अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (S Election Results) का मतदान हो चुका है. अभी तक के रिपोर्ट के अनुसार जो बाइडेन (Joe Biden) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को पटखनी दे दी है. चुनावी मतगणना के दरमियान ही दोनों ही उम्मीदवार मीडिया के सामने आए थे हालांकि तब भी जो बाइडेन को थोड़ी बढ़त ही हासिल हुई थी. जो बाइडेन ने मीडिया के सामने दावा किया था कि वह चुनाव स्पष्ट बहुमत के साथ जीतने जा रहे हैं इसमें थोड़ा वक्त ज़रूर लगेगा लेकिन जीत हमारी ही होगी. वहीं वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने दावा किया कि वह चुनाव जीत चुके हैं और एक बड़े जश्न की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी मतगणना पर सवाल खड़े किए और चुनाव में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह दी. डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोप के बाद ही अमेरिका में सियासी हलचल तेज़ हो गई.
अमेरिकी नागरिक ट्रंप के इस बयान पर सहमति और असहमति जता रहे हैं. संबोधन के अगले ही दिन बाइडेन ने और बढ़त हासिल कर ली तो डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर प्रक्रिया पर निशाना साध दिया. ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात की मतगणना खत्म होते ही जहां से वह बढ़त बनाए हुए थे सुबह वहीं पिछड़ गए ऐसा कैसे हो सकता है.
ट्रंप ने जो आरोप लगाए हैं वह छोटे आरोप नहीं हैं. ट्रंप दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिसको लेकर अब दो गुट बन गए हैं. ट्रंप समर्थक अमेरिका की सड़कों पर बंदूक लेकर घूमते नज़र आ रहे हैं, हिंसा फैलने की आशंकाए जताई जा रही हैं तो वहीं ट्रंप ने व्हाइट हाउस न छोड़ने का भी बयान दे डाला है. कुल मिलाकर बात इतनी है कि ट्रंप किसी भी सूरत में हार मानने को राज़ी नहीं हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (S Election Results) का मतदान हो चुका है. अभी तक के रिपोर्ट के अनुसार जो बाइडेन (Joe Biden) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को पटखनी दे दी है. चुनावी मतगणना के दरमियान ही दोनों ही उम्मीदवार मीडिया के सामने आए थे हालांकि तब भी जो बाइडेन को थोड़ी बढ़त ही हासिल हुई थी. जो बाइडेन ने मीडिया के सामने दावा किया था कि वह चुनाव स्पष्ट बहुमत के साथ जीतने जा रहे हैं इसमें थोड़ा वक्त ज़रूर लगेगा लेकिन जीत हमारी ही होगी. वहीं वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने दावा किया कि वह चुनाव जीत चुके हैं और एक बड़े जश्न की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी मतगणना पर सवाल खड़े किए और चुनाव में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह दी. डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोप के बाद ही अमेरिका में सियासी हलचल तेज़ हो गई.
अमेरिकी नागरिक ट्रंप के इस बयान पर सहमति और असहमति जता रहे हैं. संबोधन के अगले ही दिन बाइडेन ने और बढ़त हासिल कर ली तो डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर प्रक्रिया पर निशाना साध दिया. ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा कि रात की मतगणना खत्म होते ही जहां से वह बढ़त बनाए हुए थे सुबह वहीं पिछड़ गए ऐसा कैसे हो सकता है.
ट्रंप ने जो आरोप लगाए हैं वह छोटे आरोप नहीं हैं. ट्रंप दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिसको लेकर अब दो गुट बन गए हैं. ट्रंप समर्थक अमेरिका की सड़कों पर बंदूक लेकर घूमते नज़र आ रहे हैं, हिंसा फैलने की आशंकाए जताई जा रही हैं तो वहीं ट्रंप ने व्हाइट हाउस न छोड़ने का भी बयान दे डाला है. कुल मिलाकर बात इतनी है कि ट्रंप किसी भी सूरत में हार मानने को राज़ी नहीं हैं.
ट्रंप की इस हरकत से यह तय है कि अमेरिका में चुनावी नतीजे आने के बाद भी एक ज़बरदस्त हंगामा देखने को मिलने वाला है. अमेरिका का राष्ट्रपति शपथ ग्रहण कार्यक्रम 20 जनवरी को होता है. 20 जनवरी से एक माह पहले ही वर्तमान राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति के लिए व्हाइट हाउस को खाली कर देता है. फिर नए राष्ट्रपति के अनुसार ही व्हाइट हाउस में कुछ बदलाव किए जाते हैं और उसकी सजावट की जाती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और व्हाइट हाउस को खाली नहीं करेंगें. आगे क्या होगा इस पूरे मामले पर, कोर्ट ही फैसला करेगा जो डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ही रहने वाला है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की छवि पर सवाल ज़रूर उठेंगें जैसे वर्तमान में चुनाव में धांधली वाले बयान पर हो रहा है. अंतराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों ने कहा कि ट्रंप के दावों में कतई दम नहीं है वह झूठे आरोप लगा रहे हैं.
वहीं यूरोपीय सुरक्षा संगठन (ओएएससीई) ने कहा कि ट्रंप का बयान आधारहीन है और ऐसे बयान लोकतंत्र में भरोसे को कमज़ोर करने का काम करते हैं. डोनाल्ड ट्रंप लगातार आरोप पर आरोप लगा रहे हैं और उस अमेरिका के चुनावी प्रक्रिया पर सवाल दाग रहे हैं जो खुद ही दूसरे देशों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाता है.
ट्रंप कहते हैं कि अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया ऐसी है कि जिसमें आसानी से धांधली की जा सकती है. ट्रंप के इस आरोप पर अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि अगर आपको लगता है कि ऐसा है तो आपने अपने कार्यकाल के दौरान इसे दुरुस्त करने की कोई कोशिश क्यों नहीं की.
इस चुनाव में शुरू से ही धांधली की बातें हो रही थी जिससे हिंसा भड़कने के भी पूरे अंदेशे लगा लिए गए थे. चुनाव की निगरानी के लिए ओएससीई ने 39 देशों से 102 प्रतिनिधियों को अमेरिका भेज दिया था जो चुनाव के पहले से ही वहां डेरा डाले हुए हैं और मतगणना के पूरा होने तक वहीं रहेंगें. राजनीतिक हिंसा भड़कने का भी अंदेशा इसी प्रतिनिधियों ने जताया था.
इन सदस्यों का मानना है कि ट्रंप आसानी से सत्ता नहीं सौंपने वाले हैं ट्रंप की यह हरकत और उनके यह बयान देश के नागरिकों के बीच विश्वास और भरोसे को कम करते हैं. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अमेरिका का चुनाव ज़रूर हो गया है लेकिन अभी वहां कई घटनाक्रम और घट सकते हैं.
अब देखना होगा कोर्ट क्या करता है और ट्रंप का अगला दांव क्या होगा लेकिन ट्रंप ने अबतक जो किया है उसको देखते हुए यही लगता है कि ट्रंप अभी और तरीके के टेढ़े बयान देंगें जिसपर अमेरिका में गुटबाजी भी देखने को मिल सकती है और सत्ता हथियाने के लिए राष्ट्रपति पद का घमासान भी देखने को मिल सकता है.
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