दुनिया के बड़े बड़े देश इन दिनों कोरोना (Coronavirus) नामक महामारी से लड़ रहे हैं, अलग-अलग तरीकों से कोरोना वायरस पर काबू करने की तमाम कोशिशें की जा रही है. भारत में भी कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है. लगभग हर तीसरे दिन यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुनी होती जा रही है. यह दहशत फैलाने के लिए काफी है लोग सहमे हुए हैं डरे हुए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के द्वारा पहल की जा रही है कोरोना से लड़ने में देश की एकजुटता दिखाने और साथ ही उन लोगों का हौसला बढ़ाया जा रहा है जो कोरोना से टक्कर ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, पुलिस बल और उन तमाम लोगों का हौसला बढ़ाने की कोशिश की जा रही है जो अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने पिछले 15 दिनों में तीन बार देश को संबोधित किया.
पहला संबोधन 19 मार्च 2020 को किया और इसमें 22 मार्च के दिन देशवासियों से जनता कर्फ्यू की अपील की और साथ में शाम 5 बजे कोरोना से लड़ रहे योद्धाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए थाली, बरतन व शंख जैसी चीज़ें बजाने के लिए कहा. देश भर में प्रधानमंत्री की इस अपील का असर दिखा लोगों ने बड़े उत्साह के साथ जनता कर्फ्यू और कोरोना के योद्धाओं का सम्मान किया.
दूसरी बार प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को देश भर में 21 दिनों के लॅाकडाउन का ऐलान किया. भारतवासियों ने इस फैसले को भी बेहतरीन फैसला बताते हुए अमल करना शुरु कर दिया हालांकि कुछ जगह लॅाकडाउन का पालन सही से नहीं किया गया जिसपर सख्ती की गई. प्रधानमंत्री ने तीसरी बार 3 अप्रैल को देश के लोगों से एकजुटता दिखाने कि अपील की और 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट तक रोशनी करने की अपील की.
दुनिया के बड़े बड़े देश इन दिनों कोरोना (Coronavirus) नामक महामारी से लड़ रहे हैं, अलग-अलग तरीकों से कोरोना वायरस पर काबू करने की तमाम कोशिशें की जा रही है. भारत में भी कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है. लगभग हर तीसरे दिन यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुनी होती जा रही है. यह दहशत फैलाने के लिए काफी है लोग सहमे हुए हैं डरे हुए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के द्वारा पहल की जा रही है कोरोना से लड़ने में देश की एकजुटता दिखाने और साथ ही उन लोगों का हौसला बढ़ाया जा रहा है जो कोरोना से टक्कर ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, पुलिस बल और उन तमाम लोगों का हौसला बढ़ाने की कोशिश की जा रही है जो अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने पिछले 15 दिनों में तीन बार देश को संबोधित किया.
पहला संबोधन 19 मार्च 2020 को किया और इसमें 22 मार्च के दिन देशवासियों से जनता कर्फ्यू की अपील की और साथ में शाम 5 बजे कोरोना से लड़ रहे योद्धाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए थाली, बरतन व शंख जैसी चीज़ें बजाने के लिए कहा. देश भर में प्रधानमंत्री की इस अपील का असर दिखा लोगों ने बड़े उत्साह के साथ जनता कर्फ्यू और कोरोना के योद्धाओं का सम्मान किया.
दूसरी बार प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को देश भर में 21 दिनों के लॅाकडाउन का ऐलान किया. भारतवासियों ने इस फैसले को भी बेहतरीन फैसला बताते हुए अमल करना शुरु कर दिया हालांकि कुछ जगह लॅाकडाउन का पालन सही से नहीं किया गया जिसपर सख्ती की गई. प्रधानमंत्री ने तीसरी बार 3 अप्रैल को देश के लोगों से एकजुटता दिखाने कि अपील की और 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट तक रोशनी करने की अपील की.
देश में यह किसी त्योहार को छोड़कर पहली बार था जब देश की एकता देखी गई. एक डर और भय के माहोल में इस तरह मूड को फ्रेश करने का श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है. देश का एक बड़ा वर्ग प्रधानमंत्री की इसी आदत का कायल हो गया है कि प्रधानमंत्री जी हर चीज़ को एक इवेंट की तरह पेश करते हैं यह कला सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी के ही पास है.
क्या हिन्दू क्या मुस्लिम, क्या अमीर क्या गरीब सबके सब प्रधानमंत्री के अपील पर देश की एकजुटता दिखाने के लिए रात 9 बजे से पहले ही अपने अपने छतों और बालकनियों पर आ गए और 9 बजते ही शुरू हो गए रोशनी करने. देश की यह एकजुटता देख दिल खुश हो जाता है कि राष्ट्रीय आपदा के समय भी जिस तरह से लोग एक होकर इससे मुकाबला करने के लिए खड़े हैं वह काबिलेतारीफ है.
किसी भी आपदा या महामारी से कोई भी सरकार नहीं लड़ सकती है जबतक उसे जनता का साथ न मिेले. भारत की यही खूबसूरती है कि यहां ऐसे वक्त में देश एकजुट है और सरकार के हर निर्देष का पालन कर रही है. यह एकजुटता यह बतलाने को काफी है कि यह देश जल्द ही कोरोना से जीत प्राप्त कर लेगा.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.