कमला हैरिस (First Female S Vice President Kamala harris) ने कैपिटल हिल में अपने शपथ के साथ ही कई सारे इतिहास रच दिए. इस दौरान लोगों ने पहली भारतीय-अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट की कई छोटी-छोटी खूबियों पर गौर किया. चाहे उनकी सादगी हो या फिर गर्मजोशी. इस समय पूरी दुनिया की नजर उनकी बैंगनी रंग की ड्रेस पर थी. जब लोगों को बैंगनी रंग की ड्रेस पहनने के पीछे की वजह समझ आई तो सभी ने अमेरिका की पहली अश्वेत महिला वाइस प्रेसिडेंट की सराहना की.
इस बैंगनी रंग की ड्रेस के कई मायने हैं. अगर आपने गौर किया हो तो 2019 में प्रेसिडेंशियल कैंपेन के समय भी हैरिस ने कई बार बैंगनी रंग के कपड़े पहने थे. हैरिस की जिंदगी में महिलाओं की भूमिका रही है और वे इस बात के लिए खुद को भाग्यशाली भी मानती हैं. हैरिस ने इस रंग के ड्रेस का चुनाव किसी दूसरी सशक्त महिला को सम्मान देने के लिए किया था. जिन्हें वे अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं.
दरअसल, हैरिस बैंगनी रंग की ड्रेस के जरिए 'शर्ली चिशोम' को सम्मान देना चाहती थीं. शर्ली चिशोम जो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला थीं. 1972 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से चिशोम पहली ब्लैक महिला थीं जो प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट की गईं थीं. उन्होंने भी अपने ऐतिहासिक कैंपेन के समय कई बार बैंगनी ड्रेस पहनी थी.
हैरिस ऐसा करके ‘शर्ली’ को सम्मान देना चाहती थीं, क्योंकि हैरिस उन्हें अपना आदर्श मानती हैं. जब लोगों के हैरिस की ड्रेस के पीछे का मकसद समझ आया तो सबने उनकी सराहना की. इस ड्रेस को दो अश्वेत डिजाइनरों क्रिस्टोफर जॉन रॉजर्स...
कमला हैरिस (First Female S Vice President Kamala harris) ने कैपिटल हिल में अपने शपथ के साथ ही कई सारे इतिहास रच दिए. इस दौरान लोगों ने पहली भारतीय-अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट की कई छोटी-छोटी खूबियों पर गौर किया. चाहे उनकी सादगी हो या फिर गर्मजोशी. इस समय पूरी दुनिया की नजर उनकी बैंगनी रंग की ड्रेस पर थी. जब लोगों को बैंगनी रंग की ड्रेस पहनने के पीछे की वजह समझ आई तो सभी ने अमेरिका की पहली अश्वेत महिला वाइस प्रेसिडेंट की सराहना की.
इस बैंगनी रंग की ड्रेस के कई मायने हैं. अगर आपने गौर किया हो तो 2019 में प्रेसिडेंशियल कैंपेन के समय भी हैरिस ने कई बार बैंगनी रंग के कपड़े पहने थे. हैरिस की जिंदगी में महिलाओं की भूमिका रही है और वे इस बात के लिए खुद को भाग्यशाली भी मानती हैं. हैरिस ने इस रंग के ड्रेस का चुनाव किसी दूसरी सशक्त महिला को सम्मान देने के लिए किया था. जिन्हें वे अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं.
दरअसल, हैरिस बैंगनी रंग की ड्रेस के जरिए 'शर्ली चिशोम' को सम्मान देना चाहती थीं. शर्ली चिशोम जो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला थीं. 1972 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से चिशोम पहली ब्लैक महिला थीं जो प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट की गईं थीं. उन्होंने भी अपने ऐतिहासिक कैंपेन के समय कई बार बैंगनी ड्रेस पहनी थी.
हैरिस ऐसा करके ‘शर्ली’ को सम्मान देना चाहती थीं, क्योंकि हैरिस उन्हें अपना आदर्श मानती हैं. जब लोगों के हैरिस की ड्रेस के पीछे का मकसद समझ आया तो सबने उनकी सराहना की. इस ड्रेस को दो अश्वेत डिजाइनरों क्रिस्टोफर जॉन रॉजर्स और सरजिओ हडसन ने डिजाइन किया था. जिसे पहनकर हैरिस ने देश के अश्वेत डिजाइनरों पर अपना संदेश दिया है.
वहीं ‘शर्ली’ से प्रेरणा लेते हुए हैरिस आगे बढ़ना चाहती हैं. माना जा रहा है कि, हैरिस की ख्वाहिश राष्ट्रपति बनने की है. जिसके लिए वे आगे चलकर दावेदारी पेश कर सकती हैं. हालांकि इस देश में अश्वेत महिलाओं के लिए एक द्वेष सा माहौल होने की वजह से हैरिस की राहें आसान नहीं होगी.
शपथ से कुछ घंटे पहले हैरिस ने अपनी स्वर्गीय मां श्यामला गोपालन को याद करते हुए एक वीडियो जारी किया था. जिसमें मां के साथ-साथ उन्होंने अश्वेत महिलाओं का भी जिक्र किया. वहीं अपनी स्पीच में उन्होंने कहा कि, 'मैं भले ही अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट बनने वाली पहली महिला हूं, पर आखिरी नहीं.'
वहीं हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने से महिलाएं काफी उत्साहित हैं. उनका मानना है कि इससे हमारे बच्चियों और बच्चों को एक रोल मॉडल मिलेगा. जिससे वे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ सकेंगे. पहली बार 'कोई अश्वेत और प्रवासी अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं. अश्वेत महिलाओं का कहना है कि इससे हमें उम्मीद जागी है और सपनों को हकीकत में बदलने की हिम्मत भी मिली है. अमेरिका में ऐसा नहीं होता और यह वाकई गर्व का पल है.
क्या महिलाएं ही महिलाओं की कामयाबी से जलती हैं. इसका अंदाजा आप हैरिस पर बने रहे तरह-तरह की मीम्स से लगा सकते हैं. जहां दुनियाभर के ट्रोलर्स की लिस्ट में महिलाओं का नाम भी काफी संख्या में देखने को मिल रहा है. एक तरफ हैरिस को फीमेल “ओबामा’ माना जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ पितृसत्तात्मक सोच रखने वाले ये पूछ रहे हैं कि कमला के पति उपराष्ट्रपति लिखवा कर घूमेंगे या लोग अब कमला पसंद ज्यादा खरीदेंगे.
जैसे ये लोग अभी भी यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि, एक महिला इतने बड़े पद पर कैसे पहुंच गई. हैरानी की बात यह है कि ऐसा करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर तो इन्होंने मीम्स नहीं बनाएं. हम यह नहीं कहते कि बाइडन को भी ट्रोल करना चाहिए, लेकिन क्या एक महिला होने के नाते हैरिस के साथ ऐसा करना सही है.
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