अमेरिका के मध्यावधि चुनाव का नतीजा आ गया है. ऊपरी सदन सीनेट पर तो अब भी राष्ट्रपति ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन का कब्जा बरकरार है, लेकिन निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने बढ़त ले ली है. ये समझा जा रहा था कि चुनाव की वजह से पिछले कुछ महीनों से जारी सियासी घमासान नतीजे आने के बाद थम जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. व्हाइट हाउस में हुई प्रेसवार्ता में जब मीडिया ने ट्रंप पर तीखे सवाल दागे, तो ट्रंप ने भी अपनी जुबानी तोप का मुंह डेमोक्रेटिक पार्टी से घुमाकर मीडिया की ओर कर दिया. ट्रंप की इस जवाबी कार्रवाई का पहला निशाना बना CNN रिपोर्टर जिम अकोस्टा.
पूरे वाकये को समझने के लिए शुरुआत करते हैं अमेरिकी मध्यावधि चुनाव के नतीजों से. जहां अब निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 223 सीटें हैं, जबकि रिपब्लिकन के पास 197 सीटें. इससे पहले 435 सदस्यों के इस सदन में रिपब्लिकन पार्टी के पास 235 सीटें थीं, जबकि डेमोक्रेट्स सिर्फ 193 सीटों पर थे. चुनाव में हुए उलट-फेर को ट्रंप ने कुछ खास तवज्जो नहीं दी. लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज से सब कुछ साफ हो रहा था. पत्रकार वार्ता में कुछ रिपोर्टरों के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई. जिसमें उन्होंने पत्रकार को असभ्य और क्रूर तक कह डाला. लेकिन CNN रिपोर्टर जिम अकोस्टा के साथ जो हुआ, उसने अमेरिका में तो हंगामा मचा दिया है, लेकिन पूरी दुनिया में बहस भी खड़ी कर दी है.
किस सवाल पर भड़के ट्रंप?
सीएनएन के पत्रकार एकॉस्टा ने ट्रंप से सेंट्रल अमेरिका, मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों के बारे में सवाल पूछा था, जिन्हें कई बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश के लिए खतरा बता चुके हैं. एकॉस्टा ने उस तस्वीर का जिक्र किया, जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैंपेन के दौरान इस्तेमाल किया था. उस तस्वीर में बहुत से लोग दीवार पर चढ़ते हुए दिख रहे थे. पत्रकार का यह कहना था कि वह तस्वीर सच्ची नहीं थी और दीवार पर चढ़ने वाले लोग सीमा से कई किलोमीटर दूर थे. हालांकि,...
अमेरिका के मध्यावधि चुनाव का नतीजा आ गया है. ऊपरी सदन सीनेट पर तो अब भी राष्ट्रपति ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन का कब्जा बरकरार है, लेकिन निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने बढ़त ले ली है. ये समझा जा रहा था कि चुनाव की वजह से पिछले कुछ महीनों से जारी सियासी घमासान नतीजे आने के बाद थम जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. व्हाइट हाउस में हुई प्रेसवार्ता में जब मीडिया ने ट्रंप पर तीखे सवाल दागे, तो ट्रंप ने भी अपनी जुबानी तोप का मुंह डेमोक्रेटिक पार्टी से घुमाकर मीडिया की ओर कर दिया. ट्रंप की इस जवाबी कार्रवाई का पहला निशाना बना CNN रिपोर्टर जिम अकोस्टा.
पूरे वाकये को समझने के लिए शुरुआत करते हैं अमेरिकी मध्यावधि चुनाव के नतीजों से. जहां अब निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 223 सीटें हैं, जबकि रिपब्लिकन के पास 197 सीटें. इससे पहले 435 सदस्यों के इस सदन में रिपब्लिकन पार्टी के पास 235 सीटें थीं, जबकि डेमोक्रेट्स सिर्फ 193 सीटों पर थे. चुनाव में हुए उलट-फेर को ट्रंप ने कुछ खास तवज्जो नहीं दी. लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज से सब कुछ साफ हो रहा था. पत्रकार वार्ता में कुछ रिपोर्टरों के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई. जिसमें उन्होंने पत्रकार को असभ्य और क्रूर तक कह डाला. लेकिन CNN रिपोर्टर जिम अकोस्टा के साथ जो हुआ, उसने अमेरिका में तो हंगामा मचा दिया है, लेकिन पूरी दुनिया में बहस भी खड़ी कर दी है.
किस सवाल पर भड़के ट्रंप?
सीएनएन के पत्रकार एकॉस्टा ने ट्रंप से सेंट्रल अमेरिका, मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों के बारे में सवाल पूछा था, जिन्हें कई बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश के लिए खतरा बता चुके हैं. एकॉस्टा ने उस तस्वीर का जिक्र किया, जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैंपेन के दौरान इस्तेमाल किया था. उस तस्वीर में बहुत से लोग दीवार पर चढ़ते हुए दिख रहे थे. पत्रकार का यह कहना था कि वह तस्वीर सच्ची नहीं थी और दीवार पर चढ़ने वाले लोग सीमा से कई किलोमीटर दूर थे. हालांकि, इसके बाद ट्रंप चिढ़ गए और उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह तस्वीर बिल्कुल सच्ची थी, उसमें हॉलीवुड के एक्टर नहीं थे और बोले- 'मैं समझता हूं कि मुझे देश चलाने दो और तुम सीएनएन चलाओ.'
