भारत में कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) का मसला गंभीर होेता जा रहा है. इस जमात के निजामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) की बदौलत देश के 800 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव (Coronavirus Positive Jamaatis) हो गए हैं. जमात में शामिल हुए लोगों की तलाश में गए डॉक्टरों पर हमले की तस्वीरें भी हम देख चुके हैं. इतना ही नहीं, इलाज के दौरान नर्सों से अश्लीलता की खबर सामने आई है. भारत में प्रशासन और जमातियों के बीच का दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक संघर्ष अपनी जगह है, आइए जरा पड़ोस पर नजर डालें. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार कोरोना वायरस पीड़ितों (Coronavirus in Pakistan) के इलाज के लिए ज्यादा जहमत नहीं उठा रही है. कुछ दिन पहले कोरोनो वायरस पॉजिटिव लोगों को अस्पताल के बेड से बांध दिए जाने की खबर आई थी. अब एलान कर दिया गया है कि कराची के नजदीक कोरोना वायरस से मरने वालों के लिए 80 एकड़ का कब्रस्तान तैयार कर दिया गया है. इतना ही नहीं, कब्रें पहले से ही खोद दी गई हैं. जी हां, ये पाकिस्तान...
कराची से सटे बिन कासिम इलाके में एक 80 एकड़ की जमीन सरकार की तरफ से अलॉट की गई है और इसी जमीन पर कोरोना वायरस के मरीजों को दफनाया जाएगा. अपनी इस मुहिम के लिए पाकिस्तान कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां एडवांस में कब्रों की खुदाई चालू है. इलाज करा रहे लोगों में जैसे ही कोई दम तोड़ेगा उसकी सीधी डिलीवरी बिन कासिम के इस कब्रिस्तान में की जाएगी जहां उसको दफनाने के इंतजाम कराकर सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेगी.
बात पाकिस्तान की चली है तो हमारे लिए ये बताना भी बहुत ज़रूरी हो जाता है कि विश्व के अन्य मुल्कों की तरह ही पाकिस्तान के सामने भी कोरोना किसी बड़ी चुनौती की तरह खड़ा है लेकिन पीएम इमरान खान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और मुल्क पैसे के लिए ज्यादातर चीन पर निर्भर है इसलिए सरकार बीमारी के मद्देनजर ज्यादा कुछ कर नहीं पा रही है.
क्या विपक्ष क्या आम देशवासी जो प्रयास इमरान खान, कोरोना वायरस के तहत कर रहे हैं उसने लोगों को उनके खिलाफ बगवात पर आमादा कर दिया है. मुल्क का एक बड़ा तबका ऐसा है जिसने इमरान खान को एक नाकाम प्रधानमंत्री मानना शुरू कर दिया और जो लगातार कोरोना वायरस के तहत अपने प्रधानमंत्री और उसके प्रयासों की आलोचना कर रहा है.
पाकिस्तान को लेकर खबरें तो यहां तक आ रही हैं कि सरकार की मूर्खता और लालच का खामियाजा देश विशेषकर लाहौर, इस्लामाबाद और कराची के अस्पतालों को भुगतना पड़ रहा है जहां फंड्स की कमी के चलते लोगों को बेसिक सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार नाकाम है. जिस कारण न सिर्फ कोरोना बल्कि अन्य बीमारियों की चपेट में आकर लोग मौत की नींद सोने पर मजबूर हैं.
अब जबकि पूर्ण रूप से कोरोना वायरस को समर्पित कब्रिस्तान पाकिस्तान के कराची में बन गया है तो पाकिस्तान की सियासत मे दिलचस्पी रखने वाले लोगों का बस यही कहना है कि लोगों को बचाने के बजाए इस तरह कब्रिस्तान बनवाकर इमरान खान ने केवल और केवल अपने आप को बेनकाब किया है और सरकार के इस फैसले का जवाब बहुत जल्द वहां की आवाम देगी.
गौरतलब है कि कराची के बिन कासिम इलाके में कोरोना वायरस से मरने वालों के लिए स्पेशल बने इस कब्रिस्तान का श्री गणेश अफसर खान नाम के व्यक्ति ने किया है. 74 साल का अफसर खान कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जिसका कराची में ही इलाज चल रहा था.
बहरहाल अब जबकि ये मामला हमारे सामने आ गया है तो कहीं न कहीं हैरत भी हो रही है. सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे किसी देश की सरकार इतनी मूर्खतापूर्ण हरकत कर सकती है.
बात सीधी और साफ है किसी भी राष्ट्र के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने नागरिकों की सुरक्षा होती है. ऐसे में पाकिस्तान का अपने लोगों के लिए कब्रिस्तान का निर्माण कराना इस बात की तस्दीख कर देता है इमरान खान ख़ुद को मुल्क का हाकिम तो कहते हैं लेकिन वक़्त जब बतौर हाकिम फर्ज पूरा करने का समय आया तो वो ख़ुद पीछे हट गए और मरने के लिए लोगों को आगे कर दिया.
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