Exit Poll में तो बीजेपी को पूरे देश में बहुमत मिलता नजर आ ही रहा है, दिल्ली में भी एक बार फिर बल्ले बल्ले है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल ( India Today Axis My India poll ) का इशारा समझें तो देर सवेर कांग्रेस के भी दिल्ली में अच्छे दिन आने वाले लगते हैं. Exit Poll अगर चुनाव नतीजे के बेहद करीब हैं तो सबसे बुरी खबर आम आदमी पार्टी ( AAP ) के हिस्से में ही आई है. लगता है अरविंद केजरीवाल का इंटरनल सर्वे भी एग्जिट पोल के ही आस पास रहा होगा - तभी तो औरों की जीत के संकेत देने लगे थे.
दिल्ली में फिर बीजेपी की बहार
दिल्ली में उम्मीदवारों की घोषणा करने में सबसे पीछे बीजेपी ही रही, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में वो सबसे आगे हो गयी. इतना आगे की दूर दूर तक कोई और नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, 2014 के मुकाबले बीजेपी को एक सीट के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है जो मनोज तिवारी के लिए थोड़ी मायूसी वाली बात हो सकती है.
बीजेपी ने इस बार अपने मौजूदा सांसदों में से दो के टिकट काट दिेये थे. टिकट काटने की वजह तो अक्सर सत्ता विरोधी लहर का काउंटर करना ही होता है, लेकिन उदित राज का विवादों में आ जाना उन पर भारी पड़ा. दलितों के मामले में शिवराज सिंह के बयान पर आपत्ति के अलावा एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में उदित राज का फंसना उन्हें ले डूबा. बाद में वो कांग्रेस में चले गये लेकिन तब तक टिकट या नामांकन का वक्त खत्म हो चुका था.
उदित राज की जगह बीजेपी ने पंजाबी सिंगर हंसराज हंस को टिकट दिया था - और महेश गिरी की जगह पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को. गाज तो मीनाक्षी लेखी पर भी गिरती नजर आयी लेकिन तभी बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' वाले बयान को लेकर याचिका दायर कर दी - और राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट का नाम लेने के लिए माफी तक मांगनी पड़ी.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल के मुताबिक बीजेपी को दिल्ली में 6-7 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एक कांग्रेस के हिस्से में चले जाने का अंदाजा है. दूसरी तरफ,...
Exit Poll में तो बीजेपी को पूरे देश में बहुमत मिलता नजर आ ही रहा है, दिल्ली में भी एक बार फिर बल्ले बल्ले है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल ( India Today Axis My India poll ) का इशारा समझें तो देर सवेर कांग्रेस के भी दिल्ली में अच्छे दिन आने वाले लगते हैं. Exit Poll अगर चुनाव नतीजे के बेहद करीब हैं तो सबसे बुरी खबर आम आदमी पार्टी ( AAP ) के हिस्से में ही आई है. लगता है अरविंद केजरीवाल का इंटरनल सर्वे भी एग्जिट पोल के ही आस पास रहा होगा - तभी तो औरों की जीत के संकेत देने लगे थे.
दिल्ली में फिर बीजेपी की बहार
दिल्ली में उम्मीदवारों की घोषणा करने में सबसे पीछे बीजेपी ही रही, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में वो सबसे आगे हो गयी. इतना आगे की दूर दूर तक कोई और नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, 2014 के मुकाबले बीजेपी को एक सीट के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है जो मनोज तिवारी के लिए थोड़ी मायूसी वाली बात हो सकती है.
बीजेपी ने इस बार अपने मौजूदा सांसदों में से दो के टिकट काट दिेये थे. टिकट काटने की वजह तो अक्सर सत्ता विरोधी लहर का काउंटर करना ही होता है, लेकिन उदित राज का विवादों में आ जाना उन पर भारी पड़ा. दलितों के मामले में शिवराज सिंह के बयान पर आपत्ति के अलावा एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में उदित राज का फंसना उन्हें ले डूबा. बाद में वो कांग्रेस में चले गये लेकिन तब तक टिकट या नामांकन का वक्त खत्म हो चुका था.
