चुनाव (Election 2022) जो ना करा दे...कहीं पति-पत्नी स्वाति सिंह और दया शंकर सिंह एक ही सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. कहीं घर की छोटी बहू अपर्णा यादव अपने ससुराल की पार्टी सपा को छोड़ बीजेपी में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
तो पंजाब में विधायक पति का टिकट इसलिए टिकट कट गया क्योंकि पत्नी, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गईं थीं. आपको शायद यह सब बहुत कंफ्यूजिंग लग रहा होगा. असल में राजनीति में रिश्तेदारी चलती नहीं है, यहां तो बस पावर, सत्ता की भूख और कुर्सी की चाहत होती है. कब बेटा अपने ही बाप का दुश्मन हो जाए काई नहीं जानता, कभी मां-बेटी आमने-सामने होती हैं तो कभी भाई-भाई एक-दूसरे के विरोधी हो जाते हैं...कहीं पति-पत्नी का प्यारा रिश्ते को भूलकर जानी दुश्मन बन जाते हैं.
वैसे फिलहाल अंगद सिंह सैनी की बात कर रहे हैं जो पंजाब के नवांशहर से कांग्रेस विधायक थे. अंगद, कांग्रेस से बगावत करने वाली यूपी की विधायक अदिति सिंह के पति हैं. अदिति ने नवंबर 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. माना जा रहा है कि पत्नी के भाजपा ज्वाइन करने की वजह से ही पति अंगद का पंजाब में टिकट कट गया है. हालांकि टिकट वितरण के तीन दिन पहले ही अंगद ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपनी पत्नी के साथ रिश्तों की खटास की जानकारी दी थी. इस पोस्ट में अंगद ने जिक्र किया था कि अदिति पिछले एक साल से उनसे अलग रह रही हैं.
अंगद की फेसबुक पोस्ट में ऐसा क्या था?
अंगद को शायद पहले से ही इस बात का अंजादा था कि पत्ती अदिति के क्रांग्रेस छोड़ने के बाद उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. तभी तो पति-पत्नी के रिश्ते की निजी बातों को वे सोशल...
चुनाव (Election 2022) जो ना करा दे...कहीं पति-पत्नी स्वाति सिंह और दया शंकर सिंह एक ही सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. कहीं घर की छोटी बहू अपर्णा यादव अपने ससुराल की पार्टी सपा को छोड़ बीजेपी में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
तो पंजाब में विधायक पति का टिकट इसलिए टिकट कट गया क्योंकि पत्नी, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गईं थीं. आपको शायद यह सब बहुत कंफ्यूजिंग लग रहा होगा. असल में राजनीति में रिश्तेदारी चलती नहीं है, यहां तो बस पावर, सत्ता की भूख और कुर्सी की चाहत होती है. कब बेटा अपने ही बाप का दुश्मन हो जाए काई नहीं जानता, कभी मां-बेटी आमने-सामने होती हैं तो कभी भाई-भाई एक-दूसरे के विरोधी हो जाते हैं...कहीं पति-पत्नी का प्यारा रिश्ते को भूलकर जानी दुश्मन बन जाते हैं.
वैसे फिलहाल अंगद सिंह सैनी की बात कर रहे हैं जो पंजाब के नवांशहर से कांग्रेस विधायक थे. अंगद, कांग्रेस से बगावत करने वाली यूपी की विधायक अदिति सिंह के पति हैं. अदिति ने नवंबर 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. माना जा रहा है कि पत्नी के भाजपा ज्वाइन करने की वजह से ही पति अंगद का पंजाब में टिकट कट गया है. हालांकि टिकट वितरण के तीन दिन पहले ही अंगद ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपनी पत्नी के साथ रिश्तों की खटास की जानकारी दी थी. इस पोस्ट में अंगद ने जिक्र किया था कि अदिति पिछले एक साल से उनसे अलग रह रही हैं.
अंगद की फेसबुक पोस्ट में ऐसा क्या था?
अंगद को शायद पहले से ही इस बात का अंजादा था कि पत्ती अदिति के क्रांग्रेस छोड़ने के बाद उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. तभी तो पति-पत्नी के रिश्ते की निजी बातों को वे सोशल मीडिया पर ले आए. रिश्तों की कड़वाहट को जगजाहिर कर दिया. अब इसमें क्या सच है और क्या झूठ यह बात को पति-पत्नी को ही पता होगी. असल में अंगद ने इस पोस्ट में साफ किया था कि पत्नी की विचारधारा के कारण कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा पर शंका नहीं की जा जानी चाहिए. पत्नी के साथ संबंधों में मतभेद को विचारधारा में मतभेद के साथ न जोड़ा जाए. एक साल से अंगद पत्नी से दूर रह रहे थे लेकिन कांग्रेस के आलाकमान को संदेश देने के लिए इस दूरी और वैचारिक मतभेद को पूरी दुनिया के सामने ला दिया. उन्हें लगा होगा कि शायग यह जानने के बाद उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगा लेकिन फिर भी अंगद का टिकट कट गया. मतलब दुनिया के सामने पति-पत्नी अपनी कुर्सी बचाने के लिए अलग हो गए लेकिन पार्टी ने अपना फैसला उनके खिलाफ ही दिया.
इसके बाद लोगों को लगा था कि अंगद भी पत्नी के नक्शे कदम पर चलते हुए कहीं बीजेपी का दामन थाम लें लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अंगद ने निर्णय लिया है कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे और नवांशहर से निर्दल ही चुनाव लड़ेंगे.
कौन हैं अदिति सिंह
कांग्रेस से बगावत करने के बाद अदिति को रेबेल ऑफ रॉयबरेली कहा जाने लगा. अदिति बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी हैं. रायबरेली में उनके परिवार की काफी लोकप्रियता है. अदिति, कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से 2017 में चुनाव जीतीं और विधायक बन गईं. इसके पहले इस सीट पर 1993 से 2017 तक उनके पिता अखिलेश सिंह का कब्जा था. साल 2019 में अखिलेश सिंह का निधन हो गया. पिता के निधन पर शोक जताने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी रायबरेली स्थित उनके आवास पर गए थे. माना जाता है कि तभी से अदिति का झुकाव भाजपा की और बढ़ने लगा और वे बीजेपी में अपना भविष्य देखने लगीं और आखिरकार पार्टी ज्वाइ कर ली.
कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह काफी लंबे समय से अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठी थीं. एक समय था जब अदिति सिंह को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफी करीब माना जाता था लेकिन देखते ही देखते नजदीकियां दूरियों में तब्दील हो गईं.
अमेरिका से पढ़ाई पूरी करने के बाद अदिति ने साल 2019 में पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह सैनी से शादी कर ली थी. दोनों की शादी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. अदिति और उनके पति अंगद उत्तर प्रदेश और पंजाब की विधानसभाओं में सबसे कम उम्र के विधायक माने गए. हालांकि अब दोनों के बीच अनबन की खबरों में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा...
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