देश की जनता के लिए अच्छे दिन भले ही न आए हों, लेकिन लगता है राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही अच्छे दिन आ गए हैं. क्योंकि याद कीजिए पिछले साल यानी 2017 का वो वाक़्या जब राहुल गाँधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे और उत्तराखंड के ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कपड़ों पर तंज़ कसते हुए उन्होंने अपना फटा कुर्ता दिखाया था. और कहा था कि- ''मोदी हमेशा गरीबों की बात करते हैं, लेकिन कभी गरीबों के साथ नहीं दिखते. उनके कुर्ते कभी फटते नहीं हैं, लेकिन वो फटे कपड़े वालों की बात करते हैं.'' ठीक उसी समय राहुल गांधी ने अपने कुर्ते की जेब में हाथ डाला था और उनका हाथ कुर्ते के बाहर आ गया था.
समय बदला, साल 2017 से 2018 हुआ और राहुल गांधी का ओहदा बढ़ा, वो कांग्रेस के उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बने और उनके लिए अच्छे दिन आ गए. क्योंकि वो फ़टे हुए कुर्ते से सत्तर हज़ार का जैकेट पहनने लगे. जी हां, हम बात कर रहे हैं राहुल गांधी की और उनके एक जैकेट की. मेघालय में एक रॉक कॉन्सर्ट में राहुल गांधी ने काले रंग की जैकेट पहनी हुई थी जिसकी कीमत करीब सत्तर हज़ार रुपए बताई जा रही है. भाजपा के अनुसार इसकी कीमत 63 हजार 400 रुपये है जिसे ब्रिटिश लग्जरी फैशन ब्रैंड 'बरबरी' ने बनाया है.
जैकेट पर कांग्रेस और भाजपा में रार-
मेघालय में इसी महीने के 27 तारीख को विधानसभा का चुनाव होने वाला है. यहां कांग्रेस करीब 15 सालों से सत्ता पर काबिज़ है. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए एक 'टॉकिंग पॉइंट' ज़रूर दे दिया है. इसी क्रम में भाजपा की मेघालय यूनिट ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'तो राहुल गांधी जी व्यापक भ्रष्टाचार द्वारा मेघालय के सरकारी खजाने को चूसने के बाद हमारे दुखों पर गाना गाने के बजाय, आप मेघालय की नकारा सरकार का रिपोर्ट कार्ड दे सकते थे. आपकी उदासीनता हमारा मजाक उड़ाती है.'
राहुल गांधी के अच्छे दिन आ गए!
इसमें भला कांग्रेस भी कहां पीछे रहने वाली थी. कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने भी इसका जवाब अपने ट्वीट के ज़रिए दिया- 'ऐसे आरोपों पर समझ नहीं आता कि हंसा जाए या फिर रोया जाए. बीजेपी के लोग राहुल गांधी को देखकर बहुत अधिक हताश हो चुके हैं. ये लोग क्या काम करते हैं? क्या बैठकर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर चीजों के दाम चेक करते रहते हैं? ऐसी ही जैकेट 700 रुपए में मिल सकती है. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें तो मैं उन्हें तोहफे में एक भेज सकती हूं. यह आलोचना ऐसी सरकार के लोगों की तरफ से आ रही है जो अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पूरे सूट पर अपना नाम लिखवाकर पहनते हैं.'
रेणुका चौधरी के सपोर्ट में पंजाब के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट किया- ' राहुल गांधी जब जैकेट खरीद रहे थे तो क्या वे बिल देखने गए थे? कैसे वे जानते हैं? मैंने राहुल भाई जैसा इंसान कभी नहीं देखा है, जो इतने अहम पद पर होते हुए भी एक साधारण जिंदगी जीता हो.'
राहुल गांधी मोदी सरकार को ' सूट-बूट की सरकार' की संज्ञा दी है-
साल 2015 में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले थे, तब उन्होंने जो सूट पहना था उस पर नरेंद्र मोदी पिरोया हुआ था. तब से राहुल गांधी उनपर निशाना साधते हुए मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार की संज्ञा से नवाज़ते आ रहे हैं. यही नहीं राहुल गांधी ने पार्लियामेंट में भी 'सूट-बूट की सरकार' बोला था. बाद में इस सूट की नीलामी की गयी थी तो यह चार करोड़ 31 लाख रुपये में बिकी थी.
पिछले साल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान बहराइच में एक चुनावी सभा में राहुल गांधी ने अच्छे दिनों की तुलना शोले फिल्म के गब्बर से करते हुए कहा था- प्रधानमंत्री ने जनता को 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की तरह अच्छे दिनों का ख्वाब दिखाया और उनका वोट ले लिया. केंद्र सरकार के ढाई साल बीत जाने के बाद अच्छे दिनों का तो पता नहीं बदले में गब्बर सिंह जरूर आ गया.' लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है जैसे राहुल गांधी के भी दिन फिर गए और नोटबंदी के दौरान जो लाइन में लगकर उन्होंने अपने गरीब होने का प्रमाण दिया था, फ़टे कुर्ते से सत्तर हज़ारी जैकेट में आ गए हैं यानी राहुल गांधी के 'अच्छे दिन' आ गए हैं.
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