उदित राज की जगह बीजेपी ने पंजाबी सिंगर हंसराज हंस को टिकट दिया था - और महेश गिरी की जगह पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को. गाज तो मीनाक्षी लेखी पर भी गिरती नजर आयी लेकिन तभी बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' वाले बयान को लेकर याचिका दायर कर दी - और राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट का नाम लेने के लिए माफी तक मांगनी पड़ी.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल के मुताबिक बीजेपी को दिल्ली में 6-7 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एक कांग्रेस के हिस्से में चले जाने का अंदाजा है. दूसरी तरफ, एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल में बीजेपी को दिल्ली में 5 सीटें ही मिल सकती हैं और उसे दो सीटों का नुकसान हो सकता है.
AAP की कोई ट्रिक काम न आयी
आम आदमी पार्टी ने अपनी तरफ से चुनाव जीतने की कोई भी तरकीब नहीं छोड़ी, बल्कि कुछ नये प्रयोग भी किये. पहला काम तो आम आदमी पार्टी ने किया कि सबसे पहले अपने उम्मीदावारों की घोषणा कर दी और चुनाव प्रचार में झोंक दिया.
एक तरफ आप का चुनाव प्रचार चल रहा था और उसी बीच कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर सौदेबाजी चल रही थी. आखिरकार कांग्रेस के साथ आप का गठबंधन नहीं हो पाया और केजरीवाल ने सारी तोहमत कांग्रेस नेतृत्व पर मढ़ दी.
गठबंधन की बातें खत्म हुईं तो आप को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियों में आतिशी मार्लेना और गौतम गंभीर के बीच विवाद ही छाया रहा. दोनों तरफ से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगये जाते रहे - गौतम गंभीर ने तो यहां तक कह दिया कि उन पर लगाये जा रहे आरोप साबित हो गये तो वो सरेआम फांसी लगा लेंगे. आतिशी मार्लेना ने गौतम गंभीर पर अपने खिलाफ अश्लील पर्चे बंटवाने का इल्जाम लगाया था.
वोटिंग के पहले अरविंद केजरीवाल का बयान आया कि अंतिम क्षण में मुस्लिम वोट कांग्रेस की ओर खिसक गये - ये बयान देने के बाद भी केजरीवाल शीला दीक्षित के निशाने पर आ गये थे. विरोधी बन चुके साथियों ने भी खूब मजे लिये.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल के मुताबिक बीजेपी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कोई सीट नहीं मिल रही है, लेकिन एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल में बीजेपी को दिल्ली में आप को एक सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है.
शीला दीक्षित के आ जाने से
शीला दीक्षित के आने से कांग्रेस को तत्काल भले ही कोई फायदा न हो पाता नजर आये - लेकिन भविष्य में थोड़े अच्छे दिन तो पक्के ही लग रहे हैं. एग्जिट पोल से एक बात और साफ लग रही है कि आप के साथ गठबंधन के खिलाफ शीला दीक्षित का स्टैंड सही रहा.
कांग्रेस में गठबंधन को लेकर नेताओं की राय बंटी हुई थी. गठबंधन के पक्षधर नेताओं की दलील थी कि एमसीडी चुनावों में दोनों दलों के वोट शेयर बीजेपी से ज्यादा थे - और मिल कर चुनाव लड़ना दोनों के लिए अच्छा होता. शीला दीक्षित के गठबंधन के खिलाफ होने की सबसे बड़ी वजह तो ये रही कि ये केजरीवाल ही हैं जिन्होंने उनका राजनीतिक करियर तबाह कर दिया. वैसे शीला दीक्षित की दलील थी कि चूंकि दिल्ली में आप के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है इसलिए कांग्रेस को गठबंधन का नुकसान हो सकता है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया पोल में कांग्रेस को भी एक सीट मिलने की संभावना जतायी गयी है. यही वो प्वाइंट है जहां एबीपी न्यूज का एग्जिट पोल भी मेल खाता है - दोनों ही एग्जिट पोल में कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल रहीं शीला दीक्षित खुद भी उम्मीदवार है - और एग्जिट पोल के संकेत समझें तो वो अपनी सीट भी निकालती नजर आ रही हैं.
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