बीजेपी को शहरी लोगों की पार्टी कहने वालों को हिमाचल प्रदेश के मतदाता को चौंकाने वाले संकेत देने जा रहे हैं. इंडिया टुडे - एक्सिस के एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि जिस राज्य का 84 प्रतिशत इलाका ग्रामीण और शहरी 14 प्रतिशत है, वहां बीजेपी कमाल करने जा रही है.
एग्जिट पोल के नतीजे
पार्टी सीटें
कांग्रेस 13-20
बीजेपी 47-55
अन्य 0-2
पार्टी वोट शेयर %कांग्रेस 41बीजेपी 50अन्य 9
हिमाचल में भगवा कमाल क्यों, कारण ये हैं :
- कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप कांग्रेस पार्टी को ले डूबे हैं.
- एंटी इनकंबेंसी की लहर हिमाचल प्रदेश चुनाव में महसूस की गई है.
- कांग्रेस के पास दो साल से मौका था, लेकिन उन्होंने राज्य के शीर्ष नेतृत्व पर निर्णय नहीं लिया.
- हिमाचल में हर चुनाव में सरकार बदलने का चलन रहा है, ये परिणाम उसका भी इशारा करते हैं.
- कांग्रेस ने चुनाव प्रचार से पहले ही संकेत दे दिए थे, कि यहां से उसे कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है.
- कांग्रेस अपना सारा जोर गुजरात में लगा रही थी, जबकि बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव उसी तेजी से लड़ा है जैसे की वो बाकी राज्यों में लड़ती रही है.
- नोटबंदी और जीएसटी यहां भी मुद्दा था लेकिन बीजेपी ने बड़ी...
बीजेपी को शहरी लोगों की पार्टी कहने वालों को हिमाचल प्रदेश के मतदाता को चौंकाने वाले संकेत देने जा रहे हैं. इंडिया टुडे - एक्सिस के एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि जिस राज्य का 84 प्रतिशत इलाका ग्रामीण और शहरी 14 प्रतिशत है, वहां बीजेपी कमाल करने जा रही है.
एग्जिट पोल के नतीजे
पार्टी सीटें
कांग्रेस 13-20
बीजेपी 47-55
अन्य 0-2
पार्टी वोट शेयर %कांग्रेस 41बीजेपी 50अन्य 9
हिमाचल में भगवा कमाल क्यों, कारण ये हैं :
- कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप कांग्रेस पार्टी को ले डूबे हैं.
- एंटी इनकंबेंसी की लहर हिमाचल प्रदेश चुनाव में महसूस की गई है.
- कांग्रेस के पास दो साल से मौका था, लेकिन उन्होंने राज्य के शीर्ष नेतृत्व पर निर्णय नहीं लिया.
- हिमाचल में हर चुनाव में सरकार बदलने का चलन रहा है, ये परिणाम उसका भी इशारा करते हैं.
- कांग्रेस ने चुनाव प्रचार से पहले ही संकेत दे दिए थे, कि यहां से उसे कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है.
- कांग्रेस अपना सारा जोर गुजरात में लगा रही थी, जबकि बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव उसी तेजी से लड़ा है जैसे की वो बाकी राज्यों में लड़ती रही है.
- नोटबंदी और जीएसटी यहां भी मुद्दा था लेकिन बीजेपी ने बड़ी होशियारी से उसे ज्यादा उभरने नहीं दिया.
- लेकिन, इस राज्य में अभी भी अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिम कांग्रेस के लिए वोट देते दिखाई दिए हैं.
- जबकि, ब्राह्मण, क्षत्रिय, राजपूत, बनिया बीजेपी का समर्थन करते दिखाई दिए हैं. जो कि कुल वोटों का 50 प्रतिशत से ज्यादा है.
- बीजेपी को मुफ्त गैस सिलेंडर वाली योजना की लोकप्रियता का फायदा मिला है.
- लोगों को यह भी महसूस हुआ है कि यदि राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार रहेगी तो राज्य में ज्यादा विकास होगा.
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