रॉबर्ड वाड्रा को लेकर कांग्रेस शुरू से ही बचाव की मुद्रा में देखी जाती रही है. यहां तक कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तब भी. लेकिन अमित शाह के बेटे को लेकर विवाद होने के बाद कांग्रेस ने पैंतरा बदला है.
पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम का नाम बदलने का सुझाव दिया. फिर बीजेपी के पलटवार से जल्द ही ये मामला 'बेटा बचाओ' बनाम 'दामाद बचाओ' की जंग में तब्दील हो गया. जब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाड्रा पर खामोशी को लेकर कांग्रेस को घेरा तो पार्टी के प्रवक्ता खुली चुनौती दे डाली. फिलहाल तो ये गेंद पूरी तरह मोदी सरकार के पाले में है. इस बार कांग्रेस की चुनौती स्वीकार करने के अलावा सरकार के पास कोई चारा भी नहीं दिखता.
एक दार्शनिक टिप्पणी
एक न्यूज चैनल ने खबर दी कि हथियार कारोबारी संजय भंडारी ने रॉबर्ट वाड्रा के लिए एयर टिकट बुक कराये थे. चैनल के मुताबिक अगस्त 2012 में वाड्रा की एक विदेश यात्रा के लिए ये टिकट हथियार कारोबारी के ट्रैवेल एजेंट ने बुक कराए थे. चैनल का दावा है कि उसके पास इस बात के दस्तावेजी सबूत भी हैं कि वाड्रा और भंडारी एक दूसरे से संपर्क में रहे हैं. हालांकि, रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि वाड्रा ने उस टिकट पर सफर किया था या नहीं. पहले भी, वाड्रा पर भंडारी से रिश्ते के आरोप लग चुके हैं, लेकिन वो इससे इनकार करते रहे हैं. ताजा आरोपों पर रॉबर्ट वाड्रा ने सीधे सीधे रिएक्ट तो नहीं किया है, लेकिन इसी दौरान फेसबुक पर एक पोस्ट की है जिसमें वो अपनी बात बिलकुल दार्शनिक अंदाज में अपनी बात कहते हैं. ये पोस्ट एक तस्वीर है जिसके बैकग्राउंड में घोड़े नजर आते हैं.
वाड्रा ने लिखा है, "गुड मॉर्निंग! मैं सक्षम हूं, मैं सशक्त हूं. मैं अपने सपनों को योजना में और अपनी योजना को अपनी हकीकत में बदल सकता हूं.'
बोले तो...
मोदी सरकार को कांग्रेस की चुनौती
न्यूज चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारण ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस मामले में कम से कम तीन ऐसे लेन देन हुए हैं जो गंभीर नजर आते हैं. निर्मला ने इस मु्द्दे पर सोनिया और राहुल गांधी की खामोशी पर भी सवाल उठाये. हालांकि, उन्होंने सफाई भी दी कि वो उनके बीच कोई संबंध नहीं जोड़ रहीं, बल्कि सिर्फ चुप्पी पर सवाल उठा रही हैं क्योंकि असलियत का पता लगाना तो जांच एजेंसियों का काम है.
निर्मला की के आरोप अपनी जगह हैं, लेकिन सोनिया गांधी वाड्रा पर लगे आरोपों पर बोल चुकी हैं. जब लंदन में वाड्रा की बेनामी संपत्ति का मामला उछला तो सोनिया ने सरकार के खिलाफ बड़े ही सख्त लहजे में कहा था, "वो पीएम हैं कोई शहंशाह नहीं हैं, रॉबर्ट वाड्रा पर इल्जाम लगाना कांग्रेस मुक्त भारत का हिस्सा है."
वाड्रा को लेकर कांग्रेस इस बार आर या पार के मूड में आ गयी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने मोदी सरकार को किसी भी तरीके से जांच करा लेने की ही चुनौती दे डाली है. सूरजेवाला ने कहा कि पिछले 41 महीनों से लगातार वाड्रा को परेशान और टारगेट किया जा रहा है.
सूरजेवाला ने कहा, "हरियाणा और राजस्थान में उनकी सरकार है, जो चाहें कोई भी जांच करा लीजिए. स्वतंत्र और निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया से किसी गलत चीज का पता लगा लीजिए."
खामोशी, खंडन और मानहानि के दावे
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार के आने के बाद 2008 की एक लैंड डील के लिए ढींगरा कमीशन का गठन किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस एसएन ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस सौदे में बगैर एक पैसा खर्च के गैरकानूनी तरीके से 50 करोड़ रुपये का फायदा लिया गया. अभी दो महीने पहले राजस्थान सरकार की सलाह पर सीबीआई ने बीकानेर में जमीन के सौदों में गड़बड़ी के 18 केस दर्ज कर जांच शुरू की है. इन्हीं में रॉबर्ट वाड्रा की भी एक कंपनी है.
आरोप लगने पर नेताओं की खामोशी पर सवाल उठाये जाते रहे हैं. फिलहाल निर्मला सीतारमण ने ऐसा ही सवाल सोनिया और राहुल गांधी पर उठाया है. ऐसे मामलों में नेताओं की तरफ से कुछ रेडीमेड बयान भी आ जाते रहे हैं - ये आरोप पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद है. अब इसका नया वर्जन आ गया है.
बीजेपी सरकारें बतायें - बात क्या है?
निर्मला सीतारमण से थोड़ा अलग बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव कहते हैं कि ये चुप्पी बताती है कि वो दोषी हैं. दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी प्रवक्ता ने नये हथियार से वार किया है, "अगर आप मानते हैं कि वाड्रा निर्दोष हैं तो आप मानहानि का दावा क्यों नहीं करते? ये वर्जन अमित शाह के बेटे द्वारा द वायर के खिलाफ 100 करोड़ की मानहानि के मुकदमे के बाद आया है.
सूरजेवाला ने कहा कि बीजेपी ने तो हरियाणा और न ही राजस्थान में जांच पड़ताल में अब तक किसी नतीजे पर पहुंच पायी है. कांग्रेस के इस कड़े तेवर के लिए कौन सी बात जिम्मेदार है - आरोपों में दम न होना, या फिर जांच में कुछ हासिल न हो पाना? बीजेपी के लिए अब बड़ी चुनौती यही है - और जिम्मेदारी भी. कांग्रेस ने गेंद बीजेपी और मोदी सरकार के पाले में डाल दी है. अब बीजेपी सरकारों के लिए चुनौती है कि वे जांच कराकर या तो आरोप साबित करें या फिर पूरी तरह वापस लें.
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