है. वह अच्छे से जानता है कि परमाणु हमला कोई नहीं कर सकता है. भारत पहले हमला करेगा नहीं और पाकिस्तान की ऐसा करने की हिम्मत नहीं है. लेकिन आए दिन हो रहे आतंकी हमलों को भी भारत कब तक सहेगा. पाकिस्तान से इसका हिसाब तो बराबर करना ही होगा. मोदी सरकार ने भी सेना को खुली छूट दे दी है और अब सेना ही तय करेगी कि पाकिस्तान को कैसे जवाब देना है.
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