जब पत्रकार इसके बाद भी सवाल पूछते रहे तो वह बोले कि अब बहुत हो गया है, आप बैठ जाइए. सीएनएन के पत्रकार से माइक ले लेने को भी वह बोल पड़े, जिस पर व्हाइट हाउस की एक महिला कर्मचारी ने माइक छीनने की कोशिश की, लेकिन एकॉस्टा ने बीच में ही हाथ लगाकर माइक छीनने से रोक दिया. फिर क्या था, ट्रंप ने तो पत्रकार को और भी खरी-खोटी सुना दी. वह बोले- 'जैसा व्यवहार आपने एक महिला के साथ किया है, इसके लिए सीएनएन को शर्मिंदा होना चाहिए.' उन्होंने सीएनएन के पत्रकार को समाज का दुश्मन तक बता दिया. वह ये भी बोले- 'सीएनएन को इस बात के लिए शर्म आनी चाहिए कि आपको जैसा पत्रकार उनके साथ काम करता है. सीएनएन को आपके साथ काम नहीं करना चाहिए.' बहस के बाद व्हाइट हाउस ने बहस करने की 'गलती' की सजा देते हुए सीएनएन के पत्रकार एकॉस्टा का प्रेस पास भी रद्द कर दिया.
प्रेस पास रद्द करने का कारण झूठा है!
सीएनएन के पत्रकार अकोस्टा का प्रेस पास रद्द करने के पीछे वजह बताई गई कि उन्होंने एक महिला इंटर्न से बदसलूकी की, लेकिन न तो वीडियो में ऐसा कुछ दिखता है, ना ही तस्वीरों में. आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने महिला इंटर्न पर हाथ रखा, लेकिन ऐसा कुछ दिख नहीं रहा. यहां तक कि उनके साथ उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे अन्य पत्रकारों ने भी अकोस्टा पर लगाए गए आरोपों को झूठा बताया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के चीफ व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स पीटर बेकर ने लिखा है कि झूठे आरोप लगाकर ही ट्रंप पत्रकारों को सजा देना चाहते हैं. पीटर ने रॉयटर्स के व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स जेफ मैसन का ट्वीट भी शेयर किया है, जिन्होंने लिखा है कि वह अकोस्टा के बगल में ही बैठे थे. अकोस्टा ने महिला के साथ कोई बदसलूकी नहीं की, बल्कि खुद महिला ने पत्रकार के हाथों से माइक छीनने की कोशिश की. अपनी बात को प्रमाण देने के लिए उन्होंने रॉयटर्स की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं.
अकोस्टा ने भी अपनी बात कही और बताया कि उन्हें जानबूझ कर इस मामले में फंसाने की कोशिश हो रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई बहस के बाद उनका प्रेस पास रद्द कर दिया गया और जब वह दोबारा व्हाइट हाउस में गए तो उन्हें गेट पर ही सुरक्षा गार्ड ने रोक दिया और उनके प्रेस पास वापस ले लिया. जिस महिला इंटर्न की बात की जा रही है, अगर वीडियो में देखें तो वह पीछे से उठकर आगे आती है, और फिर माइक छीनती है.
सीएनएन के पत्रकार के साथ व्हाइट हाउस द्वारा किए गए रवैये पर व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स एसोसिएशन भी नाराज है. उन्होंने कहा है कि जो पत्रकार उन्हें पसंद नहीं हैं, उन्हें वह अपनी मर्जी से रोक नहीं सकते हैं. एसोसिएशन ने व्हाइट हाउस से गुजारिश की है कि वह अपने आदेश को वापस ले. ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर व्हाइट हाउस का रवैया ऐसा ही रहा तो पत्रकारों की तरफ से कोई सख्त कदम भी उठाया जा सकता है और हो सकता है कि व्हाइट हाउस का बहिष्कार भी किया जाए.
साल 2016 में हुए चुनाव में कांग्रेस के दोनों सदनों में रिपब्लिकन पार्टी का ही बहुमत था, लेकिन मध्यावधि चुनावों के परिणाम ट्रंप की सत्ता को खतरे में डाल सकते हैं. ट्रंप आए दिन अपने फैसलों और आदेशों को लेकर चर्चा में रहते ही हैं, लेकिन इस बार तो उन्होंने एक के बाद एक कई पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाए काफी बुरा बर्ताव किया और उल्टा पत्रकारों को ही दोष दिया और चर्चा में आ गए. यहां तक कि सीएनएन के पत्रकार का पास भी व्हाइट हाउस ने रद्द कर दिया है. एक लोकतांत्रिक देश में किसी पत्रकार के सवाल का जवाब न दे पाने की स्थिति में उससे माइक छीनना और बाद में उसका प्रेस पास तक रद्द कर देना, ये लोकतंत्र के लिए किसी खतरे से कम नहीं है.
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