गुजरात विधासभा चुनावों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने इतिहास रच दिया है. कई रिकॉर्ड टूटे हैं. कई नयी इबारतों की रचना हुई है. आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आ जाने के बाद यूं तो गुजरात का चुनाव पूर्व के मुकाबले अलग था लेकिन राज्य में ऐसी तमाम सीटें हैं जो चर्चाओं का बाजार गर्म करने और सुर्ख़ियों में आने में कामयाब हुई हैं. ऐसी ही एक सीट बनी है कुटियाना विधानसभा सीट. जहां 'लेडी डॉन' के बाहुबली बेटे कांधल भाई जडेजा के टिकट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई है. जी हां चौंकने की जरूरत हरगिज नहीं है आपने जो भी सुना देखा और पढ़ा उसका एक एक शब्द सच है.
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा में से से सरकार किसी की भी बने भौकाली होने के कारण कुटियाना विधानसभा सीट ने हमेशा ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. इस बार भी इस सीट ने लोगों के बीच खूब बज पैदा किया था. ऐसे में अब जबकि नतीजे घोषित हो चुके हैं तो बता दें कि इस सीट पर सपा के कांधल जडेजा ने बीजेपी उम्मीदवार को 5 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर ली है.
दरअसल गुजरात के पोरबंदर में आने वाली कुटियाना सीट पर साल 2012 और 2017 के चुनाव में बाहुबली कांधल जडेजा ने अपने रहम की निगाह एनसीपी पर डाली थी. कद्दावर होने के कारण क्योंकि जीत उनके लिए बच्चों का खेल था कांधल जडेजा विधानसभा पहुंचे थे. इस बार यानी साल 2022 के विधानसभा चुनावों में कांधल जडेजा ने अपना मूड बदला और वो मुहब्बत जो कभी उन्होंने एनसीपी से की थी इस बार समाजवादी पार्टी पर बरसाई और वो हो गया जिसकी उम्मीद कांधल को थी.
कांधल के बारे में रोचक...
गुजरात विधासभा चुनावों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने इतिहास रच दिया है. कई रिकॉर्ड टूटे हैं. कई नयी इबारतों की रचना हुई है. आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आ जाने के बाद यूं तो गुजरात का चुनाव पूर्व के मुकाबले अलग था लेकिन राज्य में ऐसी तमाम सीटें हैं जो चर्चाओं का बाजार गर्म करने और सुर्ख़ियों में आने में कामयाब हुई हैं. ऐसी ही एक सीट बनी है कुटियाना विधानसभा सीट. जहां 'लेडी डॉन' के बाहुबली बेटे कांधल भाई जडेजा के टिकट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई है. जी हां चौंकने की जरूरत हरगिज नहीं है आपने जो भी सुना देखा और पढ़ा उसका एक एक शब्द सच है.
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा में से से सरकार किसी की भी बने भौकाली होने के कारण कुटियाना विधानसभा सीट ने हमेशा ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. इस बार भी इस सीट ने लोगों के बीच खूब बज पैदा किया था. ऐसे में अब जबकि नतीजे घोषित हो चुके हैं तो बता दें कि इस सीट पर सपा के कांधल जडेजा ने बीजेपी उम्मीदवार को 5 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और अपनी जीत की हैट्रिक पूरी कर ली है.
दरअसल गुजरात के पोरबंदर में आने वाली कुटियाना सीट पर साल 2012 और 2017 के चुनाव में बाहुबली कांधल जडेजा ने अपने रहम की निगाह एनसीपी पर डाली थी. कद्दावर होने के कारण क्योंकि जीत उनके लिए बच्चों का खेल था कांधल जडेजा विधानसभा पहुंचे थे. इस बार यानी साल 2022 के विधानसभा चुनावों में कांधल जडेजा ने अपना मूड बदला और वो मुहब्बत जो कभी उन्होंने एनसीपी से की थी इस बार समाजवादी पार्टी पर बरसाई और वो हो गया जिसकी उम्मीद कांधल को थी.
कांधल के बारे में रोचक ये है कि पूर्व में ही उन्होंने ये घोषणा की थी कि इस सीट पर जीत के लिए सिर्फ उनका नाम ही काफी है. कुटियाना सीट पर कांधल का ये कॉन्फिडेंस यूं ही बेवजह नहीं है. कांधल की मां संतोकबेन जडेजा पूरे गुजरात में 'लेडी डॉन' के रूप में अपनी विशेष पहचान रखती हैं. अब सोचने वाली बात ये है कि जिस इंसान की मां का सिक्का सिर्फ उसकी विधानसभा सीट पर न चलकर पूरे गुजरात में चलता हो. अगर वो चुनाव लड़े तो वो नहीं जीतेगा तो फिर कौन जीतेगा?
बात कुटियाना सीट की चल रही है तो इस सीट का गणित भी कम रोचक नहीं है. गुजरात में कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन के बाद कुटियाना सीट कांग्रेस के पाले में आ गयी थी जिसके बाद कांधल जडेजा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. जिक्र यदि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों का हो तो पिछले चुनाव में कुटियाना सीट जीतने वाले कांधल जडेजा एनसीपी के इकलौते एमएलए थे. 2017 का चुनाव कांधल ने कितना रोचक बनाया था इसका अंदाजा बस इसी बात से लगाया जा सकता है कि तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के ओडेदरा लखमणभाई भीमाभाई को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
जिक्र कुटियाना विधानसभा सीट पर कांधल जडेजा के दबदबे का हुआ तो उनका रसूख कैसा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसी सीट से लेडी डॉन के रूप में मशहूर उनकी मां संतोकबेन जडेजा भी एमएलए रही हैं जिनपर 500 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. वहीं जब हम बात कांधल जडेजा की करे तो मामलों को लेकर थाने आना या कोर्ट जाना इनका भी रोज का काम है.
बहरहाल बात कांधल जडेजा द्वारा सपा को रहम की निगाह से देखने की हुई है. तो बताते चलें कि अपने बाहुबल और वर्चस्व के दम पर कांधल जडेजा को विधानसभा पहुंचना था. वो पहुंचे उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि वहां इन्हें पहुंचा कौन रहा है. कुल मिलाकर अब अखिलेश यादव को कांधल जडेजा को थैंक यू बोल ही देना चाहिए.
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