आपको ये स्टोरी अच्छी लगेगी, क्योंकि ये आपका मनोरंजन करेगी. ये लाइट स्टोरी है, लेकिन बहुत ही स्पाइसी है और इसकी स्क्रिप्ट सीधे महाराष्ट्र के ड्रामा से उठाई गई है, जो इसे पिंक बॉल क्रिकेट मैच या लेटेस्ट बॉलीवुड फिल्मों से भी अधिक मनोरंजक बनाती है. आपने अक्सर ही नेताओं को ये कहते सुना होगा कि राजनीति में कोई भी हमेशा के लिए दुश्मन नहीं होता. महाराष्ट्र ने इस बात को सच साबित कर दिया है. महाराष्ट्र (Maharashtra Government Formation) में शिवसेना (Shiv Sena) ने एक ऐसा गठबंधन किया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. ये गठबंधन विरोधी विचारधारा वाली कांग्रेस (Congress) और विरोधी शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) के गठबंधन के साथ किया गया. इसके लिए शिवसेना ने अपनी सालों पुरानी साथी भाजपा (BJP) को छोड़ भी दिया.
इस पूरी कहानी में एनसीपी ने एक अहम भूमिका अदा ही और कहानी को ऐसा घुमाया कि लोग पूरी तरह से कंफ्यूज हो गए. कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर महाराष्ट्र में ये सब हो क्या रहा है? अब सरकार बनने वाली है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (ddhav Thackeray) गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री पद (Maharashtra CM) की शपथ लेंगे. बता दें कि वह ना तो विधायक हैं ना ही पार्षद. बुधवार को उद्धव ठाकरे सरकार का एजेंडा तय करने के लिए एक बैठक हुई. ये बैठक एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर पर हुई थी. शरद पवार ना तो सांसद हैं ना ही विधायक.
मुंबई में शरद पवार के घर पर हुई बैठक में दो सबसे वरिष्ठ हाई प्रोफाइल नेता थे- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के सलाहकार अहमद पटेल (Ahmed Patel) और महाराष्ट्र कांग्रेस के इंचार्ज मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge)....
आपको ये स्टोरी अच्छी लगेगी, क्योंकि ये आपका मनोरंजन करेगी. ये लाइट स्टोरी है, लेकिन बहुत ही स्पाइसी है और इसकी स्क्रिप्ट सीधे महाराष्ट्र के ड्रामा से उठाई गई है, जो इसे पिंक बॉल क्रिकेट मैच या लेटेस्ट बॉलीवुड फिल्मों से भी अधिक मनोरंजक बनाती है. आपने अक्सर ही नेताओं को ये कहते सुना होगा कि राजनीति में कोई भी हमेशा के लिए दुश्मन नहीं होता. महाराष्ट्र ने इस बात को सच साबित कर दिया है. महाराष्ट्र (Maharashtra Government Formation) में शिवसेना (Shiv Sena) ने एक ऐसा गठबंधन किया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. ये गठबंधन विरोधी विचारधारा वाली कांग्रेस (Congress) और विरोधी शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) के गठबंधन के साथ किया गया. इसके लिए शिवसेना ने अपनी सालों पुरानी साथी भाजपा (BJP) को छोड़ भी दिया.
इस पूरी कहानी में एनसीपी ने एक अहम भूमिका अदा ही और कहानी को ऐसा घुमाया कि लोग पूरी तरह से कंफ्यूज हो गए. कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर महाराष्ट्र में ये सब हो क्या रहा है? अब सरकार बनने वाली है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (ddhav Thackeray) गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री पद (Maharashtra CM) की शपथ लेंगे. बता दें कि वह ना तो विधायक हैं ना ही पार्षद. बुधवार को उद्धव ठाकरे सरकार का एजेंडा तय करने के लिए एक बैठक हुई. ये बैठक एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर पर हुई थी. शरद पवार ना तो सांसद हैं ना ही विधायक.
मुंबई में शरद पवार के घर पर हुई बैठक में दो सबसे वरिष्ठ हाई प्रोफाइल नेता थे- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के सलाहकार अहमद पटेल (Ahmed Patel) और महाराष्ट्र कांग्रेस के इंचार्ज मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge). अहमद पटेल गुजरात से राज्य सभा सांसद हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में लोकसभा में विपक्ष के नेता थे. इस बार वह चुनाव हार गए.
अब इस बैठक का भाजपा के साथ कनेक्शन भी जानिए. उद्धव ठाकरे सरकार में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बात करने के लिए बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल एक BMW कार से शरद पवार के घर पहुंचे थे. यूनियन ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की वाहन एनआर ई-सर्विस (Vahan NR e-service) के अनुसार ये BMW कार KBJ Gold Ornaments Limited के नाम पर रजिस्टर है. भाजपा नेता मोहित दीपक कंबोज (Mohit Kamboj) इस ज्वैलरी कंपनी के डायरेक्टरों में से एक थे. और ये गाड़ी झारखंड के जमशेदपुर में रजिस्टर है. मोहित कंबोज इंडिया टुडे को बताते हैं कि यह गाड़ी अब उनके नाम पर नहीं है. वो बिक चुकी है.
तो अब कहानी ये है... दो बहुत ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता झारखंड में रजिस्टर कार का इस्तेमाल शरद पवार के घर जाने के लिए करते हैं, जो कार एक भाजपा नेता की है. इस कार से दोनों नेता ये साफ करने गए थे कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की सरकार का एजेंडा क्या होगा.
वाकई, राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता, ना तो हमेशा के लिए, ना ही कुछ दिनों के लिए.
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