जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ कोई नई बात नहीं है. इस इलाके में कई बार चीनी सेना भारतीय इलाके पर अपना दावा ठोकती रही लेकिन फिलहाल भारत की तरफ से नर्मी के चलते घुसपैठ के मामलों को चीन के साथ स्थानीय लेवल पर निपटाया गया है. इसी महीने की 6 तारीख को लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल के पास डेमचोक गांव में जब स्थानीय लोग धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे तभी कुछ चीनी गाड़ियां गांव के पास पहुंच गईं. देखते ही देखते गाड़ी में सवार 6 लोग उतरे और गांव के पास चीनी झंडा लहराया और दलाई लामा के जन्मदिन समारोह का विरोध करने लगे. सादे कपड़ों में आए चीनी सैनिकों ने गांव वालों को धमकाया और डराया. भारतीय इलाके में करीब आधा घंटा गुजारने के बाद चीनी सैनिक वापस अपने इलाके में चले गए. मामले को नजरअंदाज करते हुए भारतीय सेना ने कहा कि मामला फ्लैग मीटिंग में चीनी सेना के साथ निपटाया गया. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को दिल्ली में कहा कि यह मामला स्थानीय लेवल पर फ्लैग मीटिंग में उठाया गया था और सुलझा भी लिया गया है.
लेकिन डेमचोक गांव के नंबरदार की मानें तो चीनी सेना अभी भी भारतीय इलाके में टेंट लगाकर बैठी है. डेमचोक के नंबरदार रिंग जिन ने कहा कि उनके गांव के लोगों को भेड़ बकरी चराने के लिए चीनी सेना की तरफ से चरागाह में जाने से रोका जा रहा है और चीनी सेना ने भारत के इलाके में कब्जा जमाकर उन्हें कई महीनों से डराना धमकाना शुरू किया है. नंबरदार ने यह भी कहा कि उन्होंने यह मामला स्थानीय आइटीबीपी पोस्ट और सेना को भी बताया लेकिन ना ही सेना ने मदद की और ना ही इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस ने, जो लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात है. गांव के नंबरदार...
जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ कोई नई बात नहीं है. इस इलाके में कई बार चीनी सेना भारतीय इलाके पर अपना दावा ठोकती रही लेकिन फिलहाल भारत की तरफ से नर्मी के चलते घुसपैठ के मामलों को चीन के साथ स्थानीय लेवल पर निपटाया गया है. इसी महीने की 6 तारीख को लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल के पास डेमचोक गांव में जब स्थानीय लोग धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे तभी कुछ चीनी गाड़ियां गांव के पास पहुंच गईं. देखते ही देखते गाड़ी में सवार 6 लोग उतरे और गांव के पास चीनी झंडा लहराया और दलाई लामा के जन्मदिन समारोह का विरोध करने लगे. सादे कपड़ों में आए चीनी सैनिकों ने गांव वालों को धमकाया और डराया. भारतीय इलाके में करीब आधा घंटा गुजारने के बाद चीनी सैनिक वापस अपने इलाके में चले गए. मामले को नजरअंदाज करते हुए भारतीय सेना ने कहा कि मामला फ्लैग मीटिंग में चीनी सेना के साथ निपटाया गया. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को दिल्ली में कहा कि यह मामला स्थानीय लेवल पर फ्लैग मीटिंग में उठाया गया था और सुलझा भी लिया गया है.
लेकिन डेमचोक गांव के नंबरदार की मानें तो चीनी सेना अभी भी भारतीय इलाके में टेंट लगाकर बैठी है. डेमचोक के नंबरदार रिंग जिन ने कहा कि उनके गांव के लोगों को भेड़ बकरी चराने के लिए चीनी सेना की तरफ से चरागाह में जाने से रोका जा रहा है और चीनी सेना ने भारत के इलाके में कब्जा जमाकर उन्हें कई महीनों से डराना धमकाना शुरू किया है. नंबरदार ने यह भी कहा कि उन्होंने यह मामला स्थानीय आइटीबीपी पोस्ट और सेना को भी बताया लेकिन ना ही सेना ने मदद की और ना ही इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस ने, जो लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात है. गांव के नंबरदार ने मामला लदाख के डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी तक भी पहुंचाया और डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें कहा कि वह ये मामला सेना के उच्च अधिकारियों के साथ भी उठाएंगे और इस मामले को लेकर दिल्ली के गृह मंत्रालय को भी लिखेंगे.
लेकिन एक बात तो साफ है कि चीन लगातार लद्दाख क्षेत्र में भारतीय इलाके पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश में लगा है. 15 अगस्त 2017 की तस्वीरें कौन भूल सकता है जब चीनी सेना भारतीय इलाके में घुसकर इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस पर हाथापाई पर उतर आई थी. किसी तरीके से मामले को सुलझाया गया था. लेकिन सीमाओं पर तनाव लगातार बढ़ रहा है और चीन की चालबाजी के साथ-साथ गुस्ताखियां भी चली आ रही हैं. लेकिन भारत सरकार की तरफ से फिलहाल चीन की गुस्ताखियों को नर्मी से ही लिया जा रहा है. लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ भारत की कई सौ किलोमीटर सीमा है और ये इलाका काफी दूर दराज़ और बिना किसी देखरेख के भी है. ना ही इस सीमा पर चीन की तरफ से तैनाती है और ना ही भारतीय सेना की तरफ से. सर्दियों में तो सीमा पर आवाजाही ठप सी हो जाती है. लेकिन गर्मी के महीनों में दोनों सेनाएं अपने-अपने इलाकों पर पेट्रोलिंग करते हैं.
भारतीय सेना का कहना है कि चीन से लगने वाली सीमा को लेकर दोनों देशों में मतभेद है और नजरिए में विवाद है जो इलाका भारत का है चीन उसे अपना इलाका मानता है और यही कारण है कि कई बार पेट्रोलिंग के दौरान चीनी सेना के साथ भारतीय सेना का आमना सामना होता है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के निपटारे के लिए कई बार बैठकें तो हुईं लेकिन लद्दाख क्षेत्र में चीन से लगने वाली सीमा पर अभी तक कोई निशानदेही नहीं हो पाई है. और शायद यही कारण है चीन लगातार इस इलाके में अपना दावा ठोकने की प्रयास में लगा है. और शायद तब तक यह तनाव बना रहेगा जब तक दोनों देशों के बीच सीमाओं पर तारबंदी या फिर दोनों देशों की सहमति से निशानदेही नहीं हो जाती है.
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