पाकिस्तान. जैसे ही ये शब्द हमारे सामने आता है, खुद ब खुद महसूस हो जाता है कि, पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां कट्टरपंथ, अराजकता, आतंकवाद अपने चरम पर है. देश जिसके पास भारत से नफरत करने के तमाम कारण हैं. वो देश जो न सिर्फ भारत के लोगों बल्कि उनके धर्म तक से पूरी शिद्दत के साथ नफरत करता है. बीते कई दिनों से सुर्ख़ियों में रहने वाला पाकिस्तान एक बार फिर चर्चा में है. कारण हैं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना और संस्कृति मंत्री फैयाज उल हसन चौहान और उनका इस्तीफा. प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ से जुड़े फैयाज चौहान ने हिंदुओं को गाय का मूत्र पीने वाला बताते हुए कहा था कि भारत, पाकिस्तान का मुकाबला बिल्कुल भी नहीं कर सकता है. इस बयान पर एक्शन लेते हुए इमरान खान ने फैयाज को मंत्री पद से हटा दिया है.
बात चूंकि बहुत संगीन थी इसलिए फैयाज के वीडियो की क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. नतीजा ये निकला कि जहां एक तरफ लोगों ने फैयाज को खूब खरी खोटी सुनाई तो वहीं पीएम इमरान खान भी लोगों की तीखी आलोचना का शिकार हुए.
पीएम इमरान ख़ान के राजनीतिक मामलों के सलाहकार नईमुल हक़ ने एक ट्वीट में कहा कि पीटीआई इस तरह की बकवास को बर्दाश्त नहीं करेगी भले ही सरकार का कोई वरिष्ठ सदस्य या कोई अन्य ऐसी बात कहे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि,' हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ पंजाब के सूचना मंत्री फैयाज चौहान के अपमानजनक बयान पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्यमंत्री से सलाह लेने के बाद उन पर कार्रवाई की...
पाकिस्तान. जैसे ही ये शब्द हमारे सामने आता है, खुद ब खुद महसूस हो जाता है कि, पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां कट्टरपंथ, अराजकता, आतंकवाद अपने चरम पर है. देश जिसके पास भारत से नफरत करने के तमाम कारण हैं. वो देश जो न सिर्फ भारत के लोगों बल्कि उनके धर्म तक से पूरी शिद्दत के साथ नफरत करता है. बीते कई दिनों से सुर्ख़ियों में रहने वाला पाकिस्तान एक बार फिर चर्चा में है. कारण हैं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना और संस्कृति मंत्री फैयाज उल हसन चौहान और उनका इस्तीफा. प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ से जुड़े फैयाज चौहान ने हिंदुओं को गाय का मूत्र पीने वाला बताते हुए कहा था कि भारत, पाकिस्तान का मुकाबला बिल्कुल भी नहीं कर सकता है. इस बयान पर एक्शन लेते हुए इमरान खान ने फैयाज को मंत्री पद से हटा दिया है.
बात चूंकि बहुत संगीन थी इसलिए फैयाज के वीडियो की क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. नतीजा ये निकला कि जहां एक तरफ लोगों ने फैयाज को खूब खरी खोटी सुनाई तो वहीं पीएम इमरान खान भी लोगों की तीखी आलोचना का शिकार हुए.
पीएम इमरान ख़ान के राजनीतिक मामलों के सलाहकार नईमुल हक़ ने एक ट्वीट में कहा कि पीटीआई इस तरह की बकवास को बर्दाश्त नहीं करेगी भले ही सरकार का कोई वरिष्ठ सदस्य या कोई अन्य ऐसी बात कहे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि,' हिंदू समुदाय के ख़िलाफ़ पंजाब के सूचना मंत्री फैयाज चौहान के अपमानजनक बयान पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्यमंत्री से सलाह लेने के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी.'
वहीं पाकिस्तान में मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मज़ारी ने भी चौहान को जमकर घेरा. शिरीन मज़ारी ने ट्वीट किया है कि, 'मैं इसकी घोर निंदा करती हूं. किसी के धर्म पर हमला करने का अधिकार किसी के पास नहीं है. हमारे हिंदू नागरिकों ने अपने देश के लिए बलिदान दिया है. हमारे प्रधानमंत्री का संदेश सहिष्णुता और सम्मान का है और हम किसी भी तरह की नफ़रत को बढ़ावा नहीं दे सकते.'
अपने को घिरता देख माफी मांग ली है. चौहान ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि, 'मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय सशस्त्र बल और वहां की मीडिया को संबोधित कर रहा था, पाकिस्तान के हिंदू समुदाय को नहीं. अगर मेरी किसी टिप्पणी से पाकिस्तान के हिंदू समुदाय को दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगता हूं.' मैं अपने मुल्क की ओर गंदी नजर से देखने वाले हर शख्स को मुंहतोड़ जवाब दूंगा. मेरे खून की हर बूंद मेरे मुल्क के लिए है.'
उम्मीद से विपरीत इमरान सरकार मामले पर गंभीर नजर आई और अपने बड़बोले मंत्री पर एक्शन लेते हुए उसने उसे मंत्री पद से हटा दिया है. पाकिस्तान-तहरीक ए-इंसाफ (PTI) के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की सूचना दी गयी है कि पंजाब सरकार ने हिंदू समुदाय के बारे में अपमानजनक टिप्पणी के बाद फैयाज चौहान को पंजाब के सूचना मंत्री के पद से हटा दिया है.
ज्ञात हो कि, पाकिस्तान की 1.6 प्रतिशत आबादी हिंदू है और हिंदू धर्म देश में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के पास खुद नेशनल असेंबली के 7 हिंदू सदस्य और पंजाब विधानसभा में चार अल्पसंख्यक सदस्य हैं. बहरहाल, एक ऐसे वक़्त में जब भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव अपने सबसे गाढ़े रंग में हो, साथ ही एक दूसरे से युद्ध की बातें हो रही हों. इमरान सरकार का ये फैसला न सिर्फ राहत देता है. बल्कि ये भी बताता है कि, पुलवामा आतंकी हमले के बाद चौतरफा आलोचना और दुनिया भर से थू थू का सामना कर रहा पाकिस्तान भारत से अपने सम्बन्ध सुधारना चाहता है और शायद वो उसके लिए वाकई गंभीर है.
बाक़ी पीटीआई द्वारा अपने मंत्री पर लिए गए इस एक्शन के बाद सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या भारत इससे कुछ सबक ले पाएगा ? क्या आने वाले वक़्त में हम ये देखेंगे कि दल ने अपने नेता को सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उसने इस्लाम को भला बुरा कहा. ईसाई धर्म के बारे में अपशब्द कहे.
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