इन दिनों वैश्विक पटल पर अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच का तनाव सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. अमेरिका ने जब से ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (Genral Qasem Soleimani) को ड्रोन हमले (Drone Attack) में मार गिराया है, तब से दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है. बता दें कि जनरल कासिम सुलेमानी ईरान के बेहद ताकतवर कमांडर थे और अब ईरान ने सुलेमानी की मौत का बदला लेने की चेतावनी भी दी है. यहां तक कि उसने परमाणु हमला तक करने की धमकी अमेरिका को दे दी है. इसी बीच इराक के बगदाद में स्थिति अमेरिकी दूतावास पर भी ईरान ने रॉकेट से हमला किया है. हालांकि, अभी ये नहीं पता चल सकता है कि इस हमले में कितने लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं. उधर ईरान बदले की आग में झुलस रहा है, इधर ट्रंप (Donald Trump) ने भी कह दिया है कि ईरान पर ऐसा हमला होगा, जैसा पहले कभी नहीं हुआ. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने अपनी मस्जिद पर लाल झंडा फहरा (Iran unfurls red flag) दिया है. तो क्या इसका ये मतलब है कि ईरान ने जंग का ऐलान कर दिया है?
ईरान ने पहली बार जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा फहराया है, जिसे जंग का ऐलान माना जा रहा है.
लाल झंडे का क्या मतलब?
ईरान के कोम स्थित जामकरन मस्जिद के गुम्बद पर आमतौर पर धार्मिक झंडे फहराए जाते हैं, लेकिन इस बार उसे हटाकर लाल झंडा फहरा दिया गया है. लाल झंडे को युद्ध के ऐलान की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि इसका मतलब दुख जताना नहीं होता. माना जा रहा है कि ईरान अपने देशवासियों को उस स्थिति के लिए तैयार करने को कह रहा है कि वह युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहें.
कहां से आया लाल झंडे का कॉन्सेप्ट?
हुसैन साहब ने कर्बला युद्ध के दौरान मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराया था. लाल झंडे को खून और शहादत का प्रतीक माना जाता है. हाल ही में अमेरिका ने कासिम सुलेमानी की हत्या की है और ईरान ने भी परमाणु हमला तक करने की धमकी दे दी है. ऐसे में लाल झंडे का मतलब कोई भी शख्स युद्ध जैसी स्थिति से ही लगाएगा.
पहली बार फहराया गया है लाल झंडा
ईरान ने लाल झंडा फहराकर एक बात साफ कर दी है कि देश को ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहना है, जैसी पहले कभी नहीं हुई. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि ईरान में पहली बार मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया है. यहां तक कि जब ईरान का इराक से युद्ध हो रहा था, तब भी ईरान ने मस्जिद पर लाल झंडा नहीं फहराया था.
लाल झंडे का फहराया जाना क्यों खतरनाक है?
ईरान की जामकरन मस्जिद को बेहद पवित्र मस्जिद माना जाता है. यहां के युवाओं में इस मस्जिद का काफी प्रभाव है. यानी एक बात तो तय है कि अगर इस मस्जिद से एक बार कोई ऐलान कर दिया गया तो लगभग पूरा देश ही उसके लिए तैयार हो जाएगा. लाल झंडे को युद्ध का प्रतीक माना जा रहा है तो इसका मतलब समझिए कि आने वाले दिनों में ईरान और अमेरिका के बीच आर-पार की लड़ाई हो सकती है.
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