पिछले साल मोदी सरकार ने हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया था. इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की नीयत तक पर सवाल उठा दिए थे, लेकिन अब पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी मोदी के नक्शे कदम पर चलते नजर आ रहे हैं. अब उन्होंने भी पाकिस्तान में हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है. जिस तरह भारत में हज सब्सिडी को खत्म करने का विपक्ष ने विरोध किया था, ठीक उसी प्रकार पाकिस्तान में भी विपक्ष ने इमरान खान का विरोध किया, लेकिन इमरान ने भारत की मिसाल देते हुए अपने फैसले को सही ठहराया.
हज सब्सिडी को खत्म करने से पाकिस्तान सरकार की करीब 450 करोड़ रुपयों की बचत होगी. इमरान खान के इस एक फैसले से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर पड़ने वाला बोझ कम हो जाएगा. हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला भी इसीलिए लिया गया, क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खराब है. ऐसा नहीं है कि भारत के किसी फैसले से पहली बार पाकिस्तान सहमत हुआ हो. इससे पहले, पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भारत से भी पाकिस्तान गदगद हुआ था और उसी की तर्ज पर अपने यहां सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम की शुरुआत की थी.
हज सब्सिडी खत्म करने पर भारत की मिसाल
गुरुवार को पाकिस्तान कैबिनेट ने हज नीति 2019 की घोषणा की, जिसके तहत हज पर जाने वाले लोगों को अब 4,56,426 रुपए (कुर्बानी सहित) चुकाने पड़ेंगे. अभी तक लोगों को सिर्फ 2,80,000 रुपए देने होते थे, यानी अब हज पर जाने वाले हर शख्स को 1,76,426 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे. भारत ने कहा था कि वह हज सब्सिडी के पैसों से अल्पसंख्यक गरीबों और महिलाओं की मदद करेगा, पाकिस्तान भी सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम के जरिए कुछ ऐसा ही कर रहा है. भारत...
पिछले साल मोदी सरकार ने हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया था. इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की नीयत तक पर सवाल उठा दिए थे, लेकिन अब पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी मोदी के नक्शे कदम पर चलते नजर आ रहे हैं. अब उन्होंने भी पाकिस्तान में हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया है. जिस तरह भारत में हज सब्सिडी को खत्म करने का विपक्ष ने विरोध किया था, ठीक उसी प्रकार पाकिस्तान में भी विपक्ष ने इमरान खान का विरोध किया, लेकिन इमरान ने भारत की मिसाल देते हुए अपने फैसले को सही ठहराया.
हज सब्सिडी को खत्म करने से पाकिस्तान सरकार की करीब 450 करोड़ रुपयों की बचत होगी. इमरान खान के इस एक फैसले से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर पड़ने वाला बोझ कम हो जाएगा. हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला भी इसीलिए लिया गया, क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खराब है. ऐसा नहीं है कि भारत के किसी फैसले से पहली बार पाकिस्तान सहमत हुआ हो. इससे पहले, पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भारत से भी पाकिस्तान गदगद हुआ था और उसी की तर्ज पर अपने यहां सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम की शुरुआत की थी.
हज सब्सिडी खत्म करने पर भारत की मिसाल
गुरुवार को पाकिस्तान कैबिनेट ने हज नीति 2019 की घोषणा की, जिसके तहत हज पर जाने वाले लोगों को अब 4,56,426 रुपए (कुर्बानी सहित) चुकाने पड़ेंगे. अभी तक लोगों को सिर्फ 2,80,000 रुपए देने होते थे, यानी अब हज पर जाने वाले हर शख्स को 1,76,426 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे. भारत ने कहा था कि वह हज सब्सिडी के पैसों से अल्पसंख्यक गरीबों और महिलाओं की मदद करेगा, पाकिस्तान भी सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम के जरिए कुछ ऐसा ही कर रहा है. भारत की मिसाल देते हुए ही पाकिस्तान में हज सब्सिडी खत्म हुई है.
सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम आयुष्मान भारत जैसी
जिस तरह मोदी सरकार ने भारत में आयुष्मान भारत की शुरुआत की है, जिसके तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा मुहैया कराया जा रहा है, कुछ वैसा ही पाकिस्तान ने किया है. पाकिस्तान की सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम के पहले चरण में करीब 8 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है. इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले करीब 1 करोड़ परिवारों को किसी भी निजी या सरकारी अस्पताल में करीब 7,20,000 रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.
इसी तरह आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ से भी अधिक परिवारों यानी करीब 50 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलता है. यूं तो आयुष्मान भारत योजना सेहत इंसाफ कार्ड स्कीम की तुलना में 10 गुना बड़ी है, लेकिन ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि इमरान खान पीएम मोदी के आयुष्मान भारत से बेहद प्रभावित हैं.
जिस तरह पीएम मोदी की सरकार ने पहले हज सब्सिडी खत्म की और फिर आयुष्मान भारत जैसी विशाल मेडिकल योजना शुरू की, ठीक उसी प्रकार इमरान खान ने भी पाकिस्तान में हज सब्सिडी खत्म कर दी है और मेडिकल योजना भी शुरू कर दी है. भले ही इमरान खान अलग-अलग मौकों पर पीएम मोदी पर हमला करते नजर आते हों, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि वह भी पीएम मोदी के फैसलों से प्रभावित हुए हैं. तभी तो, एक मुस्लिम राष्ट्र होते हुए भी मुस्लिमों को ही मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने की हिम्मत कर सके हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद अभी तक इमरान खान मोदी सरकार के दो फैसलों को अपने देश में लागू कर चुके हैं.
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