दिसंबर की शुरुआत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारी राजनीतिक दलों द्वारा आखिरकार शुरू हो ही गई है. चुनावों को लेकर तमाम तरह की धारणाएं बनाई जा रही हैं. कई कथाएं हैं जो निर्माणाधीन हैं, वहीं बात मीडिया की हो तो वहां भी अलग अलग चैनल्स अपने ओपिनियन पोल लेकर हमारे सामने हैं. कहीं भाजपा के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है. तो किसी चैनल के पैनल पर बैठे एक्सपर्ट्स इस बात पर विमर्श कर रहे हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का सीधा फायदा कांग्रेस को गुजरात में होगा और वहां उसकी सीटें बढ़ेंगी. इन सब के विपरीत कई राजनीतिक विश्लेषक ऐसे भी हैं जिन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उग्र रवैये ने हैरत में डाल दिया है. ऐसे लोगों का यही मानना है कि गुजरात में कांग्रेस और भाजपा के लिए आम आदमी पार्टी साइलेंट किलर साबित होगी.
गुजरात का रण कौन जीतता है? मुख्यमंत्री किस दल का होगा? सवाल तमाम हैं जिनका जवाब वक़्त देगा. लेकिन जैसा माहौल सोशल मीडिया पर बनता नजर आ रहा है, वहां भी गुजरात चुनाव लोगों की उत्सुकता के केंद्र में है. जैसे ट्वीट, रिट्वीट और रिप्लाई 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आ रहे हैं, इस बात में कोई शक नहीं है कि चाहे वो कांग्रेस और भाजपा हों या फिर आम आदमी पार्टी गुजरात का चुनाव एक नयी राजनीतिक इबारत की रचना करेगा.
अभी क्या माहौल है गुजरात में
वाक़ई गुजरात का चुनाव उत्सुकता पैदा करता है.. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य का...
दिसंबर की शुरुआत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारी राजनीतिक दलों द्वारा आखिरकार शुरू हो ही गई है. चुनावों को लेकर तमाम तरह की धारणाएं बनाई जा रही हैं. कई कथाएं हैं जो निर्माणाधीन हैं, वहीं बात मीडिया की हो तो वहां भी अलग अलग चैनल्स अपने ओपिनियन पोल लेकर हमारे सामने हैं. कहीं भाजपा के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है. तो किसी चैनल के पैनल पर बैठे एक्सपर्ट्स इस बात पर विमर्श कर रहे हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का सीधा फायदा कांग्रेस को गुजरात में होगा और वहां उसकी सीटें बढ़ेंगी. इन सब के विपरीत कई राजनीतिक विश्लेषक ऐसे भी हैं जिन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उग्र रवैये ने हैरत में डाल दिया है. ऐसे लोगों का यही मानना है कि गुजरात में कांग्रेस और भाजपा के लिए आम आदमी पार्टी साइलेंट किलर साबित होगी.
गुजरात का रण कौन जीतता है? मुख्यमंत्री किस दल का होगा? सवाल तमाम हैं जिनका जवाब वक़्त देगा. लेकिन जैसा माहौल सोशल मीडिया पर बनता नजर आ रहा है, वहां भी गुजरात चुनाव लोगों की उत्सुकता के केंद्र में है. जैसे ट्वीट, रिट्वीट और रिप्लाई 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आ रहे हैं, इस बात में कोई शक नहीं है कि चाहे वो कांग्रेस और भाजपा हों या फिर आम आदमी पार्टी गुजरात का चुनाव एक नयी राजनीतिक इबारत की रचना करेगा.
अभी क्या माहौल है गुजरात में
वाक़ई गुजरात का चुनाव उत्सुकता पैदा करता है.. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य का दौरा कर रैलियां सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि चुनाव से पहले ये एक तरह की रस्म-अदायगी है. माना यही जा रहा है कि गुजरात में भाजपा पूरी तरह से अपने परंपरागत वोटबैंक पर आश्रित है. भाजपा के बाद अगर हम कांग्रेस की तैयारियों पर नजर डालें तो चुनाव पूर्व जैसी तैयारी कांग्रेस की है. साफ़ पता चलता है कि गुजरात में कांग्रेस सुप्तावस्था में है और सूबे के अधिकांश नेता राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में कदमताल कर रहे हैं.
भाजपा और कांग्रेस से इतर गुजरात विधानसभा चुनावों में जो तैयारियां आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की है वो हैरान करने वाली है. आप गुजरात के लिए खासी गंभीर है. चाहे वो रैलियां और जनसभाएं हों या फिर ट्विटर गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जैसा रुख आम आदमी पार्टी का है वो यक़ीनन आक्रामक नजर आ रहा है. सूबे में केजरीवाल का ऑटो स्टंट अभी से विरोधियों को परेशान करता नजर आ रहा है.
कह सकते हैं कि अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए गुजरात में रेस चल रही है. तो वर्तमान परिदृश्य में आम आदमी की स्थिति उस खरगोश की तरह है जो पंचतंत्र की उस बरसों पुरानी कहानी में बहुत तेज भागा था लेकिन एक मौका आया वो थक गया और रेस कछुए ने जीती. गुजरात के सन्दर्भ में वो कछुआ कौन होगा इसका फैसला ताजा सूरत ए हाल का आंकलन कर जनता ही करे तो बेहतर है.
गुजरात विधानसभा चुनावों में सूबे का नया मुख्यमंत्री कौन और किस दल का होगा? इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन अभी जो प्रश्न है वो सीटों का है. तो अब जनता ही बताए कि कांग्रेस और भाजपा से लेकर आम आदमी पार्टी तक गुजरात में किसकी मेहनत रंग लाती है? और बढ़ी हुई सीटें किसके पाले में आती हैं.
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