कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवर सुनील जाखड़ ने पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट लगभग दो लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत ली है. गुरदासपुर सीट पर हुए उपचुनाव में श्री जाखड़ ने बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया को 1 लाख 93 हजार 219 मतों से मात दी. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सेवानिवृत सुरेश खजुरिया बड़े अंतर के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
यही नहीं आज पार्टी के लिए केरल से भी खुशखबरी आयी वहां यूडीएफ की ओर से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के उम्मीदवार के.एन.ए. खादर ने 23,000 से ज्यादा मतों के अंतर से वेंगारा विधानसभा पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की, इस सीट पर एलडीएफ के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे जबकि एनडीए के प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे.
बात गुरदासपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी के जितने की करें तो इस जीत ने पार्टी में मानो नयी जान फूंक दी है. क्योंकि ऐसी खबरें भी आ रही हैं की जल्द ही राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने वाले हैं. ऐसे में ये जीत उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने भी दी है, जो खुद भी इस जीत के लिए बधाई के पात्र हैं. क्योंकि इस उपचुनाव को पंजाब में छह महीने पुरानी अमरिंदर सरकार की लोकप्रियता के लिए मापदंड के रूप में देखा जा रहा था.
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कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवर सुनील जाखड़ ने पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट लगभग दो लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत ली है. गुरदासपुर सीट पर हुए उपचुनाव में श्री जाखड़ ने बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया को 1 लाख 93 हजार 219 मतों से मात दी. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सेवानिवृत सुरेश खजुरिया बड़े अंतर के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
यही नहीं आज पार्टी के लिए केरल से भी खुशखबरी आयी वहां यूडीएफ की ओर से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के उम्मीदवार के.एन.ए. खादर ने 23,000 से ज्यादा मतों के अंतर से वेंगारा विधानसभा पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की, इस सीट पर एलडीएफ के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे जबकि एनडीए के प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे.
बात गुरदासपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी के जितने की करें तो इस जीत ने पार्टी में मानो नयी जान फूंक दी है. क्योंकि ऐसी खबरें भी आ रही हैं की जल्द ही राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने वाले हैं. ऐसे में ये जीत उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने भी दी है, जो खुद भी इस जीत के लिए बधाई के पात्र हैं. क्योंकि इस उपचुनाव को पंजाब में छह महीने पुरानी अमरिंदर सरकार की लोकप्रियता के लिए मापदंड के रूप में देखा जा रहा था.
कांग्रेस पार्टी के लिए ये जीत निकट भविष्य में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भी अच्छी साबित हो सकती है. क्योंकि ये कार्यकर्ताओं में कुछ जोश जरूर भरेगी. पार्टी के विजयी उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने पहले दावा किया था कि यह उपचुनाव मोदी सरकार पर जनमत संग्रह होगा. जीत के बाद भी उन्होंने कुछ इसी तरह का बयान दिया की जनता ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ वोट दिया है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट को फिर से हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया था. इस सीट पर पार्टी के लिए इसलिए भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी क्योंकि इससे पहले पिछले पांच में से चार बार पार्टी के दिवंगत नेता विनोद खन्ना ने यहां से जीत दर्ज की थी. विनोद खन्ना के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इस वर्ष 27 अप्रैल को मुंबई के एक अस्पताल में उनका कैंसर से निधन हो गया था.
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