आम आदमी और खास आदमी में ज़मीन आसमान जितना अंतर है. आम आदमी शादी पार्टी में जाता है. खाता पिता है. डांस करता है घर लौट आता है फिर वही रोजमर्रा की ज़िंदगी वहीं खास लोगों का मामला थोड़ा अलग है. जब इनका किसी विवाह समारोह में जाना ही खास हो अगर ये वहां गीत संगीत पर दो चार ठुमके लगा लें तो इवेंट यूं ही मीडिया की सुर्खियों में आ जाता है. अब भारतीय राजनीति के सबसे रहस्यमय राजनेताओं में शुमार जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को ही ले लीजिए. फ़ारूक़ अब्दुल्ला किसी विवाह समारोह में शिरकत करें तो ये ख़बर है और कहीं वो उम्र के इस पड़ाव में उस विवाह समारोह में दो चार ठुमके लगाते हुए पूरा एन्जॉय कर लें ये उससे भी बड़ी खबर है. फ़ारूक़ अब्दुल्ला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पोती की शादी में उपस्थिति दर्ज कराने के सिलसिले में दिल्ली थे जहां न केवल उन्होंने वर वधु को आशीर्वाद दिया बल्कि एक के बाद एक कई गानों पर डांस करके ये भी बताया कि जब बात एन्जॉयमेंट और मौज मस्ती की होगी तो वो आजकल के लड़कों से बिल्कुल भी कम नहीं हैं.
फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ये लटके झटके सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं और जैसी लोगों की प्रतिक्रियाएं हैं एक बड़ा वर्ग इस बात को कह रहा है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ये पहला मौका है जब फ़ारूक़ अब्दुल्ला को मोदी राज में यूं दिल खोल के हंसने और जश्न मनाने का मौका मिला है.
फ़ारूक़ अब्दुल्ला का शुमार उन राजनेताओं में है जिन्होंने न केवल कॉम्प्लेक्स राजनीति को अंजाम दिया...
आम आदमी और खास आदमी में ज़मीन आसमान जितना अंतर है. आम आदमी शादी पार्टी में जाता है. खाता पिता है. डांस करता है घर लौट आता है फिर वही रोजमर्रा की ज़िंदगी वहीं खास लोगों का मामला थोड़ा अलग है. जब इनका किसी विवाह समारोह में जाना ही खास हो अगर ये वहां गीत संगीत पर दो चार ठुमके लगा लें तो इवेंट यूं ही मीडिया की सुर्खियों में आ जाता है. अब भारतीय राजनीति के सबसे रहस्यमय राजनेताओं में शुमार जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को ही ले लीजिए. फ़ारूक़ अब्दुल्ला किसी विवाह समारोह में शिरकत करें तो ये ख़बर है और कहीं वो उम्र के इस पड़ाव में उस विवाह समारोह में दो चार ठुमके लगाते हुए पूरा एन्जॉय कर लें ये उससे भी बड़ी खबर है. फ़ारूक़ अब्दुल्ला पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पोती की शादी में उपस्थिति दर्ज कराने के सिलसिले में दिल्ली थे जहां न केवल उन्होंने वर वधु को आशीर्वाद दिया बल्कि एक के बाद एक कई गानों पर डांस करके ये भी बताया कि जब बात एन्जॉयमेंट और मौज मस्ती की होगी तो वो आजकल के लड़कों से बिल्कुल भी कम नहीं हैं.
फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ये लटके झटके सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं और जैसी लोगों की प्रतिक्रियाएं हैं एक बड़ा वर्ग इस बात को कह रहा है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ये पहला मौका है जब फ़ारूक़ अब्दुल्ला को मोदी राज में यूं दिल खोल के हंसने और जश्न मनाने का मौका मिला है.
फ़ारूक़ अब्दुल्ला का शुमार उन राजनेताओं में है जिन्होंने न केवल कॉम्प्लेक्स राजनीति को अंजाम दिया बल्कि उस राजनीति को करते हुए कुछ इस तरह के हालात बनाए कि उसके परिणाम एक राज्य के रूप में कश्मीर को भुगतने पड़े. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के संदर्भ में तमाम पॉलिटिकल क्रिटिक्स इस बात को लेकर एकमत हैं कि यदि आज कश्मीर अलगाववाद के चलते आतंकवाद की गिरफ्त में है तो इसे रोक पाने की नाकामी डॉक्टर फ़ारूक़ अब्दुल्ला या उनकी ही जमात के लोग पर हैं. ध्यान रहे कि जिस वक़्त गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35 a खत्म किया कश्मीर के तमाम बड़े नेताओं जिनमें चाहे वो फ़ारूक़ अब्दुल्ला रहे हों या महबूबा मुफ्ती, ओमर अब्दुल्ला और शाह फैसल जैसे लोग सबके पैरों तले जमीन ही खिसक गई.
इन तमाम लोगों को लगा कि कश्मीर का विशेष दर्जा हटाकर केंद्र की मोदी सरकार ने सीधा प्रहार इनकी जड़ों पर किया है. गौरतलब है कि घाटी से धारा 370 और 35 a हटाने के बाद मोदी सरकार ने जो सबसे पहला काम किया था वो था उन तमाम लोगों को नजरबंद करना जिनके विषय में ये कयास लगाए जा रहे थे कि इन लोगों के अंदर कश्मीर की स्थिति को भयावह बनाने का पूरा सामर्थ्य है. फ़ारूक़ अब्दुल्ला भी उसी कड़ी का हिस्सा थे इसलिए उन्हें भी नजरबंद किया गया.
वापस आने के बाद फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने पुनः पीएम मोदी और भाजपा पर हमला किया मगर चूंकि लोग भी इन नेताओं की हरकतों से वाकिफ थे इसलिए किसी ने इन लोगों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
ये तो हो गया जिक्र फ़ारूक़ अब्दुल्ला और उनकी राजनीति का अब अगर इनके डांस पर बात हो तो बताते चलें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की पोती सहरइंदर कौर के विवाह समारोह में दिल्ली पहुंचे फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने खूब जमकर एन्जॉय किया है. ज्ञात हो कि कैप्टन अमरिंदर के सिसवां स्थित आवास पर संपन्न हुई इस शादी में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पारिवारिक सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों को ही शामिल किया था.
बहरहाल एक ऐसे वक्त में जब प्रवर्तन निदेशालय ने अलग अलग संपत्तियों के मद्देनजर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को अपने शिकंजे में दबोच रखा हो जैसा डांस उन्होंने किया है देख कर महसूस हो रहा है कि बड़े दिन बाद ऐसा मौका आया है जब वो इतना खुश हुए हैं.
अब्दुल्ला की इस खुशी में कितना सच है और कितना झूठ इसका फैसला तो प्रवर्तन निदेशालय कर ही देगा. मगर जिस तरह का नाच उन्हें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने नचाया है सएफ हो जाता है कि अब फ़ारूक़ अब्दुल्ला के काउंट डाउन की शुरुआत हो चुकी है. अब बस पर्दे के गिरने भर की देर है.
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