गुजरात में राजनीतिक सरगर्मियां अपने उफान पर हैं. कांग्रेस और बीजेपी के स्थापित नेताओं से अलग गुजरात चुनाव का केंद्रीय चेहरा बन चुके हार्दिक पटेल के एक-एक कदम पर सबकी निगाहें हैं, लेकिन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल हर रोज कुछ न कुछ नया करके इस मौसम को और अधिक गरम बना देते हैं. कभी वो शिवसेना के साथ तो कभी कांग्रेस के साथ तो कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ नज़र आते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर हार्दिक पटेल को किसके साथ रहना है ये पता ही नहीं है. उनकी बदलती-जुड़ती वफादारी ने गुजरात के सियासत में नया मोड़ ला दिया है.
आइए जानते हैं पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल कैसे-कैसे अपना पाला बदलते रहे हैं.
हार्दिक पटेल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ ...
सबसे पहले बात हार्दिक पटेल का संबंध शिवसेना के साथ. बात इस साल फरवरी की है जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि पाटीदार आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा होंगे. तब हार्दिक पटेल बीएमएसी चुनाव में शिवसेना के प्रत्याशी का प्रचार करने गए थे. उद्धव ठाकरे ने हार्दिक पटेल के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा था, "हार्दिक पटेल के साथ हमारी दोस्ती टिकाऊ होगी. जब तक दूसरा व्यक्ति संबंधों को नहीं तोड़ता हम उसका साथ नहीं छोड़ते. अगर ज़रूरत पड़ी तो हम गुजरात विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे और हार्दिक हमारा चेहरा होंगे."
हार्दिक पटेल की मुलाक़ात राहुल गांधी के साथ ...
हार्दिक पटेल की राहुल गांधी के साथ मुलाक़ात सुर्ख़ियों में रही. कुछ दिन पहले ही मीडिया में आए एक सीसीटीवी वीडियो में दावा किया गया था कि राहुल गांधी और हार्दिक पटेल अहमदाबाद के एक होटल के कमरे में...
गुजरात में राजनीतिक सरगर्मियां अपने उफान पर हैं. कांग्रेस और बीजेपी के स्थापित नेताओं से अलग गुजरात चुनाव का केंद्रीय चेहरा बन चुके हार्दिक पटेल के एक-एक कदम पर सबकी निगाहें हैं, लेकिन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल हर रोज कुछ न कुछ नया करके इस मौसम को और अधिक गरम बना देते हैं. कभी वो शिवसेना के साथ तो कभी कांग्रेस के साथ तो कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ नज़र आते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर हार्दिक पटेल को किसके साथ रहना है ये पता ही नहीं है. उनकी बदलती-जुड़ती वफादारी ने गुजरात के सियासत में नया मोड़ ला दिया है.
आइए जानते हैं पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल कैसे-कैसे अपना पाला बदलते रहे हैं.
हार्दिक पटेल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ ...
सबसे पहले बात हार्दिक पटेल का संबंध शिवसेना के साथ. बात इस साल फरवरी की है जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि पाटीदार आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी का चेहरा होंगे. तब हार्दिक पटेल बीएमएसी चुनाव में शिवसेना के प्रत्याशी का प्रचार करने गए थे. उद्धव ठाकरे ने हार्दिक पटेल के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा था, "हार्दिक पटेल के साथ हमारी दोस्ती टिकाऊ होगी. जब तक दूसरा व्यक्ति संबंधों को नहीं तोड़ता हम उसका साथ नहीं छोड़ते. अगर ज़रूरत पड़ी तो हम गुजरात विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे और हार्दिक हमारा चेहरा होंगे."
हार्दिक पटेल की मुलाक़ात राहुल गांधी के साथ ...
हार्दिक पटेल की राहुल गांधी के साथ मुलाक़ात सुर्ख़ियों में रही. कुछ दिन पहले ही मीडिया में आए एक सीसीटीवी वीडियो में दावा किया गया था कि राहुल गांधी और हार्दिक पटेल अहमदाबाद के एक होटल के कमरे में गुपचुप तरीके से मिले. हालांकि, हार्दिक लगातार इस वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाते रहे. वे लगातार कहते रहे कि वे जब भी वे राहुल गांधी से मिलेंगे सबके सामने मिलेंगे और वो मुलाक़ात किसी से छुपी नहीं होगी.
हार्दिक पटेल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ मुलाक़ात...
ताज़ा मामला हार्दिक का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ का है. हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक तस्वीर ट्वीट की जिसमे वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ बैठे हुए हैं. तस्वीर पोस्ट करते हुए हार्दिक ने लिखा कि वे दिवाली की शुभकामना देने के लिए प्रफुल्ल पटेल से मिले थे लेकिन इस तस्वीर के आते ही गुजरात की राजनीति में नए तरीके से चर्चाएं शुरू हो गई हैं. आखिर दिवाली के समय की मुलाक़ात की तस्वीर अभी क्यों पोस्ट की गई? कहा तो ये भी जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हार्दिक पटेल के सहारे गुजरात में पार्टी को खड़ा करने की कोशिश में लगी है. वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश है.
हार्दिक पटेल क्यों महत्वपूर्ण हैं...
गुजरात में पटेल सबसे अहम समुदाय है और लगभग 20 फीसदी वोटर इसी समुदाय से आते हैं. गुजरात की कुल 182 सीट में से 52 सीट सिर्फ सौराष्ट्र की है जिसमें 30 से ज्यादा ऐसी सीट है जहां पाटीदार वोटर अपना वर्चस्व रखता है और चुनावी नतीजों को बदलने की ताकत रखता है.
हार्दिक पटेल एक ऐसे शख्स हैं जो पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले गुजरात में अपने-आप को बड़े नायक और पाटीदारों के सूबेदार के तौर पर पेश करने में लगे हैं. ऐसे में वो हरेक पार्टी के नेताओं के साथ मुलाक़ात करके अपनी राजनीतिक हैसियत तलाशने में लगे हैं. शायद उनके मन में ये बात हो सकती है कि अगर वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस पार्टी या किसी दूसरे दलों का हिस्सा बनकर अपनी राजनीतिक हैसियत चुनाव में साबित कर पाते हैं तो शायद आने वाले समय में उनका रुतवा बढ़ सकता है. खैर, ये तो अगले महीने यानि दिसंबर में जब गुजरात चुनाव के नतीजे आएंगे तो उनका क्या होगा वो सबके सामने होगा.
ये भी पढ़ें-
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.