अमेरिका में वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन और ट्रंप के बीच की अदावत, मैनहेटन में ग्रैंड जूरी के एक फैसले के बाद, अपने निर्णायक मोड़ पर आ गयी है. जूरी ने 2016 के चुनाव अभियान के दौरान एक पोर्न स्टार को चुप रहने के एवज में पैसे देने के लिए ट्रंप को दोषी ठहराया है साथ ही ट्रंप पर केस चलाया जाए इसके पक्ष में वोट किया है. जूरी के इस निर्णय के बाद अमेरिका के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा है. आरोपों ने ट्रंप की बेचैनी बढ़ा दी है. मामले पर अपना पक्ष रखते हुए हुए ट्रंप ने कहा है कि इन अरोपों के जरिये उनका राजनीतिक उत्पीड़न किया जा रहा है. वहीं उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी खूब खरी खरी सुनाई है और कहा है कि ये विच हंट उनपर भारी पड़ेगा.
एक बयान में ट्रंप ने कहा है कि, 'यह इतिहास में उच्चतम स्तर पर राजनीतिक उत्पीड़न और चुनावी हस्तक्षेप है. जब से मैं ट्रम्प टॉवर में गोल्डन एस्केलेटर से नीचे आया और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली तब से कट्टरपंथी डेमोक्रेट मेरे पीछे पड़े हुए हैं. वह इस देश के मेहनती पुरुषों और महिलाओं के दुश्मन बन गए हैं. 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' आंदोलन को नष्ट करने के लिए एक विच-हंट में लगे हुए हैं.'
मामला सामने आने के बाद सिर्फ ट्रंप ही नहीं उनके समर्थक भी सकते में है. उनका रिएक्शन कुछ वैसा ही है, जैसा अभी बीते दिनों हमने भारत में कांग्रेसियों का तब देखा. जब सूरत की सेशन कोर्ट से आए फैसले बाद राहुल गांधी...
अमेरिका में वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन और ट्रंप के बीच की अदावत, मैनहेटन में ग्रैंड जूरी के एक फैसले के बाद, अपने निर्णायक मोड़ पर आ गयी है. जूरी ने 2016 के चुनाव अभियान के दौरान एक पोर्न स्टार को चुप रहने के एवज में पैसे देने के लिए ट्रंप को दोषी ठहराया है साथ ही ट्रंप पर केस चलाया जाए इसके पक्ष में वोट किया है. जूरी के इस निर्णय के बाद अमेरिका के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा है. आरोपों ने ट्रंप की बेचैनी बढ़ा दी है. मामले पर अपना पक्ष रखते हुए हुए ट्रंप ने कहा है कि इन अरोपों के जरिये उनका राजनीतिक उत्पीड़न किया जा रहा है. वहीं उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी खूब खरी खरी सुनाई है और कहा है कि ये विच हंट उनपर भारी पड़ेगा.
एक बयान में ट्रंप ने कहा है कि, 'यह इतिहास में उच्चतम स्तर पर राजनीतिक उत्पीड़न और चुनावी हस्तक्षेप है. जब से मैं ट्रम्प टॉवर में गोल्डन एस्केलेटर से नीचे आया और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली तब से कट्टरपंथी डेमोक्रेट मेरे पीछे पड़े हुए हैं. वह इस देश के मेहनती पुरुषों और महिलाओं के दुश्मन बन गए हैं. 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' आंदोलन को नष्ट करने के लिए एक विच-हंट में लगे हुए हैं.'
मामला सामने आने के बाद सिर्फ ट्रंप ही नहीं उनके समर्थक भी सकते में है. उनका रिएक्शन कुछ वैसा ही है, जैसा अभी बीते दिनों हमने भारत में कांग्रेसियों का तब देखा. जब सूरत की सेशन कोर्ट से आए फैसले बाद राहुल गांधी की संसद से सदस्यता रद्द हुई.
ध्यान रहे यहां भी यही कहा गया कि अदानी मामले से बचने के लिए मोदी सरकार ने राहुल गांधी के खिलाफ एक बड़ा षड्तंत्र किया.
गौरतलब है कि मैनहेटन में ग्रैंड जूरी ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स को मुंह बंद रखने के लिए चुपके से पैसे देने के मामले में ट्रंप को घेरा है और उनपर आपराधिक मुकदमा चले इसलिए वोट किया है. बता दें कि पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने 2016 में डोनाल्ड ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए थे और बताया था कि ट्रंप ने उनके साथ संबंध बनाए हैं. डेनियल्स मुंह खोलकर ट्रंप की छवि को बर्बाद न करें इसके एवज में उन्हें ट्रंप के वकील की तरफ से एक लाख तीस हजार डॉलर का पेमेंट किया गया था.
स्टॉर्मी के मुताबिक ट्रंप ने नेवादा में एक सेलेब्रिटी गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान उन्हें अपने होटल रूम में बुलाया और उसे टीवी स्टार बनाने का वादा किया था जहां दोनों के बीच संबंध स्थापित हुए थे. जिक्र यदि ट्रंप का हो तो उन्होंने इस मामले पर हमेशा ही अपने को बेदाग बताया है और इससे इंकार किया है कि उनके और स्टॉर्मी के बीच रिलेशन बने. ट्रंप के अनुसार 2007 में जब उनकी भेंट स्टॉर्मी से हुई तब वो 27 साल की थीं जबकि उस समय ट्रंप खुद 60 वर्ष के थे.
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि जूरी के इस फैसले ने एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप और बाइडेन के रिश्तों की कड़वाहट जगजाहिर कर दी है. तो ये बता देना भी बेहद जरूरी है कि ये फैसला एक ऐसे समय में आया है जब ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए कमर कस चुकी है. अब चूंकि ट्रमप पर मुकदमा चलेगा इसलिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में उनके आगे बढ़ने के अवसर समाप्त हो जाएंगे.
जिक्र कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का हुआ है तो बता देना जरूरी है यहां भारत में ट्रंप जैसा ही हाल राहुल गांधी का भी हुआ है. भारत में 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं ऐसे में सूरत की सेशन कोर्ट के फैसले के बाद जो सजा राहुल गांधी को हुई है उनके चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग गया है. जिस तरह ट्रंप अपने को साजिश का शिकार बता रहे हैं वैसा ही मिलता जुलता हाल राहुल का भी है.
दोनों ही मामलों में दिलचस्प ये है कि चाहे वो रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ता हों या कांग्रेस समर्थक दोनों तिलमिलाए तो बहुत हैं मगर ये जानते हैं कि जो गंभीर आरोप लगे हैं और जिस तरह से फंसाया गया है अब राहुल और ट्रंप दोनों का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
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