बीजेपी के बाद, कांग्रेस ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया और जनता से तमाम वादे किये हैं. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जो सबसे अहम वादा किया वो ये कि यदि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पीएफआई के साथ ही बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. तमाम वादों के बीच कांग्रेस मेनिफेस्टो में अंकित बजरंग दल बैन की बात को भाजपा ने बहुत गंभीरता से लिया और इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश करने की शुरुआत किसी और ने नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने की है. तिल को ताड़ कैसे किया जाता है कर्नाटक के होसपेट में रैली में आई हुई जनता उस वक़्त समझी जब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली (जबकि पीएफआई के साथ कांग्रेस ने बजरंगदल पर प्रतिबंध लगाने की बात अपने मेनिफेस्टो में की थी) को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प ले रहे है.
कांग्रेस मेनिफेस्टो पर बड़ा हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही स्पष्ट लहजे में इस बात को दोहराया कि, यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री...
बीजेपी के बाद, कांग्रेस ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया और जनता से तमाम वादे किये हैं. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जो सबसे अहम वादा किया वो ये कि यदि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पीएफआई के साथ ही बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. तमाम वादों के बीच कांग्रेस मेनिफेस्टो में अंकित बजरंग दल बैन की बात को भाजपा ने बहुत गंभीरता से लिया और इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश करने की शुरुआत किसी और ने नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने की है. तिल को ताड़ कैसे किया जाता है कर्नाटक के होसपेट में रैली में आई हुई जनता उस वक़्त समझी जब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली (जबकि पीएफआई के साथ कांग्रेस ने बजरंगदल पर प्रतिबंध लगाने की बात अपने मेनिफेस्टो में की थी) को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प ले रहे है.
कांग्रेस मेनिफेस्टो पर बड़ा हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही स्पष्ट लहजे में इस बात को दोहराया कि, यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री राम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है.'
चूंकि पीएम मोदी पूरे फॉर्म में थे. उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कर्नाटक के लोगों से वादा किया कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक की मान-मर्यादा और संस्कृति पर कोई आंच नहीं आने देगी. साथ ही बीजेपी कर्नाटक के विकास के लिए, यहां के लोगों को आधुनिक सुविधा और नए अवसर देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
ध्यान रहे कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इस बात का जिक्र किया है कि कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है. पार्टी का मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.
जिक्र कांग्रेस के मेनिफेस्टो का हुआ है तो बताते चलें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 5 गारंटियों (गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्ना भाग्य, युवा निधि और शक्ति) को दोहराया है. मेनिफेस्टो को लेकर कांग्रेस का कहना है कि यह घोषणापत्र सिर्फ एक वादा नहीं है, बल्कि बेहतर भविष्य और त्वरित विकास के लिए कर्नाटक के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता है.
मेनिफेस्टो में जहां कांग्रेस ने पुलिस वालों को नाईट ड्यूटी के बदले में हर महीने 5 हजार रुपये दिए जाने और भारत जोड़ो के लिए सोशल हार्मोनी कमेटी बनाने की बात की है. तो वहीं इसमें आंगनवाड़ी वर्कर्स की सैलरी 11,500 से बढ़ाकर 15,000 करने, भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई के लिए स्पेशल कानून बनाने का वादा भी कांग्रेस पार्टी ने किया है.
कांग्रेस इस बात को जानती है कि चुनावों से पहले हमेशा ही लोगों का ध्यान मुफ्त मिलने वाली चीजों पर रहता है. इसलिए अपने मेनिफेस्टो में उसने शक्ति योजना के माध्यम से नियमित केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में सभी महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, गृह ज्योति योजना के माध्यम से 200 यूनिट मुफ्त बिजली, अन्नभाग्य योजना में 10 किलो चावल की गारंटी, गृह लक्ष्मी योजना के माध्यम से परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को हर महीने 2,000 रुपये और युवानिधि योजना के माध्यम से बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये प्रति माह देने की बात भी की है.
बहरहाल भले ही अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस की तरफ से तमाम वादे किये गए हों. लेकिन जिस तरह उसने बजरंगदल पर बैन लगाने की बात की है. और जैसे इसे भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंगबली से जोड़ा है. आसानी से इस बात को समझा जा सकता है कि, कर्नाटक में तमाम मुख्य मुद्दे एक तरफ रहेंगे और यहां चुनाव धर्म के कार्ड पर ही लड़ा और राजनीतिक दलों विशेषकर भाजपा द्वारा जीता जाएगा.
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