प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तीर से कई निशाना साधने के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. इसकी मिसाल बीते 8 सालों में देश ने अनुभव किया है. विरोधी मोदी के अभियानों की आलोचना करने में रह जाते हैं और देश का जनमानस उस अभियान से दिल से जुड़ जाता है. हर घर तिरंगा अभियान इसका ताजा उदाहरण है. आज देश का हर कस्बा इस अभियान से जुड़ गया है. गांव – शहरों के हर गली – मोहल्ले, घर, दफ्तर तिरंगामय नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस अभियान की घोषणा की तब विपक्षी दल पहले तो इसका भी विरोध करने लगे लेकिन देश के जनमानस का मूड इस अभियान के समर्थन में दिखा तो विपक्ष भी इस अभियान से जुड़ने को मजबूर हो गया.
मोदी की राजनीतिक धार आज भी बरकरार
विपक्षी दलों द्वारा पीएम मोदी पर रोजाना हमले होते हैं. मोदी रोजाना तो विपक्षी दलों द्वारा किये जाने वाले हमले का जवाब नहीं देते लेकिन वक्त - वक्त पर जब भी जवाब देते हैं तो विपक्षी दलों के जुबान पर लंबे समय तक के लिए कुछ बोलने को नहीं छोड़ते. विपक्ष हर घर तिरंगा अभियान को राजनीतिक एजेंडा बताकर विरोध कर रहा है. जबकि मोदी कह रहे हैं कि इस अभियान की वजह से युवा पीढ़ियों में राष्ट्रीयता व एकता की भावना पैदा होने के साथ – साथ देश के गरीबों, बुनकरों, हैंडलूम में काम करने वालों की अतिरिक्त आय हो रही है.
कम होने के बजाय बढ़ रही लोकप्रियता
अमूमन देखा गया है कि कि कोई भी सरकार जब लगातार दूसरे टर्म पूरा करने लगती है तो एंटी इन्कंबेंसी जैसा महौल बनने लगता है लेकिन पीएम मोदी के साथ परिस्थिति आज भी उलट है. पीएम मोदी की जो लोकप्रियता साल 2014 में थी वैसी ही 2022 में महसूस होती है. पीएम मोदी की हर एक आवाज पर आज भी पहले की तरह ही देश खड़ा हो उठता है.
मोदी सरकार 2.0 में हमने साल 2020 में देखा कि किस तरह पीएम मोदी के आह्वान पर देश की जनता ने एक सुर में ताली – थाली बजाई. और फिर लॉकडाउन को सफल बनाने में सहयोग किया. उसी तरह हर घर तिरंगा अभियान में लोग मोदी के साथ खड़े दिख...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तीर से कई निशाना साधने के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. इसकी मिसाल बीते 8 सालों में देश ने अनुभव किया है. विरोधी मोदी के अभियानों की आलोचना करने में रह जाते हैं और देश का जनमानस उस अभियान से दिल से जुड़ जाता है. हर घर तिरंगा अभियान इसका ताजा उदाहरण है. आज देश का हर कस्बा इस अभियान से जुड़ गया है. गांव – शहरों के हर गली – मोहल्ले, घर, दफ्तर तिरंगामय नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इस अभियान की घोषणा की तब विपक्षी दल पहले तो इसका भी विरोध करने लगे लेकिन देश के जनमानस का मूड इस अभियान के समर्थन में दिखा तो विपक्ष भी इस अभियान से जुड़ने को मजबूर हो गया.
मोदी की राजनीतिक धार आज भी बरकरार
विपक्षी दलों द्वारा पीएम मोदी पर रोजाना हमले होते हैं. मोदी रोजाना तो विपक्षी दलों द्वारा किये जाने वाले हमले का जवाब नहीं देते लेकिन वक्त - वक्त पर जब भी जवाब देते हैं तो विपक्षी दलों के जुबान पर लंबे समय तक के लिए कुछ बोलने को नहीं छोड़ते. विपक्ष हर घर तिरंगा अभियान को राजनीतिक एजेंडा बताकर विरोध कर रहा है. जबकि मोदी कह रहे हैं कि इस अभियान की वजह से युवा पीढ़ियों में राष्ट्रीयता व एकता की भावना पैदा होने के साथ – साथ देश के गरीबों, बुनकरों, हैंडलूम में काम करने वालों की अतिरिक्त आय हो रही है.
कम होने के बजाय बढ़ रही लोकप्रियता
अमूमन देखा गया है कि कि कोई भी सरकार जब लगातार दूसरे टर्म पूरा करने लगती है तो एंटी इन्कंबेंसी जैसा महौल बनने लगता है लेकिन पीएम मोदी के साथ परिस्थिति आज भी उलट है. पीएम मोदी की जो लोकप्रियता साल 2014 में थी वैसी ही 2022 में महसूस होती है. पीएम मोदी की हर एक आवाज पर आज भी पहले की तरह ही देश खड़ा हो उठता है.
मोदी सरकार 2.0 में हमने साल 2020 में देखा कि किस तरह पीएम मोदी के आह्वान पर देश की जनता ने एक सुर में ताली – थाली बजाई. और फिर लॉकडाउन को सफल बनाने में सहयोग किया. उसी तरह हर घर तिरंगा अभियान में लोग मोदी के साथ खड़े दिख रहे हैं.
देश भर में एक उत्सव जैसा महौल नजर आ रहा है. लोग घरों में तिरंगे लगा रहे हैं. सोशल मीडिया में अपनी प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगे को लगा रहे हैं. राष्ट्रीय त्यौहारों से पूर्व इस तरह का उत्सव जैसा माहौल हम सबने शायद ही हाल के दशकों में देखा होगा. ये साक्ष्य भी है इस बात का कि पीएम मोदी की लोकप्रियता आज भी देशभर में पहले की तरह ही बरकरार है.
नेतृत्व में आज भी है पहले जैसा ही दम खम
प्रधानमंत्री मोदी की पहचान इस रूप में है कि जो वो काम शुरू करते हैं उसे पूरा किए बिना नहीं रूकते. बीते सालों में हमने देखा भी है. कई ऐसे मौके आए जब विपक्ष ने पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियानों का माखौल उड़ाया. इनमें स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया से लेकर आत्मनिर्भर भारत जैसे कई उदाहरण हैं. जब मोदी ने हाथ में झाड़ू उठाकर देश से भारत को स्वच्छ बनाने की अपील की तो कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ये कहकर मजाक उड़ाया कि ये तो असंभव सा कार्य हैं.
लेकिन जिस तरह पीएम मोदी ने इस अभियान का नेतृत्व किया उससे देखते ही देखते लोगों के बीच बड़ी ही तेजी से इस अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ी. बच्चे लेकर बुजूर्ग तक इस अभियान से जुड़ते चले गए और आज दुनिया इस अभियान को लेकर पीएम मोदी व हर भारतीयों की तारीफ करते नहीं थकती.
उसी प्रकार मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान भी हर दिन एक नई बुलंदियों का पार कर रहा है. हालांकि इन अभियानों को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए आगे और भी प्रयास करने होंगे लेकिन ये अभियान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की ताकत को दर्शाता है.
ये भी पढ़ें -
ब्रो! हमारे जवान सियाचिन में खड़े हैं, क्या अब भी आप इस मजाक पर हंस पाएंगे?
आमिर खान की बर्बादी के पीछे कश्मीर फाइल्स को हिट कराने वाले लोग हैं, IMDb तो यही बता रहा!
पीएम मोदी के भाषण की दो बड़ी बातें, जो देश में खड़ी करेंगी बड़ी बहस
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.