पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा हर तरफ देखने मिल रहा है. बहुत से लोग इस पक्ष में हैं कि भारत पाकिस्तान से युद्ध करके पुलवामा हमले का बदला ले.
सितंबर 2016 में उरी आतंकवादी हमले में शहीद हुए 19 जवानों का बदला 11 दिन बाद पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर ले लिया गया था. और इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी से लोगों को उम्मीदें हैं कि वो इस बार भी इस हमले का बदला लेंगे.
पुलवामा हमले के बाद एक्सिस माय इंडिया ने इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्चेंज (PSE) लिए देश के 29 राज्यों में एक सर्वे किया. जिसमें पुलवामा हमले के बाद देश के लोगों की राय सामने आई.
कौन आतंकवाद के खिलाफ बेहतर नेतृत्व कर सकता है?
49 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में चुना है. वहीं 15 प्रतिशत राहुल गांधी को बेहतर विकल्प मानते हैं. जबकि केवल 3 प्रतिशत लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए चुना. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस की प्रियंका गांधी, अखिलेश और मायावती को क्रमशः एक एक प्रतिशत वोट मिले.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा हर तरफ देखने मिल रहा है. बहुत से लोग इस पक्ष में हैं कि भारत पाकिस्तान से युद्ध करके पुलवामा हमले का बदला ले.
सितंबर 2016 में उरी आतंकवादी हमले में शहीद हुए 19 जवानों का बदला 11 दिन बाद पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर ले लिया गया था. और इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी से लोगों को उम्मीदें हैं कि वो इस बार भी इस हमले का बदला लेंगे.
पुलवामा हमले के बाद एक्सिस माय इंडिया ने इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्चेंज (PSE) लिए देश के 29 राज्यों में एक सर्वे किया. जिसमें पुलवामा हमले के बाद देश के लोगों की राय सामने आई.
कौन आतंकवाद के खिलाफ बेहतर नेतृत्व कर सकता है?
49 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में चुना है. वहीं 15 प्रतिशत राहुल गांधी को बेहतर विकल्प मानते हैं. जबकि केवल 3 प्रतिशत लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए चुना. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस की प्रियंका गांधी, अखिलेश और मायावती को क्रमशः एक एक प्रतिशत वोट मिले.
कश्मीर नीति किसकी बेहतर?
उत्तरदाताओं में से 27 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी सरकार की पाकिस्तान और कश्मीर नीति को यूपीए और वाजपेयी प्रशासन से बेहतर पाया. जहां यूपीए सरकार को 22 प्रतिशत और वाजपेयी सरकार को 12 प्रतिशत वोट मिले.
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को भारत का क्या जवाब होना चाहिए?
पुलवामा हमले के बाद ज्यादातर भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के पक्ष में नजर आए. आतंकवाद से निपटने के लिए लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध को ही सबसे बेहतर समाधान के रूप में चुना है.
36 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध हो. जबकि 23 प्रतिशत का मानना है कि आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक हो. 18 प्रतिशत ने माना कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के साथ वही हो जो अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के साथ 2011 में किया था. और 15 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान को कूटनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग कर देने का समर्थन किया.
पुलवामा का गुनहगार कौन?
14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के गुनहगार के बारे में सवाल किए जाने पर 30 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को मुख्य अपराधी बताया. 13 प्रतिशत लोगों ने जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया, जिसने पुलवामा आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी का दावा किया था. और 19 प्रतिशत लोगों ने इसका जिम्मेदार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बताया. जबकि 25 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान के जैश, आईएसआई, पाकिस्तान की सेना और पीएम खान सभी को दोषी माना.
पुलवामा में आतंक फैलाने की वजह क्या हो सकती है?
लोगों से जब पूछा गया कि पुलवामा में आतंक फैलाने का कारण क्या हो सकता है तो 57 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल पर "पता नहीं" वाले बॉक्स पर टिक किया. जबकि 13 प्रतिशत फीसदी ने इस हमले को इंटेलिजेंस फेलियर कहा और 17 प्रतिशत लोगों ने इसे सरकार की "कमजोर आतंकवाद-विरोधी नीति" बताया.
2016 में मोदी सरकार द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक कितनी सफल थी?
लोगों से पूछा गया था कि 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का कितना असर हुआ. तो इसपर 58 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इससे पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के खिलाफ सफलता मिली है, जबकि 25 प्रतिशत इस, बात से असहमत थे.
तो देश के 29 राज्यों के लोगों ने इस सर्वे के माध्यम से अपने दिल की बात बता दी है. इससे सर्वे में नजर आता है कि लोग पाकिस्तान को लेकर किस तरह से सोच रहे हैं. साथ ही इस सर्वे से आप देश के गुस्से और प्रधानमंत्री मोदी पर अपने भरोसे को भी साफ देख सकते हैं.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.