जम्मू-कश्मीर इन दिनों कठुआ गैंगरेप को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. रेप में एक पुलिस वाले के भी शामिल होने की वजह से न केवल सुरक्षा बलों पर निशाना साधा जा रहा है, बल्कि सरकार को भी आड़े हाथों लिया जा रहा है. 8 साल की बच्ची आसिफा से गैंगरेप होने की घटना को लेकर न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान तक में चर्चा हो रही है. लेकिन पाकिस्तान इस मौके का भी राजनीतिक फायदा उठाने से नहीं चूक रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार काउंसिल में पहुंचे पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने आसिफा से गैंपरेप की ओर इशारा करते हुए भारत पर तगड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीर में 10 हजार से भी अधिक महिलाओं का भारतीय सेना के जवानों ने रेप किया है. वह बोले कि इन 10 हजार महिलाओं में 7 साल की बच्ची से लेकर 77 साल की बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं. अपनी बात कहने के दौरान वह दो बार जोर-जोर से रोने भी लगे.
जिस तरह से पाकिस्तानी प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए रोने लगा, वो भले ही कुछ लोगों को इमोशनल कर दे, लेकिन यह एक नाटक से अधिक कुछ भी नहीं है. बिना किसी सबूत के आरोप लगाना तो पाकिस्तान की पुरानी आदत है. भारत को नीचा दिखाने के चक्कर में पाकिस्तान अति उत्साहित हो जाता है और फिर कोई न कोई गलती कर बैठता है. इससे पहले पिछले साल भी पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने एक ऐसी तस्वीर पेश की थी, जिसे लेकर बाद में खुद पाकिस्तान को ही शर्मिंदा होना पड़ा था.
पहले अपने गिरेबां में झांक लेते तो अच्छा होता
पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सेना पर बिना सबूत एक गंभीर आरोप तो लगा दिया गया, लेकिन अपने देश की हालत पर गौर नहीं किया. ये वही पाकिस्तान है जहां महज 7 साल की जैनब को उसी के एक रिश्तेदार ने रेप करके हत्या कर दी थी. उसके बाद पाकिस्तान में हिंसा हो गई थी, जिसमें पुलिस की गोली से भी दो लोगों की मौत हो गई थी. Human Rights Watch की स्टडी के मुताबिक पाकिस्तान में हर दो घंटे में एक रेप...
जम्मू-कश्मीर इन दिनों कठुआ गैंगरेप को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. रेप में एक पुलिस वाले के भी शामिल होने की वजह से न केवल सुरक्षा बलों पर निशाना साधा जा रहा है, बल्कि सरकार को भी आड़े हाथों लिया जा रहा है. 8 साल की बच्ची आसिफा से गैंगरेप होने की घटना को लेकर न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान तक में चर्चा हो रही है. लेकिन पाकिस्तान इस मौके का भी राजनीतिक फायदा उठाने से नहीं चूक रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार काउंसिल में पहुंचे पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने आसिफा से गैंपरेप की ओर इशारा करते हुए भारत पर तगड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीर में 10 हजार से भी अधिक महिलाओं का भारतीय सेना के जवानों ने रेप किया है. वह बोले कि इन 10 हजार महिलाओं में 7 साल की बच्ची से लेकर 77 साल की बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं. अपनी बात कहने के दौरान वह दो बार जोर-जोर से रोने भी लगे.
जिस तरह से पाकिस्तानी प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए रोने लगा, वो भले ही कुछ लोगों को इमोशनल कर दे, लेकिन यह एक नाटक से अधिक कुछ भी नहीं है. बिना किसी सबूत के आरोप लगाना तो पाकिस्तान की पुरानी आदत है. भारत को नीचा दिखाने के चक्कर में पाकिस्तान अति उत्साहित हो जाता है और फिर कोई न कोई गलती कर बैठता है. इससे पहले पिछले साल भी पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने एक ऐसी तस्वीर पेश की थी, जिसे लेकर बाद में खुद पाकिस्तान को ही शर्मिंदा होना पड़ा था.
पहले अपने गिरेबां में झांक लेते तो अच्छा होता
पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सेना पर बिना सबूत एक गंभीर आरोप तो लगा दिया गया, लेकिन अपने देश की हालत पर गौर नहीं किया. ये वही पाकिस्तान है जहां महज 7 साल की जैनब को उसी के एक रिश्तेदार ने रेप करके हत्या कर दी थी. उसके बाद पाकिस्तान में हिंसा हो गई थी, जिसमें पुलिस की गोली से भी दो लोगों की मौत हो गई थी. Human Rights Watch की स्टडी के मुताबिक पाकिस्तान में हर दो घंटे में एक रेप होता है, हर घंटे में एक गैंगरेप होता है और पाकिस्तान की 70-90 फीसदी महिलाएं किसी न किसी तरह की घरेलू हिंसा का शिकार हैं. बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के दौरान तो करीब 4 लाख से 6 लाख महिलाओं और लड़कियों का यौन शोषण पाकिस्तानी सेना ने ही किया था.
7 साल की जैनब के रेप और हत्या के बाद ये वीडियो खूब वायरल हुआ था:
Not often that you see a TV news anchor bring her own child to her news cast - @SAMAATV 's Kiran Naz did precisely that to make a point about how she felt as a mother in Pakistan #JusticeForZainab #Justice4Zainab pic.twitter.com/6XMXQJmfzV
— omar r quraishi (@omar_quraishi) January 10, 2018
फर्जी तस्वीर से पाकिस्तान पहले ही हो चुका है शर्मिंदा
इससे पहले पिछले साल भी पाकिस्तानी दूत मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने एक ऐसी तस्वीर पेश की थी, जिसे लेकर बाद में खुद पाकिस्तान को ही शर्मिंदा होना पड़ा था. मलीहा लोधी ने गाजा की एक महिला की तस्वीर संयुक्त राष्ट्र में दिखाते हुए भारत पर निशाना साधा था. उस तस्वीर में महिला का चेहरा पैलेट गन से बुरी तरह घायल हुआ दिखाई दे रहा था. उस तस्वीर से वह दिखाना चाहती थीं कि कश्मीर में सेना वहां के लोगों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. उन्होंने कहा था- 'ये है भारतीय लोकतंत्र का असली चेहरा'. यह तस्वीर उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान पर प्रतिक्रिया के रूप में दिखाई थी, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवादी पैदा करने की फैक्ट्री कहा गया था. लेकिन जब इस तस्वीर का सच सामने आया तो पता चला कि वह तस्वीर गाजा की एक महिला रावया अबु जोमा की है.
सोचने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के ये प्रतिनिधि आखिर किसी देश पर इतना बड़ा इल्जाम लगाने से पहले होम वर्क अच्छे से क्यों नहीं करते. इल्जाम भी कहीं और नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र में लगाए जा रहे हैं, जिसे पूरी दुनिया देखती है. होम वर्क न करने और अति उत्साह में आ जाने के चलते पाकिस्तान इस तरह की गलतियां कर बैठता है. इस बार भी पाकिस्तान के दूत ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर की महिलाओं की बात करते हुए आंसू तो बहा दिए, लेकिन अपनी बात का कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किया.
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रोज रात को मैं यही प्रार्थना करती हूं कि मेरा रेप न हो!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.