चाहे 2014 का चुनाव रहा हो. या फिर 2019 के चुनाव का रुख करा जाए. यदि सवाल हो कि भाजपा को इस देश की जनता ने पूर्ण बहुमत क्यों दिया? तो शायद जवाब हो ईमानदारी और पीएम मोदी का भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रवैया. इस देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस बात पर गर्व करता है कि देश के प्रधानमंत्री सुविधाएं केवल उतनी लेते हैं जितने की उन्हें जरूरत है. ये तो बात हो गई पीएम मोदी की. ऐसा ही कुछ हाल उनके मंत्रियों का भी है. पीएम मोदी के मंत्री कैसे रहे हैं यदि इसे समझना हो तो हम पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का रुख कर सकते हैं. अरुण जेटली बीमार हैं और उनकी बीमारी ही वो अहम कारण हैं जिसके चलते न तो उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा न ही चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी निभाई. चूंकि अरुण जेटली पिछली सरकार में मंत्री रह चुके थे तो नई सरकार में भी उन्हें वही सुख सुविधाएं मिलीं जो उन्हें पूर्व की सरकार में हासिल हुईं थीं.
खबर है कि जेटली अपना सरकारी बंगला छोड़ने वाले हैं. न्यूज़ वेबसाइट रेडिफ के अनुसार अपने निजी बंगले में शिफ्ट होने जा रहे अरुण जेटली ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है. साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा में लगे लोगों को भी कम कर दिया है. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी सरकारी गाडियां भी सम्बंधित विभाग को वापस लौटा दी है.
वेबसाइट के मुताबिक, अरुण जेटली ने अपने कर्मचारियों को पहले से लंबित बिजली बिल, पानी बिल और टेलीफोन बिल- सभी बिलों को समय रहते क्लियर करने का आदेश दिया है. आपको बताते चलें कि अरुण जेटली के सरकारी आवास पर रोजाना 25 अखबार आया करते थे, उन अख़बारों को भी जेटली द्वारा बंद करवा दिया गया...
चाहे 2014 का चुनाव रहा हो. या फिर 2019 के चुनाव का रुख करा जाए. यदि सवाल हो कि भाजपा को इस देश की जनता ने पूर्ण बहुमत क्यों दिया? तो शायद जवाब हो ईमानदारी और पीएम मोदी का भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रवैया. इस देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस बात पर गर्व करता है कि देश के प्रधानमंत्री सुविधाएं केवल उतनी लेते हैं जितने की उन्हें जरूरत है. ये तो बात हो गई पीएम मोदी की. ऐसा ही कुछ हाल उनके मंत्रियों का भी है. पीएम मोदी के मंत्री कैसे रहे हैं यदि इसे समझना हो तो हम पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का रुख कर सकते हैं. अरुण जेटली बीमार हैं और उनकी बीमारी ही वो अहम कारण हैं जिसके चलते न तो उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा न ही चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी निभाई. चूंकि अरुण जेटली पिछली सरकार में मंत्री रह चुके थे तो नई सरकार में भी उन्हें वही सुख सुविधाएं मिलीं जो उन्हें पूर्व की सरकार में हासिल हुईं थीं.
खबर है कि जेटली अपना सरकारी बंगला छोड़ने वाले हैं. न्यूज़ वेबसाइट रेडिफ के अनुसार अपने निजी बंगले में शिफ्ट होने जा रहे अरुण जेटली ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है. साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा में लगे लोगों को भी कम कर दिया है. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी सरकारी गाडियां भी सम्बंधित विभाग को वापस लौटा दी है.
वेबसाइट के मुताबिक, अरुण जेटली ने अपने कर्मचारियों को पहले से लंबित बिजली बिल, पानी बिल और टेलीफोन बिल- सभी बिलों को समय रहते क्लियर करने का आदेश दिया है. आपको बताते चलें कि अरुण जेटली के सरकारी आवास पर रोजाना 25 अखबार आया करते थे, उन अख़बारों को भी जेटली द्वारा बंद करवा दिया गया है.
