आरोप प्रत्यारोप राजनीति का अभिन्न अंग है. वहीं 'बदले' का भी राजनीति में अपना महत्व है. बदला प्रायः दूसरी पार्टियों/ नेताओं से लिया जाता है. अपनों से नहीं. हो सकता है ये बात कंफ्यूज कर दे. तो इसे उत्तर प्रदेश , प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में देखिए. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. सपा बसपा को पीछे छोड़ सूबे में कांग्रेस मुख्य विपक्ष की तरह काम कर रही है. यूपी में कांग्रेस की बागडोर प्रियंका के हाथ है. ऐसे में प्रियंका का सत्ताधारी दल पर आरोप लगाना लाजमी है. प्रियंका लगातार इस बात को दोहरा रही हैं कि यूपी में योगी बदले की राजनीति कर रहे हैं. काश योगी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाती प्रियंका पंजाब का रुख कर लेतीं. पंजाब कांग्रेस का और कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख कर लेतीं. कहना गलत नहीं है कि देश में वाक़ई कहीं बदले की राजनीति हो रही है तो वो पंजाब है जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा कैप्टन अमरिंदर से, उनके परिवार से बदला लिया जा रहा है और ये सब डंके की चोट पर हो रहा है और आलाकमान एकदम खामोश है.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला से कांग्रेस सांसद परनीत कौर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने परनीत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परनीत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के पार्टी से बाहर होने और उनकी भविष्य की योजनाओं के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए परनीत कौर को सात दिन का समय दिया है. बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना बहुत जरूरी है कि पंजाब...
आरोप प्रत्यारोप राजनीति का अभिन्न अंग है. वहीं 'बदले' का भी राजनीति में अपना महत्व है. बदला प्रायः दूसरी पार्टियों/ नेताओं से लिया जाता है. अपनों से नहीं. हो सकता है ये बात कंफ्यूज कर दे. तो इसे उत्तर प्रदेश , प्रियंका गांधी और योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में देखिए. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. सपा बसपा को पीछे छोड़ सूबे में कांग्रेस मुख्य विपक्ष की तरह काम कर रही है. यूपी में कांग्रेस की बागडोर प्रियंका के हाथ है. ऐसे में प्रियंका का सत्ताधारी दल पर आरोप लगाना लाजमी है. प्रियंका लगातार इस बात को दोहरा रही हैं कि यूपी में योगी बदले की राजनीति कर रहे हैं. काश योगी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाती प्रियंका पंजाब का रुख कर लेतीं. पंजाब कांग्रेस का और कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख कर लेतीं. कहना गलत नहीं है कि देश में वाक़ई कहीं बदले की राजनीति हो रही है तो वो पंजाब है जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा कैप्टन अमरिंदर से, उनके परिवार से बदला लिया जा रहा है और ये सब डंके की चोट पर हो रहा है और आलाकमान एकदम खामोश है.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला से कांग्रेस सांसद परनीत कौर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने परनीत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परनीत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के पार्टी से बाहर होने और उनकी भविष्य की योजनाओं के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए परनीत कौर को सात दिन का समय दिया है. बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना बहुत जरूरी है कि पंजाब कांग्रेस में विद्रोह किया तो कैप्टन ने था लेकिन अब जैसा पार्टी का रुख है साफ हो गया है कि कैप्टन के किये की कीमत उनकी पत्नी परनीत कौर को चुकानी पड़ रही है.
बताते चलें कि पंजाब और चंडीगढ़ के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने परनीत कौर को एक नोटिस भेजा है. नोटिस में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया है कि, पिछले कई दिनों से, हमें लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों, पटियाला के नेताओं और मीडिया से आपकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट मिल रही है. यह जानकारी और खबर तब से आ रही है जब से आपके पति कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी पार्टी बनाई है. हमें आपके पति की पार्टी के साथ मीडिया में आपकी खुली घोषणाओं से भी अवगत कराया जाता है.
परनीत कौर को आया नोटिस इतने पर ही रुक जाता तो भी ठीक था नोटिस में ये भी कहा गया है कि कृपया सात दिनों की अवधि के भीतर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें. अन्यथा, पार्टी को आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू के साथ हुए सत्ता संघर्ष के बाद कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही तब कैप्टन ने पंजाब में पंजाब लोक कांग्रेस बनाने की घोषणा की थी.
माना जा रहा है कि कैप्टन के इस फैसले ने कांग्रेस आलाकमान को गहरा आघात दिया था. और तभी ये फैसला ले लिया गया था कि कैप्टन को उन्हीं की भाषा में माकूल जवाब दिया जाएगा. ऐसे में अब जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर के पास कांग्रेस पार्टी की तरफ से नोटिस आया है. तो साफ हो गया है कि कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी ने इस नोटिस के जरिये कैप्टन और उनके परिवार के साथ बदले की राजनीति को अंजाम दिया है और उन्हें सबक सिखाने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया है.
कांग्रेस से अपनी राहें अलग कर भले ही कैप्टन अपना एक अलग दल बना चुके हों लेकिन अभी भी उनके सामने मुसीबतें कम नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब के चुनाव होने है जहां आम आदमी पार्टी ने अपनी जड़ें मजबूत की हुई है. ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए कैप्टेन और उनका दल भाजपा से गठबंधन कर सरकार बना सकता है.
अंत में हमारे लिए ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह पटियाला से चुनाव लड़ेंगे, जिसका उन्होंने 2002, 2007, 2012 और 2017 में प्रतिनिधित्व किया था. ऐसे में कांग्रेस के सामने चुनौती है उनके रथ को रोकना और जिस तरह चुनाव से ठीक पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी के पास नोटिस गया है साफ़ है कि कैप्टन के विजय रथ को रोकने की शुरुआत कांग्रेस ने कर दी है.
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