देश के सबसे बड़े सूबों में शुमार उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए और योगी आदित्यनाथ को पार्टी द्वारा प्रदेश के मुखिया की अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी. योगी को उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश का मुख्यमंत्री बने 3 महिना हो चुका है. बीते तीन महीनों में प्रदेश में ऐसी बहुत सी चीजें घटित हुईं जो शायद ही कभी हुई हों, जिन्हें प्रदेश की जनता ने पूरे मन से सराहा. कहा जा सकता है कि इन बीते हुए तीन महीनों में कुछ चीजों को देखकर प्रदेश की जनता को जहां एक तरफ संतोष हुआ तो वहीं कुछ चीजें ऐसी थीं जिनको देखकर न सिर्फ विपक्ष ने बल्कि प्रदेश की जनता तक ने योगी सरकार की आलोचना की.
बहरहाल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 100 दिन पूरे हो गए हैं और इस अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया और अपने को 100 में से 100 नंबर दिए. मुख्यमंत्री ने कुछ अलग न करते हुए वही किया जो एक आम नेता करता है.
यानी अपने काम काज और अपनी सरकार की तारीफ. मगर अब भी ऐसा बहुत कुछ है जो इस रंगीन परदे के पीछे है. तो इसी क्रम में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं यूपी सरकार के उस दूसरे रिपोर्ट कार्ड से जिसके बारे में न तो आपको स्वयं मुख्यमंत्री बताएंगे न ही भाजपा.
गौरतलब है कि सत्ता में आने से पहले भाजपा लगातार प्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार पर ये आरोप अलग रही थी की प्रदेश में लॉ एंड आर्डर अपनी सबसे खराब स्थिति में है अब अगर योगी सरकार के बाद के उत्तर प्रदेश को देखें तो मिलता है कि अब भी प्रदेश की स्थिति जस की तस है. योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में अपराध के मामलों में कोई कमी दर्ज नहीं करी गयी है और प्रदेश...
देश के सबसे बड़े सूबों में शुमार उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए और योगी आदित्यनाथ को पार्टी द्वारा प्रदेश के मुखिया की अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी. योगी को उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश का मुख्यमंत्री बने 3 महिना हो चुका है. बीते तीन महीनों में प्रदेश में ऐसी बहुत सी चीजें घटित हुईं जो शायद ही कभी हुई हों, जिन्हें प्रदेश की जनता ने पूरे मन से सराहा. कहा जा सकता है कि इन बीते हुए तीन महीनों में कुछ चीजों को देखकर प्रदेश की जनता को जहां एक तरफ संतोष हुआ तो वहीं कुछ चीजें ऐसी थीं जिनको देखकर न सिर्फ विपक्ष ने बल्कि प्रदेश की जनता तक ने योगी सरकार की आलोचना की.
बहरहाल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 100 दिन पूरे हो गए हैं और इस अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया और अपने को 100 में से 100 नंबर दिए. मुख्यमंत्री ने कुछ अलग न करते हुए वही किया जो एक आम नेता करता है.
यानी अपने काम काज और अपनी सरकार की तारीफ. मगर अब भी ऐसा बहुत कुछ है जो इस रंगीन परदे के पीछे है. तो इसी क्रम में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं यूपी सरकार के उस दूसरे रिपोर्ट कार्ड से जिसके बारे में न तो आपको स्वयं मुख्यमंत्री बताएंगे न ही भाजपा.
गौरतलब है कि सत्ता में आने से पहले भाजपा लगातार प्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार पर ये आरोप अलग रही थी की प्रदेश में लॉ एंड आर्डर अपनी सबसे खराब स्थिति में है अब अगर योगी सरकार के बाद के उत्तर प्रदेश को देखें तो मिलता है कि अब भी प्रदेश की स्थिति जस की तस है. योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में अपराध के मामलों में कोई कमी दर्ज नहीं करी गयी है और प्रदेश में अपराध का ग्राफ घटने के बजाए लगातार बढ़ रहा है.
प्रदेश में पेट्रोल पम्प मालिक के साथ हुई लूट, कारोबारियों की मौत, कांस्टेबल की गोली मार के हत्या, एक ही परिवार के चार लोगों का मरना, सहारनपुर में लोगों का जातिगत संघर्ष, घेवर कांड, मऊ में मौलवी की हत्या,आगरा में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस वालों को दौड़ा - दौड़ा के मरना, आये दिन होते बलात्कार चींख - चींख के यू पी की लचर कानून व्यवस्था का बखान कर रहे हैं.