Very few who would do this. @arunjaitley is vacating the government bungalow he was allotted as Finance Minister. He has given up his official perks and reduced his security cover. His personal staff have been told to settle all bills. ???? https://t.co/NVk5uAdBM
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) June 8, 2019
माना जा रहा है कि अरुण जेटली अब साउथ दिल्ली स्थित अपने निजी आवास पर रहेंगे. जेटली के इस फैसले की एक बड़ी वजह उनके परिवार को बताया जा रहा है. जेटली के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उनके परिजनों की यही इच्छा थी कि वो अपना सरकारी बंगला छोड़ दें और घर पर रहें. वेबसाइट के अनुसार ठीक होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री दोबारा किसी छोटे सरकारी बंगले के लिए सरकार से निवेदन कर सकते हैं.
गौरतलब है कि जब नई सरकार बनी थी तो कहा यही गया था कि स्वस्थ होने के बाद जेटली नई सरकार में कोई अहम जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. मगर तमाम चर्चाओं पर विराम तब लगा जब जेटली ने खुद पीएम मोदी को पत्र लिखा और कहा कि अब वो अपने स्वास्थ्य के कारण अधिक समय तक सक्रिय राजनीति में नहीं रह सकते हैं. ज्ञात हो कि पूर्व में ख़बरें ऐसी भी आई थीं जिनमें कहा गया था कि पीएम मोदी स्वयं जेटली के घर आए थे और उन्होंने जेटली से नई सरकार में पद ग्रहण करने को कहा था जिसके लिए जेटली ने मना कर दिया था.
बहरहाल इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था और इस मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. तमाम ऐसे सोशल मीडिया यूजर्स थे जिन्होंने जेटली की इस पहल की न सिर्फ जमकर तारीफ की बल्कि उन्होंने जेटली के जल्दी स्वस्थ होने की कामना भी की.
Now if Sonia had vacated her home TV channels would have given it 24- hour coverage by teary-eyed journalists, with mournful music in the background and interviews of staffers.
— Mohan Sinha???????? (@Mohansinha) June 8, 2019
मामले पर @dayMahurkar नाम के यूजर ने लिखा है कि बहुत कम ही ऐसे लोग होते हैं जो ऐसा कुछ कर पाते हैं.
Absolutely. Indeed very few would do it.
— day Mahurkar (@dayMahurkar) June 8, 2019
वहीं तमाम ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इसे जेटली के संस्कारों से जोड़कर देखा और उसकी तारीफ की.
Sanskaar Which is in Blood
SPEAKS Itself
SALTE to SIR @arunjaitley Ji
We Are Proud Of You SIR Ji ????????????
— CHOWKIDAR????GLWANT SINGH???? ????ykm????????( MODI BHAKAT) (@gulwant_devi) June 8, 2019
@lekhachakrborty ने ट्वीट करते हुए बताया है कि जेटली बहुत ज्यादा बीमार हैं और ये ऐसा वक़्त है जब उन्हें सरकार की मदद की सबसे ज्यादा दरकार है.
He is very unwell. This is the moment he needs utmost State support. His contribution to our country is sublime and unforgettable. We can’t leave him like that ????
— LekhaChakraborty???? (@lekhachakrborty) June 8, 2019
खैर, इस पूरे मामले को देखकर कहा जा सकता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने एक नया उदाहरण सेट किया है. जेटली ने उन लोगों को एक बड़ा सन्देश दिया है जो राजनीति का रुख ही केवल इसलिए करते हैं ताकि वो तमाम तरह की सुख सुविधाओं का लाभ ले सकें. अंत में बस इतना ही कि ईश्वर पूर्व केंद्रीय मंत्री को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दे. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इस देश को अभी जेटली जैसे लोगों से बहुत कुछ सीखना बाकी है.
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