अब इसे कश्मीर के लोगों की जागरूकता कहें या मजबूरी उन्होंने उन मौकापरस्त अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है जिनके कारण घाटी गर्त्त के अंधेरों में जा रही है. ज्ञात हो कि बीते दिन जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में विरोध प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन पर कश्मीरी युवकों द्वारा पत्थरबाजी की गई. इस पत्थरबाजी में 21 साल का कैसर अहमद नाम का एक पत्थरबाज युवक सीआरपीएफ वाहन के नीचे आ गया. गंभीर रूप से घायल युवक को एसकेआईएमएस में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
सीआरपीएफ की जीप के नीचे आने वाले पत्थरबाज की मौत से बौखलाए उसके परिवार के एक सदस्य ने हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी पर घाटी के युवाओं की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. आपको बताते चलें कि सोशल मीडिया पर हुर्रियत नेताओं की एक बैठक का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यह सदस्य अलगाववादी नेता गिलानी पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगाता नजर आ रहा है. वायरल हो रहे वीडियो को अगर ध्यान से देखें तो मिल रहा है कि वीडियो में न सिर्फ युवक हुर्रियत नेताओं की तीखी आलोचना कर रहा है बल्कि गिलानी पर पाखंडी होने का आरोप भी लगा रहा है.
गिलानी द्वारा रचे पाखंड पर गुस्साए युवक का तर्क है, गिलानी ने शब्बीर शाह की बेटी और डीपीएस की छात्रा समा शब्बीर को राज्य के युवाओं का रोल मॉडल बताया था. मैं उन्हें बधाई देता हूं वे यूथ के लिए, स्टूडेंट के लिए रोल मॉडल हैं. साथ ही युवक ने ये भी कहा कि एक समय था मैं भी इस गिलानी साहब के...
अब इसे कश्मीर के लोगों की जागरूकता कहें या मजबूरी उन्होंने उन मौकापरस्त अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है जिनके कारण घाटी गर्त्त के अंधेरों में जा रही है. ज्ञात हो कि बीते दिन जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में विरोध प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन पर कश्मीरी युवकों द्वारा पत्थरबाजी की गई. इस पत्थरबाजी में 21 साल का कैसर अहमद नाम का एक पत्थरबाज युवक सीआरपीएफ वाहन के नीचे आ गया. गंभीर रूप से घायल युवक को एसकेआईएमएस में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
सीआरपीएफ की जीप के नीचे आने वाले पत्थरबाज की मौत से बौखलाए उसके परिवार के एक सदस्य ने हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी पर घाटी के युवाओं की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. आपको बताते चलें कि सोशल मीडिया पर हुर्रियत नेताओं की एक बैठक का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यह सदस्य अलगाववादी नेता गिलानी पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगाता नजर आ रहा है. वायरल हो रहे वीडियो को अगर ध्यान से देखें तो मिल रहा है कि वीडियो में न सिर्फ युवक हुर्रियत नेताओं की तीखी आलोचना कर रहा है बल्कि गिलानी पर पाखंडी होने का आरोप भी लगा रहा है.
गिलानी द्वारा रचे पाखंड पर गुस्साए युवक का तर्क है, गिलानी ने शब्बीर शाह की बेटी और डीपीएस की छात्रा समा शब्बीर को राज्य के युवाओं का रोल मॉडल बताया था. मैं उन्हें बधाई देता हूं वे यूथ के लिए, स्टूडेंट के लिए रोल मॉडल हैं. साथ ही युवक ने ये भी कहा कि एक समय था मैं भी इस गिलानी साहब के साथ था मगर उनके दोगले रवैये को देखकर उनका साथ छोड़ दिया. युवक इस बात से खासा आघात दिखा कि एक तरफ ये अलगाववादी और कट्टरपंथी नेता उनसे कहते हैं कि आम कश्मीरी अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में न भेजें जबकि दूसरी तरफ इन्हीं नेताओं के बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में बाजी मारकर टॉप करते हैं.
गुस्साए युवक ने अपने नेताओं से सवाल किया, जो बंदा शहादत के बाद एक घंटे में सुपूर्द ए खाक होना चाहिए, उसका शव सड़क पर नुमाइश के लिए रखा गया. युवक ने गिलानी से सवाल करते हुए पूछा कि कैसर जिसे ये नहीं पता शहादत होती क्या है? क्या ऐसे होते हैं आपके बच्चे? वीडियो में गुस्साए युवक ने इस बात का भी जिक्र किया है कि आज घाटी में ऐसे लाखों लोग हैं जो अब हुर्रियत के नाम से डरने लगे हैं.
बहरहाल, इस पूरे वीडियो और वीडियो में पत्थरबाज युवक के परिजन के गुस्से को देखकर ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि, शायद अब वो वक़्त आ गया है जब आम कश्मीरी आवाम, अलगाववादी नेताओं द्वारा अपने साथ किये फरेब को समझ चुका है और उनके मनसूबे भांप चुका है.
वीडियो में, युवक का गुस्सा साफ बता रहा है कि अलगाववादियों द्वारा जिस तरह राज्य के युवाओं को भरमाया गया उससे केवल इन नेताओं ने अपनी-अपनी सियासत ही चमकाई है. कहना गलत नहीं है कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों को देखना चाहिए ताकि उन्हें इस बात का एहसास हो कि जिस आजादी की मांग अलगाववादी कर रहे हैं वो पूर्णतः निरर्थक और बेबुनियाद है.
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