लोकसभा चुनाव को अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है और ऐसे समय में सभी राजनीतिक पार्टियां पूरे जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. खुद को बेहतर बताने से ज्यादा दूसरों को नीचा दिखाने पर मेहनत ज्यादा की जा रही है.
बीजेपी के नेता जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं, अपने भाषणों में देश की बदहाली के लिए नेहरू-गांधी परिवार को ही जिम्मेदार बताते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का गांधी परिवार के लिए ऐसा कहना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको को रास नहीं आ रहा. चाको ने गांधी परिवार को भारत का 'पहला परिवार' यानी first family कहते हुए कहा कि- 'भारत के पहले परिवार के लिए पीएम मोदी नकारात्मक राय रखते हैं. भारत का पहला परिवार वास्तव में भारत का पहला परिवार है. भारत उनके प्रति आभारी है.'
किस आधार पर पीसी चाको गांधी परिवार को 'प्रथम परिवार' कह रहे है?
चाको ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री आज अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की बात कर रहे हैं. वास्तविकता ये है कि भारत आज जो भी है वो पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व, योजनाओं और उनके निर्णयों की वजह है. भारत जब आजाद हुआ था, तब देश की स्थिति क्या थी?’
चाको ने आगे कहा ‘मोदी इतिहास को नहीं समझते. भारत अगर आज आत्मनिर्भर है, वो श्वेत क्रांति और हरित क्रांति की वजह से है और ये सब कुछ पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय में हुआ था. पंडित जवाहर लाल नेहरू और नेहरू परिवार के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. मोदी ये देखेंगे कि हमारे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जो कि भारत के पहले परिवार से आते हैं, वही प्रधानमंत्री बनेंगे.’
खैर गांधी परिवार ने क्या किया इसपर हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन गांधी परिवार को देश की फर्स्ट फैमिली यानी प्रथम परिवार कहे जाने पर लोगों को आपत्ति है. सोशल मीडिया पर लोग गांधी परिवार को 'फर्स्ट फैमिली' कहे जाने से बेहद नाराज हैं. लोगों का कहना है कि भारत यहां के लोगों की वजह से भारत बना है, न किसी विशेष परिवार की वजह से. भारत और भारतीय संविधान में फर्स्ट फैमिली का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं रहा है.
राजनीति में परिवारवाद है, इसे नकारा नहीं जा सकता लेकिन गांधी परिवार हमेशा ही निशाने पर रहा है. जवाहर लाल नेहरू को महात्मा गांधी ने प्रधानमंत्री बनाया था. 1959 में इंदिरा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बन गईं. 1966 से 77 तक इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री रहीं. 1984 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, सोनिया गांधी अध्यक्ष पद पर रहीं. 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने, सोनिया गांधी अध्यक्ष रहीं. बीजेपी आरोप लगाती रही है कि सत्ता सोनिया के पास है, मनमोहन कठपुतली हैं.
हालांकि अध्यक्ष पद संभालते वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि 'मैं वंशवाद की अवधारण के खिलाफ हूं.' लेकिन राहुल गांधी जब बर्कले की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में संबोधन करने पहुंचे तो उन्होंने कहा था कि हमारा देश परिवारवाद से ही चलता है. उनका कहना था 'परिवारवाद पर हमारी पार्टी पर निशाना न साधें, हमारा देश इसी तरह काम करता है. अखिलेश यादव, एमके स्टालिन, अभिषेक बच्चन कई तरह के उदाहरण हैं. इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं. जो मायने रखता है कि क्या उस व्यक्ति में क्षमता है या नहीं. अब तो मुकेश अंबानी के बाद अब इंफोसिस में भी ये चीज़ दिख रही है. लेकिन मैं अपनी पार्टी में इसमें कमी लाने की कोशिश कर रहा हूं'.
'हमारा देश परिवारवाद से ही चलता है'- राहुल गांधी
यानी राहुल गांधी खुद परिवारवाद को मानते हैं और इसी बात की वजह से वो शहजादे की तरह रहते हैं. यहां तक कि गांधी परिवार की पैरवी करने वालों ने राहुल के कॉन्फिडेंस को ओवर कॉन्फिडेंस बना डाला है. राहुल को पता है कि उनका कुछ बिगड़ने नहीं वाला अपने परिवार के नाम की वजह से वो कुछ भी करेंगे तो भी उनका करियर तो खराब नहीं होगा. सत्ता मिले न मिले, पार्टी की कमान तो उनके ही हाथों में रहेगा. इसी सोच ने राहुल गांधी को कभी भी आगे बढ़ने नहीं दिया. समय समय पर मजाक के पात्र बने रहे. उन्होंने कभी अपनी कमजोरियों को स्वीकार नहीं किया और यही वजह है कि उनके विरोधी उन्हें 'पप्पू' के नाम से बुलाते हैं.
कांग्रेस के नेता ये समझ लें कि हमारा देश परिवारवाद से न चला और न चलेगा. देश किसी परिवार का आभारी कभी नहीं होगा, वो आभारी होगा हर उस शख्स का जिसने भारत के लिए योगदान दिया है. और रही बात फर्स्ट फैमिली की तो इसपर बहस की गुंजाइश ही नहीं है, क्योंकि प्रथम नागरिक राष्ट्रपति हैं तो प्रथम परिवार भी राष्ट्रपति का ही होगा.
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