एक ऐसे वक़्त में जब 2019 का आम चुनाव सिर पर है. ज़ाहिर है राम मंदिर का मुद्दा न सिर्फ फिर से भुनाया जाएगा बल्कि इसपर बातें होंगी और राजनीतिक रोटियां सेकी जाएंगी. वो लोग जो अपनी सरकार से ये पूछकर थक चुके हैं कि राम मंदिर कब बनेगा? अब उनके लिए थाईलैंड न सिर्फ निर्वाण और मुक्ति का मार्ग है बल्कि उनके सवालों का जवाब भी है. उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में जहां अब तक राम मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अधर में लटका है. वहीं थाईलैंड के अयोध्या (अयुथ्थया) में पूरे धार्मिक रीति रिवाज के साथ भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. चौंकने की जरूरत नहीं है. बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. भगवान श्री राम का भव्य मंदिर भारत में जब बनेगा तब बनेगा. थाईलैंड में इसकी शुरूआत हो चुकी है. ज्ञात हो कि थाईलैंड में राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट की तरफ से किया जा रहा है और बहुत जल्द ही यह बन कर तैयार भी हो जाएगा.
खबर की जानकारी खुद राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने दी है. पदाधिकारी के मुताबिक, थाईलैंड के अयुथ्थया में भूमि पूजन के बाद मंदिर की नींव रख दी गई है. थाईलैंड में मंदिर निर्माण पर न्यास ट्रस्ट का ये भी कहना है कि इस मंदिर के निर्माण का उद्देश्य भारत के बाहर भगवान राम के संदेश और शिक्षाओं को प्रचारित और प्रसारित करना है.
न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण ने भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण पर अपने तर्क पेश करते हुए कहा है कि, 'अभी अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है अतः हम राम भक्तों ने यहां अयुथ्थया में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है. भूमि पूजन होने के बाद अयुथ्थ्या में राम मंदिर के...
एक ऐसे वक़्त में जब 2019 का आम चुनाव सिर पर है. ज़ाहिर है राम मंदिर का मुद्दा न सिर्फ फिर से भुनाया जाएगा बल्कि इसपर बातें होंगी और राजनीतिक रोटियां सेकी जाएंगी. वो लोग जो अपनी सरकार से ये पूछकर थक चुके हैं कि राम मंदिर कब बनेगा? अब उनके लिए थाईलैंड न सिर्फ निर्वाण और मुक्ति का मार्ग है बल्कि उनके सवालों का जवाब भी है. उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में जहां अब तक राम मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अधर में लटका है. वहीं थाईलैंड के अयोध्या (अयुथ्थया) में पूरे धार्मिक रीति रिवाज के साथ भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. चौंकने की जरूरत नहीं है. बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. भगवान श्री राम का भव्य मंदिर भारत में जब बनेगा तब बनेगा. थाईलैंड में इसकी शुरूआत हो चुकी है. ज्ञात हो कि थाईलैंड में राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट की तरफ से किया जा रहा है और बहुत जल्द ही यह बन कर तैयार भी हो जाएगा.
खबर की जानकारी खुद राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने दी है. पदाधिकारी के मुताबिक, थाईलैंड के अयुथ्थया में भूमि पूजन के बाद मंदिर की नींव रख दी गई है. थाईलैंड में मंदिर निर्माण पर न्यास ट्रस्ट का ये भी कहना है कि इस मंदिर के निर्माण का उद्देश्य भारत के बाहर भगवान राम के संदेश और शिक्षाओं को प्रचारित और प्रसारित करना है.
न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण ने भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण पर अपने तर्क पेश करते हुए कहा है कि, 'अभी अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है अतः हम राम भक्तों ने यहां अयुथ्थया में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है. भूमि पूजन होने के बाद अयुथ्थ्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत कर दी गई है.'
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि थाईलैंड में इस मंदिर के निर्माण का एक अन्य उद्देश्य विश्व मानचित्र पर भारत को एक विश्वगुरू के रूप में स्थापित करना है. ध्यान रहे कि भारत में राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में थाईलैंड में मंदिर निर्माण अपने आप में दिलचस्प हो जाता है. अदालत के फैसले को लेकर शरण पूरी तरह आश्वस्त है कि फैसला उन्हीं के हक में आएगा.
अपने विश्वास को पुख्ता करते हुए शरण ने कहा है कि 'हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही फैसला हमारे पक्ष में आएगा और हम मंदिर निर्माण शुरू करेंगे. उम्मीद है कि 2019 के कुंभ के पहले अयोध्या में निर्माण शुरू हो जाएगा. साथ ही शरण ये भी मानते हैं कि थाईलैंड के अयुथ्थया में बन रहा ये मंदिर कहीं न कहीं मंदिर निर्माण की राहों को आसान करेगा.'
गौरतलब है कि थाईलैंड में भगवान श्री राम के इस भव्य मंदिर का निर्माण चाओ फ्रया नदी के किनारे हो रहा है. इस नदी की सबसे खास बात ये है कि नदी बैंकॉक शहर के बिल्कुल बीचों बीच होकर गुजरती है. बात अगर इस जगह के इतिहास की हो तो ऐसी मान्यता है कि पंद्रहवीं सदी में थाईलैंड की राजधानी का नाम अयुथ्थया था, जिसका नाम अयोध्या पर पड़ा है.
बताया ये भी जाता है कि 18वीं सदी में यहां एक राजा का उदय हुआ था, जिसने अपने नाम रखा और आज के बैंकॉक शहर को बसाया. इस राजा के विषय में ये भी कहा जाता है कि उस राजा ने ही थाईलैंड की मशहूर रामाकिन (रामायण) लिखी और उसे राष्ट्रीय महाकाव्य बनाया. साथ ही इस राजा ने भगवान बुद्ध के मंदिर में अपने द्वारा रचित रामायण की कहानियों के भित्ति चित्र बनवाए और आम जनता को भगवान राम की शिक्षा देने का प्रयास किया.
बहरहाल अब जब कि थाईलैंड में भगवान राम का भव्य मंदिर बन गया है हमारे लिए ये देखना दिलचस्प रहेगा कि यहां भारत में राम मंदिर का निर्माण कब होता और इसमें कितना वक़्त लगता है. हम ऐसा इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि न सिर्फ भगवान राम इस देश के लोगों की आस्था का प्रतीक हैं. बल्कि जिस तरह अब तक उनके नाम पर राजनीति हुई है. ये बातें अपने आप में ये बता देती हैं कि अब तक नेताओं और पार्टियों द्वारा भगवान राम का नाम लेकर भोली भाली जनता की भावना के साथ खिलवाड़ किया गया है.
अंत में हम अपनी बात खत्म करते हुए बस इतना कहेंगे कि बिजेपी ने भव्य राम मंदिर बनाने का वादा किया था जो नहीं बन पाया उधर थाईलैंड के अयुथ्थ्या में मंदिर बन गया है. हो न हो भविष्य में भाजपा का कोई ऐसा नेता जरूर हमारे सामने आएगा जो इसका क्रेडिट लेते हुए कहेगा कि हम थाईलैंड में मंदिर बनवा चुके हैं. अयोध्या में भी बनवाएंगे, बस जनता थोड़ा धैर्य रखे. कहना गलत नहीं है भगवान राम के नाम पर हमेशा राजनीति हुई है जो आगे भी बदस्तूर चलेगी और हम सरकारों को आते जाते और भारत में राम मंदिर के निर्माण की बात करते देखेंगे.
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