कर्नाटक इलेक्शन 2018 के नतीजों में एक दिलचस्प मोड़ की कल्पना कर लीजिए क्योंकि अब अमित शाह जल्दी ही अपना तुरुप का पत्ता खोल सकते हैं.
कर्नाटक से बड़ी खबर है. राज्यपाल वजुभाई वाला किसी भी पल बीजेपी के येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दे सकते हैं. राज भवन के सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा को बुलाने का फैसला हो चुका है और कभी भी उनके नाम की घोषणा हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के पास सरकार बनाने के प्लान तय है. पार्टी के पास कुल 104 सीटें हैं उसे कुल 8 सीटों की ज़रूरत है. अगर राज्यपाल वजुवाला येदियुरप्पा को शपथ दिलाते हैं तो बहुमत सिद्ध करना बेहद आसान होगा. पार्टी को सिर्फ इतना करना होगा कि कांग्रेस और जेडीएस के कुल 16 विधायक सदन से गैर हाजिर हो जाए.
तीन पार्टियों के अलावा सदन में जो तीन विधायक हैं उनमें एक बीएसपी का है, दूसरा कर्नाटक पीजेपी का और तीसरा निर्दलीय विधायक है जो योगेन्द्र यादव की पार्टी का है. इनमें पीजेपी के विधायक को अगर बीजेपी अपने पक्ष में वोट देने को तैयार कर लेती है तो 14 विधायकों के ही सदन में गैर हाजिर रहना होगा.
बीजेपी को भरोसा है कि अमित शाह की युक्तियों से वो इतने विधायकों को मैनेज कर ही लेगी. पार्टी के पास येद्दियुरप्पा और रेड्डी बंधुओं के रूप में दो बड़े मैनेजर मौजूद हैं. रेड्डी बंधुओं से पार्टी को काफी धन मिल सकता है.
अगर बीजेपी का पिछला रिकॉर्ड देखें तो समझा जा सकता है कि कर्नाटक में भी उसे सरकार बनाने में कोई नैतिक दुविधा नहीं होगी. वैसे भी मोदी और बीजेपी के समर्थक मोदी और शाह को अपना हीरो मानते हैं जाहिर बात है कि वो सरकार बनाते हैं तो इसे वो मोदी और शाह की खूबियों के तौर पर देखेगी इसलिए जनाधार भी पार्टी का सुरक्षित ही है.
कर्नाटक से बड़ी खबर है. राज्यपाल वजुभाई वाला किसी भी पल बीजेपी के येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दे सकते हैं. राज भवन के सूत्रों के मुताबिक येदियुरप्पा को बुलाने का फैसला हो चुका है और कभी भी उनके नाम की घोषणा हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के पास सरकार बनाने के प्लान तय है. पार्टी के पास कुल 104 सीटें हैं उसे कुल 8 सीटों की ज़रूरत है. अगर राज्यपाल वजुवाला येदियुरप्पा को शपथ दिलाते हैं तो बहुमत सिद्ध करना बेहद आसान होगा. पार्टी को सिर्फ इतना करना होगा कि कांग्रेस और जेडीएस के कुल 16 विधायक सदन से गैर हाजिर हो जाए.
तीन पार्टियों के अलावा सदन में जो तीन विधायक हैं उनमें एक बीएसपी का है, दूसरा कर्नाटक पीजेपी का और तीसरा निर्दलीय विधायक है जो योगेन्द्र यादव की पार्टी का है. इनमें पीजेपी के विधायक को अगर बीजेपी अपने पक्ष में वोट देने को तैयार कर लेती है तो 14 विधायकों के ही सदन में गैर हाजिर रहना होगा.
बीजेपी को भरोसा है कि अमित शाह की युक्तियों से वो इतने विधायकों को मैनेज कर ही लेगी. पार्टी के पास येद्दियुरप्पा और रेड्डी बंधुओं के रूप में दो बड़े मैनेजर मौजूद हैं. रेड्डी बंधुओं से पार्टी को काफी धन मिल सकता है.
अगर बीजेपी का पिछला रिकॉर्ड देखें तो समझा जा सकता है कि कर्नाटक में भी उसे सरकार बनाने में कोई नैतिक दुविधा नहीं होगी. वैसे भी मोदी और बीजेपी के समर्थक मोदी और शाह को अपना हीरो मानते हैं जाहिर बात है कि वो सरकार बनाते हैं तो इसे वो मोदी और शाह की खूबियों के तौर पर देखेगी इसलिए जनाधार भी पार्टी का सुरक्षित ही है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.