कह सकते हैं कि बीते तीन महीनों के दौरान अखबार ऐसी तमाम ख़बरों से पटे पड़े हैं जो ये बात सिद्ध करती है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की कानून व्यवस्था ठीक करना अभी भी योगी सरकार के लिए एक टेढ़ी खीर है.
एंटी रोमियो स्क्वाड और मॉरल-पोलिसिंग
चुनाव पूर्व ये कहा गया था कि मनचलों से निपटने के लिए सरकार एंटी रोमियो स्क्वाड का निर्माण करेगी. सत्ता में आने के बाद सरकार ने अपना वादा पूरा किया मगर इससे हालत और गंभीर हो गयी. कई ऐसे मामले प्रकाश में आए जब लोगों को सरकार के इस 'स्क्वाड' से खासी दिक्कत हुई.
कल्चर की रक्षा के लिए न सिर्फ लोगों को मारा पीटा गया बल्कि यहां तक सुनने में आया कि पकड़ने के बाद, छोड़ने के नाम पर स्क्वाड लोगों से पैसे तक वसूल रहा है. कहा जा सकता है कि लोगों की सुविधा से ज्यादा सरकार के इस स्क्वाड ने लोगों को परेशान ही करने का काम किया.
अधूरी तैयारी के बीच पेट्रोल पंपों को सील करना
पेट्रोल पम्पों की मनमानी पर लगाम सरकार की एक तारीफ करने योग्य पहल थी मगर इसमें भी कई कमियां देखने को मिलीं. ज्ञात हो कि राजधानी लखनऊ और आस पास के क्षेत्रों में कई ऐसे पेट्रोल पम्पों को सील किया गया जो चिप लगाकर पेट्रोल चोरी कर रहे थे इस पूरे प्रकरण में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जहां लोगों ने पेट्रोल लेने के लिए घंटों लाइन में लगकर अपना समय बर्बाद किया. विपक्ष ने योगी सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में आलोचना की और कहा कि यदि सरकार को ऐसा करना ही था तो इसके लिए पूर्व में ही सूचना दे देनी चाहिए थी.
बूचड़खानों पर कार्रवाई से लाखों लोगों पर रोज़गार का संकट
संघ और भाजपा के बीच योगी अपने फायर ब्रांड व्यक्तित्व और 'कड़े फैसलों' के लिए जाने जाते हैं. चुनाव के पहले जनसभाओं में लोगों के बीच अपनी छवि मेंटेन करने के लिए योगी ने उत्तर प्रदेश में मांस के पूर्ण प्रतिबन्ध की बात कही थी. पार्टी के सत्ता में आने और मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद प्रदेश में मांसबंधी करते हुए उन्होंने प्रदेश में अपनी पारी की शुरुआत की थी.
ज्ञात हो कि सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना हुई थी.ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के इस तुगलकी फरमान से कई लोगों को अपने बरसों पुराने रोज़गार से हाथ धोना पड़ा था. विपक्ष ने इसे न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश के राजस्व से जोड़ते हुए कहा था कि योगी सरकार के इस फैसले से देश के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ है.
बिजली की समस्या आज भी वैसे की वैसी
भले ही योगी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करते हुए अपने बड़े दिल का परिचय दिया हो मगर आज भी प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में लोगों को बिजली बमुश्किल ही 7 से 8 घंटे मिल पा रही है जिससे एक तरफ जहां लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं फसलों को पानी न दे पाने के चलते प्रदेश के तमाम किसान परेशान हैं.
ज्ञात हो कि इस बिंदु पर भाजपा ने बहुत बड़ी बड़ी बातें की थीं और लोगों को आश्वासन दिया था कि वो जनता को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराएगी. बिजली के मामले में आज जो प्रदेश के हालात हैं वो किसी से छुपे नहीं है दूर दराज के इलाकों की बात क्या कि जाये जब खुद राजधानी वासियों को 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है.
अंत में इतना ही कि इन बातों से एक बात तो साफ है कि भले ही योगी सरकार अपने को 100 में से 100 नंबर दे रही हो मगर जमीनी स्तर पर अब भी ऐसी बहुत सी बातें हैं जिनको देखकर लगता है कि बहुत सी चीजों को मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने या तो अधूरा छोड़ दिया है या फिर सिरे से नकार दिया है. आज प्रदेश की जो स्थिति है उसको देखकर यही कहा जा सकता है कि अब भी प्रदेश में अच्छे दिन आने में वक्त लगेगा.
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