पीएम मोदी ने हाउडी मोदी इवेंट के लिए टेक्सास के ह्यूस्टन को क्यों चुना? ये वो सवाल है जो बहुत से लोगों के मन में आ रहा होगा, लेकिन किसी को भी इसका जवाब नहीं मिल पा रहा होगा. खैर, जवाब तो हमें भी नहीं पता, लेकिन एक संभावना जरूर तलाश ली है जो बताती है कि क्यों ह्यूस्टन को ही चुना गया होगा. दरअसल, अभी भारत का सबसे गरम मुद्दा है जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया जाना, जिसे लेकर पूरी दुनिया में बातें हो रही हैं. यहां आपको बता दें कि जैसा भारत के लिए जम्मू-कश्मीर है, कुछ वैसा ही टेक्सास भी अमेरिका के लिए है. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर और अमेरिका के संदर्भ में टेक्सास में एक बड़ी समानता है.
जिस तरह जम्मू और कश्मीर शुरुआत में भारत का हिस्सा नहीं था, ठीक वैसे ही टेक्सास भी शुरू-शुरू में अमेरिका का हिस्सा नहीं था. वैसे पीएम मोदी के हाउडी मोदी में कश्मीर का मुद्दा अहम रहने वाला है, इसकी एक झलक इस बात से भी मिल रही है कि प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर उन्हें कश्मीर से धारा 370 हटाने पर बधाई दी है.
अमेरिका के लिए टेक्सास वैसा ही है, जैसा भारत के लिए जम्मू-कश्मीर.
क्या है टेक्सास का इतिहास?
टेक्सास 1836 तक मैक्सिको का हिस्सा था. 1836 में टेक्सास ने मैक्सिको के खिलाफ विद्रोह कर दिया और खुद को आजाद घोषित कर लिया. ये सब हुआ सैम्यूल ह्यूस्टन की लीडरशिप में, जो अमेरिकी मूल के थे, जो अमेरिका से राजनीतिक झगड़ें के बाद 1830 के दशक में मैक्सिको के तत्कालीन राज्य टेक्सास में जाकर बस गए थे. आपको बता दें कि टेक्सास का सबसे बड़ी आबादी वाले शहर ह्यूस्टन का नाम सैम्यूल ह्यूस्टन के नाम पर ही रखा गया.
टेक्सास का सबसे बड़ी आबादी वाले शहर ह्यूस्टन का नाम सैम्यूल ह्यूस्टन के नाम पर ही रखा गया.
टेक्सास ने खुद को आजाद घोषित कर दिया !
टेक्सास के खुद को आजाद घोषित करने के बाद सैम्यूल ह्यूस्टन की लीडरशिप में ही टेक्सास को अमेरिका के साथ विलय करने का एक रिजॉल्यूशन पास किया गया. अमेरिका की सभी राजनीतिक पार्टियां इस कदम को लेकर संदेह कर रही थीं और इसका विरोध कर रही थीं. उनका मानना था कि अगर ऐसा होता है तो मैक्सिको के साथ अमेरिका के रिश्ते बिगड़ सकते हैं, क्योंकि भले ही टेक्सास ने खुद को आजाद मुल्क घोषित कर दिया था, लेकिन मैक्सिको ऐसा नहीं मानता था.
अब आजाद टेक्सास के नए नेताओं ने मैक्सिको के साथ नेगोशिएशन करना शुरू कर दिया, ताकि मैक्सिको को आजाद घोषित किया जा सके. इस नेगोशिएशन में यूके मध्यस्थता भी कर रहा था. तभी अचानक अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट जॉन टायलर ने टेक्सास के अमेरिका में विलय को अपना समर्थन दे दिया. 1844 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ये एक अहम मुद्दा भी बना था.
1845 का एक मैप, जब टेक्सास मैक्सिको से अलग हो चुका था और अमेरिका के साथ विलय हो रहा था.
ह्यूस्टन ने टायलर के विरोधी जेम्स पोल्क को अपना समर्थन दे दिया, जो अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट बने. इसके बाद अमेरिका कांग्रेस और टेक्सास कांग्रेस ने मिलकर इसे मंजूरी दी और टेक्सास को अमेरिका का 28वां राज्य बना दिया.
ये है टेक्सास और जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी समानता
टेक्सास और जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी समानता यहीं पर सामने आई. टेक्सास की तरह ही जम्मू-कश्मीर भी 1947 में एक आजाद रियासत था. मैक्सिको ने टेक्सास को कभी आजाद नहीं माना और इसी वजह से अमेरिका के साथ उसका युद्ध तक हो गया. ठीक उसी तरह पाकिस्तान ने भी कभी जम्मू-कश्मीर को आजाद नहीं माना और उस पर हमला तक कर दिया. उस समय जम्मू-कश्मीर को अपनी सुरक्षा भारत के साथ जाने में दिखी और उसने भारत के साथ विलय को लेकर समझौता कर लिया. उस समय भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को जम्मू-कश्मीर से खदेड़ दिया. हालांकि, अमेरिका ने मैक्सिको को टेक्सास से पूरी तरह से बाहर किया था, जबकि भारत की ओर से पाकिस्तान को कुछ राजनीतिक मजबूरियों के चलते पूरी से तरह बाहर नहीं खदेड़ा जा सका और कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास भी है, जिसे पीओके यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहा जाता है.
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