चीन अब ऐसी हरकत कर रहा है जो भारत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. भारत के लिए अब सबसे ज्यादा चीन से डर है. चीन सड़क निर्माण कर रहा है. जो बॉर्डर के काफी पास है. बल्कि वो चीन में नहीं बल्कि भूटान में सड़क बनाने जा रहा है. जिसका विरोध भारत कर रहा है क्योंकि इससे भारत के 7 राज्य खतरे में हैं.
चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क निर्माण को 'वैध' करार दिया और कहा कि यह निर्माण चीन के उस इलाके में किया जा रहा है जो न तो भारत का है और न ही भूटान का, और किसी अन्य देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार है.
चीन ने इशारा किया कि भारत भूटान की ओर से दोंगलांग में सड़क निर्माण के प्रयासों का विरोध कर रहा है जिसका चीन के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा कि दोंगलांग चीनी क्षेत्र में आता है. यह अविवादित है. दोंगलांग क्षेत्र प्राचीन काल से चीन का हिस्सा है, भूटान का नहीं. भूटान इस शहर को डोकलम बुलाता है. लेकिन, चीन ने इसका नाम दोंगलांग बुलाता है.
अगर चीन यहां तक सड़क बनाने में कामयाब हो जाता है तो वो भारत के उस इलाके तक आ जाएगा, जो युद्ध रणनीति के लिए सबसे संवेदनशील है. यहीं से सिलिगुड़ी के पास का वह गलियारेनुमा इलाका है, जो बाकी भारत को उत्तर-पूर्व के 7 राज्यों से जोड़ता है. अगर चीन यहां तक सड़क बनाने में कामयाब होता है तो युद्धकाल में भारत के इस इलाके को काटकर देश के इन 7...
चीन अब ऐसी हरकत कर रहा है जो भारत के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है. भारत के लिए अब सबसे ज्यादा चीन से डर है. चीन सड़क निर्माण कर रहा है. जो बॉर्डर के काफी पास है. बल्कि वो चीन में नहीं बल्कि भूटान में सड़क बनाने जा रहा है. जिसका विरोध भारत कर रहा है क्योंकि इससे भारत के 7 राज्य खतरे में हैं.
चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क निर्माण को 'वैध' करार दिया और कहा कि यह निर्माण चीन के उस इलाके में किया जा रहा है जो न तो भारत का है और न ही भूटान का, और किसी अन्य देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार है.
चीन ने इशारा किया कि भारत भूटान की ओर से दोंगलांग में सड़क निर्माण के प्रयासों का विरोध कर रहा है जिसका चीन के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा कि दोंगलांग चीनी क्षेत्र में आता है. यह अविवादित है. दोंगलांग क्षेत्र प्राचीन काल से चीन का हिस्सा है, भूटान का नहीं. भूटान इस शहर को डोकलम बुलाता है. लेकिन, चीन ने इसका नाम दोंगलांग बुलाता है.
अगर चीन यहां तक सड़क बनाने में कामयाब हो जाता है तो वो भारत के उस इलाके तक आ जाएगा, जो युद्ध रणनीति के लिए सबसे संवेदनशील है. यहीं से सिलिगुड़ी के पास का वह गलियारेनुमा इलाका है, जो बाकी भारत को उत्तर-पूर्व के 7 राज्यों से जोड़ता है. अगर चीन यहां तक सड़क बनाने में कामयाब होता है तो युद्धकाल में भारत के इस इलाके को काटकर देश के इन 7 राज्यों से काटने की हिमाकत भी कर सकता है. चीन पहले ही उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश को अपना इलाका बताता रहा है. चीन, अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिणी तिब्बत’ बताता है.
ल्यू कांग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि सिक्किम का प्राचीन नाम 'झी' था. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने जिस क्षेत्र पर आपत्ति उठाई है वह इस संधि के मुताबिक निसंदेह चीन की सीमा की ओर स्थित है. यानी भूटान के दोंगलांग जैसे वो अपना बताकर सड़क निर्माण कर रहा है.
हो सकता है कि आने वाले समय में चीन सिक्किम में सड़क निर्माण करने लगे. जिससे भारत में डरा हुआ है. कुल मिलाकर चीन का सड़क बनाने का मकसद भारत के नॉर्थ ईस्ट इलाकों को लेकर है. जैसे उसने भूटान में घुसकर सड़क बना रहा है वैसे ही चीन भारत में भी ये हरकत कर सकता है. ऐसे में मोदी को प्लान बनाकर ड्रैगन पर वार करना चाहिए.
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