चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) को ले जा रहा सेना का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के दौरान हेलीकॉप्टर में बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका और सेना के अन्य अधिकारी मौजूद थे. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. सेना के इस हेलिकॉप्टर पर कुल 14 लोग सवार थे. बता दें कि जनरल बिपिन रावत ने बीते साल एक जनवरी 2020 को तीनों सेना के सर्वोच्च अधिकारी का पदभार संभाला था. थलसेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत के कई बयान चर्चा में रहे थे. आइए जानते हैं उनके ऐसे ही कुछ बयानों के बारे में...
• 2017 में जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर एक बयान दिया था. जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. बिपिन रावत ने पत्थरबाजों को लेकर कहा था कि काश ये लोग हम पर पत्थर फेंकने की बजाय हम पर हथियार चलाते. तब मुझे खुशी होती. तब मैं वह कर सकता था जो मैं (करना चाहता था).
• सीडीएस बिपिन रावत के सेवानिवृत्त सैनिकों से जुड़े एक सुझाव को लेकर भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने उनकी आलोचना की थी. दरअसल, सुझाव में उन्होंने कहा था कि सेवानिवृत्त सैनिकों को नियंत्रित करने वाली एक आचार संहिता होनी चाहिए. हालांकि, सेना मुख्यालय ने इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया था कि वह ऐसी किसी भी आचार संहिता का समर्थन नहीं करता है.
• एक समाचार चैनल पर अपने साक्षात्कार के दौरान जब बिपिन रावत से सेना में महिलाओं के फाइटर रोल के...
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) को ले जा रहा सेना का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के दौरान हेलीकॉप्टर में बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका और सेना के अन्य अधिकारी मौजूद थे. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. सेना के इस हेलिकॉप्टर पर कुल 14 लोग सवार थे. बता दें कि जनरल बिपिन रावत ने बीते साल एक जनवरी 2020 को तीनों सेना के सर्वोच्च अधिकारी का पदभार संभाला था. थलसेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत के कई बयान चर्चा में रहे थे. आइए जानते हैं उनके ऐसे ही कुछ बयानों के बारे में...
• 2017 में जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर एक बयान दिया था. जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. बिपिन रावत ने पत्थरबाजों को लेकर कहा था कि काश ये लोग हम पर पत्थर फेंकने की बजाय हम पर हथियार चलाते. तब मुझे खुशी होती. तब मैं वह कर सकता था जो मैं (करना चाहता था).
• सीडीएस बिपिन रावत के सेवानिवृत्त सैनिकों से जुड़े एक सुझाव को लेकर भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने उनकी आलोचना की थी. दरअसल, सुझाव में उन्होंने कहा था कि सेवानिवृत्त सैनिकों को नियंत्रित करने वाली एक आचार संहिता होनी चाहिए. हालांकि, सेना मुख्यालय ने इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया था कि वह ऐसी किसी भी आचार संहिता का समर्थन नहीं करता है.
• एक समाचार चैनल पर अपने साक्षात्कार के दौरान जब बिपिन रावत से सेना में महिलाओं के फाइटर रोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि फाइटर रोल में पुरुषों के साथ तैनात होने पर महिलाओं को परेशानी हो सकती हैं. वे कपड़े बदलते समय पुरुषों द्वारा टेंट में झांकने की शिकायत कर सकती हैं. उन्होंने कहा था कि 'वह (महिलाएं) कहेगी कि कोई झांक रहा है, इसलिए हमें उनके चारों ओर एक चादर देनी होगी.' वे अग्रिम भूमिका में महिलाओं की तैनाती की चुनौती को दो टूक बयां कर रहे थे.
• 2017 में बिपिन रावत ने कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में निरंतर प्रयास करने के लिए मेजर लितुल गोगोई को सेनाध्यक्ष के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था. बता दें कि कश्मीर में तैनाती के दौरान मेजर लितुल गोगोई पर एक शख्स को जीप के आगे बांधकर घुमाने के लिए सुर्खियों में रहे थे. दरअसल, लितुल गोगोई ने पत्थरबाजों से अपने काफिले को निशाना बनाने से बचाने के लिए ऐसा किया था.
• दिसंबर, 2018 में भारतीय सेना के जवानों को मिलने वाली दिव्यांगता पेंशन को लेकर दी गई बिपिन रावत की एक राय ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था. दरअसल, उन्होंने उन सैनिकों को चेतावनी दी थी, जो खुद को गलत तरीके से खुद को दिव्यांग दिखाकर पेंशन के जरिये अतिरिक्त पैसा कमाने की लालसा रखते हैं. उन्होंने कहा था कि अगर कोई सैनिक वास्तव में दिव्यांग है, तो हम उन पर विशेष ध्यान देंगे और आर्थिक रूप से भी उनकी पूरी मदद करेंगे. लेकिन, जो लोग गलत तरीके से खुद को दिव्यांग कहते हैं और अपनी विकलांगता को पैसा कमाने का एक तरीका बनाते हैं, मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं कि आप अपने तरीके से इस मामले में बेहतर सुधार करें, अन्यथा कुछ दिनों में आपको सेना मुख्यालय से विशेष निर्देश प्राप्त हो सकते हैं, जो आपके लिए अच्छी खबर नहीं होगी.
• दिसंबर, 2019 में जनरल बिपिन रावत का एक बयान, जो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ किए जा रहे देशव्यापी प्रदर्शनों के विरोध में था, में हिंसक विरोधों की सार्वजनिक रूप से निंदा करने के मामले में था. इस बयान पर काफी विवाद हुआ था. उन्होंने कहा था कि कई विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र हाज़ारों की संख्या में भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं जो हमारे शहरों में हिंसा और आगजनी कर रहे हैं. ये नेतृत्व नहीं है. नेता वो होता है जो आपकी सही दिशा में ले जाता है और सही सलाह देता है. बिपिन रावत के इस बयान पर विपक्षी नेताओं और सेना के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने काफी आलोचना की थी.
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