अगर पाकिस्तान से उसकी पहली ख्वाहिश पूछी जाए तो वह पलक झपकते ही कह देगा- भारत की तबाही. पता नहीं इतनी नफरत पाकिस्तान की सरकार और वहां के लोगों में कहां से आ रही है. ये नफरत ही तो है कि अमेरिका में होने वाले हाउडी मोदी कार्यक्रम में पीएम मोदी का विरोध करने की तैयारी हो रही है. भारत में घुसपैठ कर के और आतंक फैलाकर पाकिस्तान को चैन नहीं मिला है और अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी का विरोध करने की तैयारी कर रहा है. खैर, इस विरोध से हासिल क्या होगा, इसका जवाब तो खुद वो पाकिस्तानी समर्थक भी नहीं दे पाएंगे जो बसों में लदकर हाउडी पहुंचने की योजना बना रहे हैं. इस पूरे मामले में सबसे शर्मनाक बात तो ये है कि ऐसे घृणित काम के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल हो रहा है.
मस्जिदों में बनाई जा रही है मोदी विरोध की योजना
हाउडी मोदी कार्यक्रम में मोदी के विरोध की योजना बनाने से अधिक गंभीर बात ये है कि इसके लिए मस्जिदों को इस्तेमाल किया जा रहा है. मस्जिदों में ये योजना बन रही है कि कैसे और कहां-कहां से लोग इस विरोध में शामिल होंगे. बल्कि लोगों को ले जाने के लिए बाकायदा बसों की व्यवस्था की गई है और कुछ प्वाइंट बना लिए गए हैं, जहां से लोगों को लेकर विरोध में शामिल किया जाएगा.
एक बार फिर फेल होंगे पाकिस्तानी
अमेरिका में रह रहे प्रवासी पाकिस्तानियों की योजना किसी भी हालत में सफल तो होने से रही. इसकी दो वजहें हैं. एक तो मोदी विरोधियों की तुलना में मोदी समर्थकों की संख्या बहुत अधिक है. वहीं दूसरी ओर ह्यूस्टन पुलिस, एफबीआई, यूएस सीक्रेट सर्विस और इमिग्रेशन अथॉरिटीज को टैग करते हुए पहले ही भारतीय प्रवासी नागरिकों ने...
अगर पाकिस्तान से उसकी पहली ख्वाहिश पूछी जाए तो वह पलक झपकते ही कह देगा- भारत की तबाही. पता नहीं इतनी नफरत पाकिस्तान की सरकार और वहां के लोगों में कहां से आ रही है. ये नफरत ही तो है कि अमेरिका में होने वाले हाउडी मोदी कार्यक्रम में पीएम मोदी का विरोध करने की तैयारी हो रही है. भारत में घुसपैठ कर के और आतंक फैलाकर पाकिस्तान को चैन नहीं मिला है और अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी का विरोध करने की तैयारी कर रहा है. खैर, इस विरोध से हासिल क्या होगा, इसका जवाब तो खुद वो पाकिस्तानी समर्थक भी नहीं दे पाएंगे जो बसों में लदकर हाउडी पहुंचने की योजना बना रहे हैं. इस पूरे मामले में सबसे शर्मनाक बात तो ये है कि ऐसे घृणित काम के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल हो रहा है.
मस्जिदों में बनाई जा रही है मोदी विरोध की योजना
हाउडी मोदी कार्यक्रम में मोदी के विरोध की योजना बनाने से अधिक गंभीर बात ये है कि इसके लिए मस्जिदों को इस्तेमाल किया जा रहा है. मस्जिदों में ये योजना बन रही है कि कैसे और कहां-कहां से लोग इस विरोध में शामिल होंगे. बल्कि लोगों को ले जाने के लिए बाकायदा बसों की व्यवस्था की गई है और कुछ प्वाइंट बना लिए गए हैं, जहां से लोगों को लेकर विरोध में शामिल किया जाएगा.
एक बार फिर फेल होंगे पाकिस्तानी
अमेरिका में रह रहे प्रवासी पाकिस्तानियों की योजना किसी भी हालत में सफल तो होने से रही. इसकी दो वजहें हैं. एक तो मोदी विरोधियों की तुलना में मोदी समर्थकों की संख्या बहुत अधिक है. वहीं दूसरी ओर ह्यूस्टन पुलिस, एफबीआई, यूएस सीक्रेट सर्विस और इमिग्रेशन अथॉरिटीज को टैग करते हुए पहले ही भारतीय प्रवासी नागरिकों ने इस तरह की योजना बनाए जाने की शिकायत कर दी है. और भी गंभीर बात ये है कि उस दिन पीएम मोदी अकेले नहीं होंगे, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी उनके साथ मंच साझा करने वाले हैं. यानी सुरक्षा कितनी सख्त होगी, इसका तो अभी सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है. वैसे भी, डोनाल्ड ट्रंप को तो सभी जानते ही हैं. अब अगर किसी पाकिस्तानी नागरिक ने कोई तीन पांच करने की सोची और धरा गया, तो ट्रंप उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने से तो पीछे बिल्कुल नहीं रहेंगे. यानी इतना तो तय है कि अमेरिकी पाकिस्तानियों का एग्रेशन वैसा बिल्कुल नहीं होगा, जैसा पाकिस्तान में रह रहे लोगों का होता है. आखिरकार वो अमेरिका है, सुपर पावर अमेरिका.
आमने-सामने आए भारत-पाक प्रवासी नागरिक
जब से ये बात सामने आई है कि पाकिस्तानी नागरिक पीएम मोदी का विरोध करने की योजना बना रहे हैं, तब से अमेरिका के ह्यूस्टन में भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक आमने-सामने दिख रहे हैं. पाकिस्तानी नागरिकों पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं. यहां तक कि एक मोदी का समर्थन करने वाली अमेरिकी एक्टिविस्ट ने ऐसी तस्वीर ट्वीट की है, जो पाकिस्तानी नागरिकों की योजना पर से पर्दा उठाने का काम कर रही है.
इस तस्वीर से साफ हो रहा है कि पीएम मोदी के खिलाफ बड़े विरोध की तैयारी हो रही है. बाकायदा इस विरोध में शामिल होने वालों के लिए पिक अप लोकशन बनाई गई हैं, जहां से उन्हें बसों से ले जाया जाएगा. ऐसी एक-दो नहीं, बल्कि 13 लोकेशन हैं. इनमें एक समानता ये है कि सारे लोकेशन या तो मस्जिद हैं या फिर कोई इस्लामिक सेंटर हैं. यूं तो धार्मिक स्थल भगवान की पूजा या यूं कहें कि अल्लाह की इबादत के लिए होते हैं, लेकिन यहां तो मोदी विरोध की योजना के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
वैसे पाकिस्तान तो हमेशा से ही भारत का विरोधी रहा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान की पीएम मोदी के लिए नफरत और अधिक बढ़ गई है. तभी तो दुनिया के इतने बड़े लोकतांत्रित देश अमेरिका में भी पाकिस्तानियों ने पीएम मोदी का विरोध करने की योजना बनाई है. वैसे ये विरोध तो पाकिस्तान ने पहले ही शुरू कर दिया है. पाकिस्तान ने पीएम मोदी के विमान को अमेरिका जाने के लिए अपना एयरस्पेस साझा नहीं कर ने दिया. यानी एक बात तो यह है कि अमेरिका में पीएम मोदी का डंका बजने से पहले ही उसकी धमक पाकिस्तान में सुनाई देने लगी है.
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