यशराज कैंप की शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण स्टारर पठान की रिलीज में बस कुछ दिन बचे हैं. लेकिन विवाद हैं, जो ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे. फिल्म और फिल्म के गाने बेशर्म रंग ने लोगों को किस हद तक आहत किया है? देश में चल रहे अलग अलग विरोध प्रदर्शन इसकी तस्दीख स्वयं कर रहे हैं. अब सवाल ये है कि, क्या विरोध का मतलब ये है कि कानून को कानून के सामने ही हाथों में ले लिया जाए? अराजकता का नंगा नाच नाचा जाए? विरोध के नाम पर गुजरात स्थित अहमदाबाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जो कुछ किया उसे देखकर तो कुछ ऐसा ही लग रहा है. अहमदाबाद में शाहरुख खान की फिल्म पठान के प्रमोशन के दौरान हंगामे की शुरुआत उस वक़्त हुई जब बजरंग दल के कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे का उद्घोष करते हुए एक मॉल में घुस गए और विरोध के नाम पर वहां जमकर उपद्रव मचाया. दिलचस्प ये कि जब बवाल हो रहा था पुलिस मौके पर मौजूद थी.
दरअसल हुआ है कुछ यूं है कि अहमदाबाद के अल्फावन मॉल में प्रमोशन के लिहाज से 'पठान' फिल्म के पोस्टर लगाए गए थे. इसी जानकारी को आधार बनाकर बजरंग दल के कार्यकर्ता मॉल में घुसे और वहां जमकर हंगामा किया. घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल है. वीडियो देखा जाए तो मिलता है कि कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं और पठान की होर्डिंग को जमीन में गिराकर उसपर लातें बरसा रहे हैं.
वीडियो में दो पुलिस वाले भी दिख रहे हैं लेकिन जैसा उनका रवैया रहा उसे देखकर लग यही रहा है कि जैसे उपद्रवी बजरंगदल कार्यकर्ताओं को कानून या पुलिस का कोई खौफ ही नहीं था. मॉल में बवाल काटने...
यशराज कैंप की शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण स्टारर पठान की रिलीज में बस कुछ दिन बचे हैं. लेकिन विवाद हैं, जो ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे. फिल्म और फिल्म के गाने बेशर्म रंग ने लोगों को किस हद तक आहत किया है? देश में चल रहे अलग अलग विरोध प्रदर्शन इसकी तस्दीख स्वयं कर रहे हैं. अब सवाल ये है कि, क्या विरोध का मतलब ये है कि कानून को कानून के सामने ही हाथों में ले लिया जाए? अराजकता का नंगा नाच नाचा जाए? विरोध के नाम पर गुजरात स्थित अहमदाबाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जो कुछ किया उसे देखकर तो कुछ ऐसा ही लग रहा है. अहमदाबाद में शाहरुख खान की फिल्म पठान के प्रमोशन के दौरान हंगामे की शुरुआत उस वक़्त हुई जब बजरंग दल के कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे का उद्घोष करते हुए एक मॉल में घुस गए और विरोध के नाम पर वहां जमकर उपद्रव मचाया. दिलचस्प ये कि जब बवाल हो रहा था पुलिस मौके पर मौजूद थी.
दरअसल हुआ है कुछ यूं है कि अहमदाबाद के अल्फावन मॉल में प्रमोशन के लिहाज से 'पठान' फिल्म के पोस्टर लगाए गए थे. इसी जानकारी को आधार बनाकर बजरंग दल के कार्यकर्ता मॉल में घुसे और वहां जमकर हंगामा किया. घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल है. वीडियो देखा जाए तो मिलता है कि कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं और पठान की होर्डिंग को जमीन में गिराकर उसपर लातें बरसा रहे हैं.
वीडियो में दो पुलिस वाले भी दिख रहे हैं लेकिन जैसा उनका रवैया रहा उसे देखकर लग यही रहा है कि जैसे उपद्रवी बजरंगदल कार्यकर्ताओं को कानून या पुलिस का कोई खौफ ही नहीं था. मॉल में बवाल काटने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्होंने फिल्म को रिलीज नहीं करने की धमकी भी दी है. घटना के बाद वीएचपी और बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि 'पठान' के गाने बेशर्म रंग पर जारी विवाद के बाद वीएचपी ने धमकी दी थी कि वह गुजरात में कहीं भी फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं होने देगी. विरोध पर अपना पक्ष रखते हुए विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर गुजरात में 'पठान' की स्क्रीनिंग नहीं होने देंगे. वहीं उन्होंने ये भी कहा किअहमदाबाद में फिल्म की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन को राज्य भर के सभी थिएटर मालिकों को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए. उन्हें अपने थिएटर या मल्टीप्लेक्स में फिल्म को रिलीज करने से दूर रहना चाहिए.
विरोध हमारा संवैधानिक अधिकार है. पठान के समर्थन से लेकर विरोध तक जिसको जो करना है वो उसके लिए स्वतंत्र है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इस तरह एक पब्लिक प्लेस में आकर पुलिस के सामने जय श्री राम का नारा लगाते हुए उपद्रव करना सही है? अहमदाबाद पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इन उपद्रवियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज करना चाहिए ताकि इन्हें भी एहसास हो कि कानून से ऊपर कोई संस्था, कोई संगठन नहीं है.
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