यूपी में कांग्रेस कहां है? सवाल सीधा है और उससे भी सीधा है इसका जवाब. लेकिन पंजाब में मामला अलग है. पंजाब में सत्ता की चाभी कांग्रेस के हाथ में है और चौकीदार की भूमिका में चरणजीत सिंह चन्नी हैं. चन्नी को लेकर जैसा रवैया एक पार्टी के रूप में कांग्रेस, पार्टी के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी और यूपी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका का है, चाहते सब यही हैं कि एक बार फिर सत्ता कांग्रेस के पास और चन्नी ही पंजाब के चौकीदार रहें. जैसे हालात पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाने के बाद बने हैं, भले ही नवजोत सिंह सिद्धू आलोचना करते हुए एक के बाद एक षडयंत्र रचें लेकिन चन्नी को अपने कद का अंदाजा है. चन्नी जानते हैं कि पंजाब के लिए वो कांग्रेस पार्टी की मजबूरी नहीं बल्कि अहम जरूरत हैं जो अपने बल बूते अधर में फंसी पार्टी को आगे ले जा सकते हैं. ये चन्नी का मैं फैक्टर ही है जिसने उन्हें यूपी और बिहार के सिलसिले में एक ऐसी बात कहने पर विवश कर दिया जो न केवल उनकी चोटी सोच दर्शाती है बल्कि जिससे यूपी में विधनसभा चुनावों में कांग्रेस और स्वयं प्रियंका गांधी को लेने के देने पड़ सकते हैं.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने क्षेत्रवाद को मुद्दा बनाया है और यूपी बिहार पर ऐसी टिप्पणी की है जो विवाद की वजह बनी है. ध्यान रहे बीते दिन यूपी में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के रूपनगर में थे.
चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका ने कहा कि 'समझदारी का इस्तेमाल करो, चुनाव का समय है, लंबी-लंबी बातें नहीं कहना चाहती लेकिन पंजाब के लोगो,...
यूपी में कांग्रेस कहां है? सवाल सीधा है और उससे भी सीधा है इसका जवाब. लेकिन पंजाब में मामला अलग है. पंजाब में सत्ता की चाभी कांग्रेस के हाथ में है और चौकीदार की भूमिका में चरणजीत सिंह चन्नी हैं. चन्नी को लेकर जैसा रवैया एक पार्टी के रूप में कांग्रेस, पार्टी के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी और यूपी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका का है, चाहते सब यही हैं कि एक बार फिर सत्ता कांग्रेस के पास और चन्नी ही पंजाब के चौकीदार रहें. जैसे हालात पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाने के बाद बने हैं, भले ही नवजोत सिंह सिद्धू आलोचना करते हुए एक के बाद एक षडयंत्र रचें लेकिन चन्नी को अपने कद का अंदाजा है. चन्नी जानते हैं कि पंजाब के लिए वो कांग्रेस पार्टी की मजबूरी नहीं बल्कि अहम जरूरत हैं जो अपने बल बूते अधर में फंसी पार्टी को आगे ले जा सकते हैं. ये चन्नी का मैं फैक्टर ही है जिसने उन्हें यूपी और बिहार के सिलसिले में एक ऐसी बात कहने पर विवश कर दिया जो न केवल उनकी चोटी सोच दर्शाती है बल्कि जिससे यूपी में विधनसभा चुनावों में कांग्रेस और स्वयं प्रियंका गांधी को लेने के देने पड़ सकते हैं.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने क्षेत्रवाद को मुद्दा बनाया है और यूपी बिहार पर ऐसी टिप्पणी की है जो विवाद की वजह बनी है. ध्यान रहे बीते दिन यूपी में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के रूपनगर में थे.
चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका ने कहा कि 'समझदारी का इस्तेमाल करो, चुनाव का समय है, लंबी-लंबी बातें नहीं कहना चाहती लेकिन पंजाब के लोगो, बहनो-भाइयों जो आपके सामने है, उसे ठीक से पहचानो... प्रियंका गांधी का इतना कहना भर था सीएम चन्नी का कॉन्फिडेंस ओवर कॉन्फिडेंस में तब्दील ही गया और उन्होंने पंजाबी बनाम बाहरी का कार्ड खेल दिया.
जनता को सम्बोधित करते हुए सीएम चन्नी ने कहा कि एक साथ हो जाओ पंजाबियों. यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है. वहीं वोटबैंक की राजनीति के तहत प्रियंका को भी पंजाबी बताते हुए चन्नी ने कहा कि, पंजाबियों की बहू हैं प्रियंका गांधी...पंजाबन हैं, पंजाबियों की बहू हैं, पूरी ताकत के साथ एक तरफ हो जाओ पंजाबियो...यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइया जो पंजाब में आकर राज करना चाहते हैं उन्हें घुसने नहीं देंगे.
