एक ऐसे समय में, जब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 4 किसानों की मौत के बाद एक बार फिर किसान आंदोलन ने धार पकड़ ली हो. विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस द्वारा घटना को मुद्दा बनाकर आपदा में अवसर तलाशा जा रहे हो. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तमाम मुद्दों पर अपनी बातें रखी हैं. कॉन्क्लेव में जिक्र राहुल गांधी का भी हुआ और जैसा नड्डा का अंदाज था उन्होंने राहुल समेत प्रियंका गांधी की पूरी राजनीति का पोस्टमार्टम कर उसे देश की जनता के सामने रख दिया है. जिक्र लखीमपुर खीरी की घटना और उसमें कांग्रेस पार्टी का बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का हुआ है. तो ये बताना बहुत जरूरी है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले लखीमपुर खीरी मामले को जिस तरह पहले प्रियंका गांधी फिर राहुल गांधी ने तूल दिया. साफ हो जाता है कि इन्होंने लाशों पर राजनीति की है. इनका मकसद किसी भी सूरत में यूपी चुनावों में अपनी परफॉरमेंस को उस वक़्त सुधारना है जब देश और देश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को पूर्ण रूप से सिरे से खारिज कर दिया है.
भले ही लखीमपुर खीरी में प्रियंका और राहुल गांधी के पॉलिटिकल टूरिज्म को सियासी पंडित बड़ी घटना बता रहे हों. और साथ ही वे इस बात के पक्षधर हों कि प्रियंका और राहुल की इस तत्परता से यूपी में कांग्रेस को फायदा मिलेगा मगर जो बातें नड्डा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहीं हैं उनसे इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि यूपी के लोग सच्चाई जानते हैं.
राहुल गांधी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नड्डा ने बात शीशे की तरह साफ कर दी है. राहुल गांधी की राजनीति पर नड्डा ने दो टूक होकर कहा...
एक ऐसे समय में, जब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 4 किसानों की मौत के बाद एक बार फिर किसान आंदोलन ने धार पकड़ ली हो. विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस द्वारा घटना को मुद्दा बनाकर आपदा में अवसर तलाशा जा रहे हो. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तमाम मुद्दों पर अपनी बातें रखी हैं. कॉन्क्लेव में जिक्र राहुल गांधी का भी हुआ और जैसा नड्डा का अंदाज था उन्होंने राहुल समेत प्रियंका गांधी की पूरी राजनीति का पोस्टमार्टम कर उसे देश की जनता के सामने रख दिया है. जिक्र लखीमपुर खीरी की घटना और उसमें कांग्रेस पार्टी का बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का हुआ है. तो ये बताना बहुत जरूरी है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले लखीमपुर खीरी मामले को जिस तरह पहले प्रियंका गांधी फिर राहुल गांधी ने तूल दिया. साफ हो जाता है कि इन्होंने लाशों पर राजनीति की है. इनका मकसद किसी भी सूरत में यूपी चुनावों में अपनी परफॉरमेंस को उस वक़्त सुधारना है जब देश और देश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को पूर्ण रूप से सिरे से खारिज कर दिया है.
भले ही लखीमपुर खीरी में प्रियंका और राहुल गांधी के पॉलिटिकल टूरिज्म को सियासी पंडित बड़ी घटना बता रहे हों. और साथ ही वे इस बात के पक्षधर हों कि प्रियंका और राहुल की इस तत्परता से यूपी में कांग्रेस को फायदा मिलेगा मगर जो बातें नड्डा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहीं हैं उनसे इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि यूपी के लोग सच्चाई जानते हैं.
राहुल गांधी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नड्डा ने बात शीशे की तरह साफ कर दी है. राहुल गांधी की राजनीति पर नड्डा ने दो टूक होकर कहा है कि, मैं कहना चाहता हूं कि डेमोक्रेटिक प्रोसेस में इस तरह नहीं होता. विपक्ष और विपक्ष में भी काम करने के लिए पेशेंस बहुत जरूरी है.
नड्डा का मानना है कि जिसे पेशेंस नहीं, वो विपक्ष में काम कर ही नहीं सकता. राहुल गांधी पर बात करते हुए नड्डा ने ये भी कहा कि जो रास्ते इन्होंने लिए हैं वो 70 के दशक के रास्ते हैं. आज दुनिया बहुत आगे बढ़ गई है. ये पब्लिक है सब जानती है. इसे बताने की जरूरत नहीं है. इससे पूछ लेना अक्लमंदी है. वो जानती है कि कहां एक्टिंग हो रही है.
राहुल गांधी की नीति पर तंज करते हुए नड्डा ने ये भी कहा कि, 15 मिनट के लिए चले गए, दो फ़ोटो ले लिए, प्रेस को दे दिया. इससे बदलाव नहीं आता है. इससे लोग मजबूत नहीं होते हैं, ये उन्हें समझना चाहिए. वहीं राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने की कांग्रेस की घटना पर नड्डा ने अपनी बात रखी है.
नड्डा ने कहा है कि ये फैसले आइसोलेशन में नहीं होते हैं. ये फैसले एक विषय को लेकर नहीं होते हैं. सारी चीजों का एक विचार करने के बाद होता है. एक सिद्धांत होता है पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी को मौका दे. हमने तो तीन स्टेट में चार सीएम बदल दिए. जाने वाला कहता है कि मैं धन्यवाद हूं कि पार्टी ने मुझे मौका दिया और छोटा भाई संभालेगा. ये हमारे संस्कार हैं. कांग्रेस ने एक ही राज्य में कोशिश की थी, वहां जो हाल हुआ वो आप जानते ही हैं.'
प्रियंका गांधी वाड्रा से जुड़े सवाल पर नड्डा ने कहा है कि ये प्रजातंत्र का देश है. कोई किसी को नहीं रोक सकता. वो जरूर एक्टिव हों. हम रोकने वाले कौन होते हैं. लेकिन मैं ये जरूर चाहूंगा कि पॉलिटिकल पार्टी के रूप में और उसकी नेता के रूप में आत्मनिरीक्षण जरूर करें कि आप जो कर रहे हैं उससे समाज का कितना भला हो रहा है, आपकी पार्टी का कितना भला हो रहा है.'
'लोग आपको छोड़कर क्यों जा रहे हैं? कभी आपने इसका आत्मनिरीक्षण किया. जिन लोगों ने अपनी जिंदगी के 6-6 दशक, 5-5 दशक, 4-4 दशक पार्टी के लिए लगा दिए, वो आपको गुडबाय कहकर चल जाते हैं, आपने कभी सोचने की कोशिश की. अपने घर में झांके. आत्मनिरीक्षण करें.'
नड्डा ने ये भी कहा कि, ये ग्लैमर और शो से राजनीति नहीं होती, ये 21वीं सदी का भारत है, ये ऐसे नहीं चलेगा. ये मुद्दों पर चलेगा और जो लोग मेहनत के साथ खड़े होना चाहते हैं, गरीब के साथ खड़े होना चाहते हैं, उसके साथ भारत आगे चलेगा.'
कुल मिलाकर इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जेपी नड्डा ने वो बातें कही हैं. जिन्हें न केवल कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस में भी प्रियंका और राहुल को सुनना चाहिए. बल्कि उनका आत्मसात कर अपनी कमियों पर काम करना चाहिए. बाकी नड्डा तो पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि पब्लिक सब देख रही है. आज के माहौल में उसे सियासी हथकंडों से मूर्ख किसी भी सूरत में नहीं बनाया जा सकता है.
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