हार की समीक्षा के लिए राहुल गांधी आज गुजरात दौरे पर हैं. राहुल ने इस दौरे से पहले ट्वीट कर कहा है कि, 'बीजेपी के पास अगर कोई फिल्म फ्रैंचाइजी होती तो उसका नाम लाई हार्ड होता'. कह सकते हैं कि गुजरात चुनाव नतीजों के बाद भी राहुल गाँधी का घोटालों को लेकर बीजेपी और प्रधानमंत्री पर हमला जारी है. यही नहीं लगता है कि गुजरात चुनाव प्रचार के समय से शुरू हुआ राहुल का मंदिर दर्शन करने का क्रम आगे भी जारी रहेगा तभी तो उन्होंने इस दौरे के दौरान सोमनाथ मंदिर का दर्शन किया. इससे पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान 29 नवंबर को सोमनाथ मंदिर के दर्शन किये थे जिसके बाद से कांग्रेस अध्यक्ष के धर्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. तब यह दावा किया गया था कि मंदिर में राहुल का नाम बतौर गैर-हिंदू दर्ज हुआ था. विवाद बढ़ने पर ने सफाई दी थी और कहा था कि - राहुल जी सिर्फ एक हिंदू ही नहीं हैं, वो जनेऊधारी भी हैं.
गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह चलती देखी गयी जिसको लेकर बीजेपी की तरफ से खूब हमले हुए जो ये साफ दर्शाता है कि कांग्रेस की इस रणनीति से विपक्षी बीजेपी को नुकसान होने कि आशंका है. गुजरात चुनाव के परिणाम भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं. कांग्रेस गुजरात में चुनाव हार गयी, लेकिन पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 16 सीट अधिक हासिल की हैं जबकि बीजेपी इस बार भी चुनाव जीतने में कामयाब रही, पर पार्टी विधायकों की संख्या में पिछली बार कि तुलना में 16 की कमी आयी है. जो कांग्रेस पार्टी के लिए उत्साह की बात तो जरूर है.
राहुल गाँधी ने अपनी चुनावी कैंपेन के दौरान राज्य के 27 मंदिरों में दर्शन किए. राज्य में इन मंदिरों का काफी प्रभाव माना जाता है और इस बार कांग्रेस पार्टी ने मंदिरों से प्रभावित ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की है. बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी नवसर्जन...
हार की समीक्षा के लिए राहुल गांधी आज गुजरात दौरे पर हैं. राहुल ने इस दौरे से पहले ट्वीट कर कहा है कि, 'बीजेपी के पास अगर कोई फिल्म फ्रैंचाइजी होती तो उसका नाम लाई हार्ड होता'. कह सकते हैं कि गुजरात चुनाव नतीजों के बाद भी राहुल गाँधी का घोटालों को लेकर बीजेपी और प्रधानमंत्री पर हमला जारी है. यही नहीं लगता है कि गुजरात चुनाव प्रचार के समय से शुरू हुआ राहुल का मंदिर दर्शन करने का क्रम आगे भी जारी रहेगा तभी तो उन्होंने इस दौरे के दौरान सोमनाथ मंदिर का दर्शन किया. इससे पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान 29 नवंबर को सोमनाथ मंदिर के दर्शन किये थे जिसके बाद से कांग्रेस अध्यक्ष के धर्म को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. तब यह दावा किया गया था कि मंदिर में राहुल का नाम बतौर गैर-हिंदू दर्ज हुआ था. विवाद बढ़ने पर ने सफाई दी थी और कहा था कि - राहुल जी सिर्फ एक हिंदू ही नहीं हैं, वो जनेऊधारी भी हैं.
गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह चलती देखी गयी जिसको लेकर बीजेपी की तरफ से खूब हमले हुए जो ये साफ दर्शाता है कि कांग्रेस की इस रणनीति से विपक्षी बीजेपी को नुकसान होने कि आशंका है. गुजरात चुनाव के परिणाम भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं. कांग्रेस गुजरात में चुनाव हार गयी, लेकिन पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 16 सीट अधिक हासिल की हैं जबकि बीजेपी इस बार भी चुनाव जीतने में कामयाब रही, पर पार्टी विधायकों की संख्या में पिछली बार कि तुलना में 16 की कमी आयी है. जो कांग्रेस पार्टी के लिए उत्साह की बात तो जरूर है.
राहुल गाँधी ने अपनी चुनावी कैंपेन के दौरान राज्य के 27 मंदिरों में दर्शन किए. राज्य में इन मंदिरों का काफी प्रभाव माना जाता है और इस बार कांग्रेस पार्टी ने मंदिरों से प्रभावित ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की है. बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी नवसर्जन यात्रा की शुरुआत ही द्वारका मंदिर के दर्शन से की थी. जबकि चुनाव के आखरी दिन उन्होंने जगन्नाथ मंदिर का दर्शन किया था.
सवाल उठता है कि आखिर क्यों कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इन दिनों मंदिरों के दर्शन में जुटे हैं तो इसका जवाब है, 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ऐ. के. एंटनी का वो बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनावों में कांग्रेस का झुकाव अल्पसंख्यकों की तरफ था, जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. यही नहीं तबसे हुए ज्यादातर चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हार मिली है. जिससे पार्टी ने अब बीजेपी को रोकने के लिए सॉफ्ट हिन्दुत्वा का कार्ड खेला है जो गुजरात चुनाव में सफल रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही गढ़ में इतना परेशान करना आसान नहीं था.
वैसे हिंदुत्व का कार्ड अब गुजरात तक ही सीमित नहीं रहने वाला क्योंकि विपक्षी दलों ने ये मान लिया है कि बीजेपी को रोकने के लिए ये जरूरी है क्योंकि पार्टी अक्सर इस मुद्दे पर खुद को सबसे अलग बताती है. हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुजरात के सूरत में कहा था कि, 'बीजेपी हमेशा से हिंदुओं का समर्थन करने वाली पार्टी रही है और अगर कोई हमारी नकल करने की कोशिश करता है तो हमें कोई शिकायत नहीं है. लेकिन राजनीति का आधारभूत सिद्धांत है कि अगर आप के पास ऑरिजनल उपलब्ध है तो कोई नकली से काम क्यों चलाना चाहेगा'. शायद यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अर्द्धकुम्भ को कुम्भ घोषित करने को हिन्दू धर्म के साथ खिलवाड़ बताया है और कहा कि बीजेपी नकली हिन्दूवादी है, असली हिन्दू हम हैं.
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