तो क्या पहले कर्नाटक हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद कर्नाटक में शुरू हुई हिजाब कंट्रोवर्सी खत्म हो गयी है? क्या कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में लड़कियों ने बुर्के और हिजाब को वापस अपने अपने बस्तों में रखकर बे हिजाबाना क्लासें करनी शुरू कर दी हैं? क्या कर्नाटक ने सब नार्मल हो गया है? जवाब है नहीं और ऐसा इसलिए भी क्योंकि ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं है. जैसे फिल्मों - वेब सीरीज के सीक्वल होते हैं हिजाब कंट्रोवर्सी के भी चैप्टर 2 की शुरुआत हुई है और वो यकीन जानिए वो दिलों को दहला कर रख देने वाली है. इंस्टाग्राम पर कर्नाटक के भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा और श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक का सिर कलम करने की धमकी दी गई है. मामला चूंकि बेहद गंभीर है इसलिए जहां से हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत हुई यानी उडुपी में शिकायत दर्ज कराई गयी है.
चूंकि अब बात सिर कलम करने तक आ ही गयी है तो हमारे लिए भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा, का पक्ष रखना भी जरूरी है. सुवर्णा जो खुद उस कॉलेज के सदस्य हैं, जहां से सारे बवाल की शुरुआत हुई ने कहा है कि, 'सार्वजनिक जीवन में सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह के संदेश और धमकी भरे कॉल आना बहुत आम है. जब हम राष्ट्र के लिए काम करते हैं, तो देश विरोधी संगठन या विदेश में बैठे देशद्रोही इस तरह की धमकी देते रहते हैं.
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा. यह जीवन का एक हिस्सा है. हम संविधान के दायरे में रहकर अपना काम कर रहे हैं. मेरे और प्रमोद मुतालिक के बारे में एक इंस्टाग्राम पोस्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे.
ध्यान रहे, भले ही कक्षाओं में हिजाब को...
तो क्या पहले कर्नाटक हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद कर्नाटक में शुरू हुई हिजाब कंट्रोवर्सी खत्म हो गयी है? क्या कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में लड़कियों ने बुर्के और हिजाब को वापस अपने अपने बस्तों में रखकर बे हिजाबाना क्लासें करनी शुरू कर दी हैं? क्या कर्नाटक ने सब नार्मल हो गया है? जवाब है नहीं और ऐसा इसलिए भी क्योंकि ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं है. जैसे फिल्मों - वेब सीरीज के सीक्वल होते हैं हिजाब कंट्रोवर्सी के भी चैप्टर 2 की शुरुआत हुई है और वो यकीन जानिए वो दिलों को दहला कर रख देने वाली है. इंस्टाग्राम पर कर्नाटक के भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा और श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक का सिर कलम करने की धमकी दी गई है. मामला चूंकि बेहद गंभीर है इसलिए जहां से हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत हुई यानी उडुपी में शिकायत दर्ज कराई गयी है.
चूंकि अब बात सिर कलम करने तक आ ही गयी है तो हमारे लिए भाजपा नेता यशपाल सुवर्णा, का पक्ष रखना भी जरूरी है. सुवर्णा जो खुद उस कॉलेज के सदस्य हैं, जहां से सारे बवाल की शुरुआत हुई ने कहा है कि, 'सार्वजनिक जीवन में सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह के संदेश और धमकी भरे कॉल आना बहुत आम है. जब हम राष्ट्र के लिए काम करते हैं, तो देश विरोधी संगठन या विदेश में बैठे देशद्रोही इस तरह की धमकी देते रहते हैं.
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा. यह जीवन का एक हिस्सा है. हम संविधान के दायरे में रहकर अपना काम कर रहे हैं. मेरे और प्रमोद मुतालिक के बारे में एक इंस्टाग्राम पोस्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे.
ध्यान रहे, भले ही कक्षाओं में हिजाब को लेकर कोर्ट सख्त हो और उसके अपने मत हों लेकीन वो तमाम लोग जो इसके समर्थन में हैं वो सारा महत्व अपनी धार्मिक भावनाओं को ही दे रहे हैं और जो भी कर रहे हैं वो उसी के अनुरूप कर रहे हैं. शायद यही वो कारण है जिसके चलते उप्पिनंगडी में 24 छात्राओं को नियमों का उल्लंघन करने और बार बार मना करने के बावजूद हिजाब पहन कर कॉलेज आने के कारण 7 दिनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.
भले ही मीडिया ने कुछ समय के लिए कर्नाटक की हिजाब कंट्रोवर्सी से दूरी बना ली हो लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि राज्य में अमन सुकून आ गया है. अब भी लड़कियां हिजाब पहन कर आ रही हैं. अब भी स्कूल उन्हें वापस घर भेज रहे हैं.
चूंकि बात की शुरुआत सोशल मीडिया के जरिये यशपाल सुवर्णा और प्रमोद मुतालिक को जान की धमकी दिए जाने से शुरू हुई है. तो उनकी बातों या ये कहें कि आरोपों में सच्चाई है या वो महज पब्लिसिटी स्टंट हैं इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जिस तरह हिजाब कंट्रोवर्सी चैप्टर 2 शुरू हुआ है. कर्नाटक चुनाव तक स्थिति जस की तस बानी रहेगी. आरोप प्रत्यारोप लगते रहेंगे. धमकी दी जाती रहेगी और शिकायतों पर एक्शन भी लिया जाएगा फिर हालात नियंत्रण में रहेंगे मगर तनाव जस का तस बना रहेगा.
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