इस पूरे मामले में दिलचस्प ये है कि जिस वक़्त चन्नी पंजाबी बनाम बाहरी का कार्ड फ़ेंक रहे थे प्रियंका गांधी मंच पर खड़ी थीं और चन्नी की इन विवादित बातों को सुन मंद मंद मुस्कुरा रही थीं. भाजपा ने प्रियंका की इसी बेशर्मी भरी हंसी को मुद्दा बनाया है और उनपर बड़ा हमला किया है.
सीएम चन्नी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि चन्नी जी, आपने ये जो बिहार, यूपी और दिल्ली के लोगों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है. मैं इसकी निंदा करता हूं. हर पूर्वांचली पंजाब को प्यार करता है लेकिन आपकी इस छोटी सोच के बाद ये सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश में आपकी प्रियंका दीदी कैसे प्रचार करेंगी? कैसे यूपी में वोट मांगेंगी? ये कांग्रेस की वही सोच है कि फूट डालो और राज करो.
वहीं भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने भी चन्नी का वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि, 'मंच से पंजाब के मुख्यमंत्री यूपी, बिहार वालों को अपमानित करते हैं और प्रियंका वाड्रा बगल में खड़े हो कर हंस रही है, तालियां बजा रही हैं… ऐसे करेगी कांग्रेस यूपी और देश का विकास? लोगों को आपस में लड़ा कर?'
पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी भी फाइट में है इसलिए पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद मोर्चा संभाला है और चन्नी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि 'यह बेहद शर्मनाक है. हम किसी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियों की निंदा करते हैं. क्योंकि मौके पर प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं इसलिए केजरीवाल ने प्रियंका को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रियंका का भी यूपी से ताल्लुक है. तब तो वह भी भइया हुईं.'
ध्यान रहे चुनावों के दौरान नेताओं पर सिर्फ विपक्ष के नेताओं की ही नहीं बल्कि जनता की भी निगाह रहती है इसलिए यूपी और बिहार वालों पर चन्नी का ये रवैया पार्टी के लिए पंजाब में बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है. माना जा रहा है कि चन्नी के इस बयान का खामियाजा कांग्रेस को शहरी इलाकों में भुगतना पड़ेगा जहां यूपी और बिहार के प्रवासियों की बड़ी संख्या है.
चूंकि ये सब प्रियंका गांधी के सामने हुआ है और पंजाब के साथ साथ यूपी में भी चुनाव हैं.तो माना ये भी जा रहा है कि यूपी बिहार को लेकर चन्नी द्वारा कही इन बातों का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा.
गौरतलब है कि यूपी का चुनावी रण जीतना प्रियंका गांधी के स्वाभिमान से जुड़ा मुद्दा है और क्योंकि पंजाब में चन्नी की बातों पर खफा होने के बजाए प्रियंका हंस रही थीं. मुस्कुरा रही थीं तो यूपी बिहार के लोगों के प्रति प्रियंका की वास्तविक सोच क्या है? उनके पंजाब में बर्ताव ने साबित कर दिया है.
बतौर यूपी में कांग्रेस की महासचिव इस बात पर गौर करें कि जनता सब कुछ देख रही है और साथ ही उसे बेवकूफ किसी भी सूरत में नहीं बनाया जा सकता. इस बात में कोई शक नहीं है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक भद्दी और वाहियात बात की थी.
प्रियंका यदि सच में यूपी की हितैषी होतीं तो अगर वो चन्नी को फटकार न भी लगतीं तो मंच छोड़कर अपना विरोध दर्ज कर सकती थीं. लेकिन जब वो चन्नी की बातों पर बेशर्मी का परिचय देते हुए हंसीं कई बातें खुद ब खुद साफ़ हो गयीं. बहरहाल हम फिर इस बात को कह रहे हैं कि जनता सब देख रही है 10 मार्च को इस बात का फैसला हो जाएगा कि पंजाब में चन्नी द्वारा कही बात से यूपी केलोग आहात हुए हैं या नहीं.
ये भी पढ़ें -
केजरीवाल पर कुमार विश्वास के बयान की स्क्रिप्ट किसने लिखी है?
मुख्तार अंसारी से दूरी बनाने की नौबत अखिलेश-राजभर की जोड़ी के सामने भाजपा ने पैदा की है!
Deep Sidhu Death: हत्या या हादसा? Twitter पर हजारों मुंह हैं, हज़ारों तरह की बातें हैं!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.