जब कोई देश अपने दुश्मन से सीधे तौर पर युद्ध न कर सके, तो उसके खिलाफ प्रोपेगेंडा वॉर छेड़ देता है. और, चीन को तो इस मामले में महारत हासिल है. नए साल पर चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक प्रोपेगेंडा वीडियो शेयर कर दावा किया कि गलवान घाटी में चीनी सेना के सैनिकों ने चीन का झंडा फहराया. इतना ही नहीं, चीन ने इस वीडियो के सहारे गलवान घाटी को अपना हिस्सा बताने की कोशिश भी की. चीनी प्रोपेगेंडा वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने ट्विटर पर लिखा कि चीनी सैनिकों ने 'एक इंच भी जमीन नहीं देंगे' के नारे के साथ चीन के लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दीं. खैर, चीन ने प्रोपेगेंडा वॉर के तहत इस वीडियो को भारत पर दबाव बनाने के लिए शेयर किया था. और, जैसा कि आमतौर पर होता आया है. भारत में इस प्रोपेगेंडा वीडियो को कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं से लेकर बॉलीवुड में कथित एक्टिविज्म के झंडाबरदारों की फौज ने हाथों-हाथ लिया. लेकिन, भारतीय सेना ने चीन के इस प्रोपेगेंडा की हवा निकाल दी है.
अब चीन के इस प्रोपेगेंडा वीडियो का जवाब भारतीय सेना ने उसी की भाषा में दिया है. भारतीय सेना के जवानों ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. बर्फ से ढकी गलवान घाटी में तिरंगा फहराते भारतीय सेना के हथियारबंद जवानों ने चीन के प्रोपेगेंडा की हवा निकाल कर रख दी है. भारतीय सेना ने बाकायदा सबूत देकर साफ कर दिया है कि गलवान घाटी को लेकर किया जा रहा चीनी दावा सिर्फ प्रोपेगेंडा ही है. वैसे भी चीन के इस प्रोपेगेंडा की पोल उसके ही वीडियो ने खोल दी थी. भारतीय सेना ने गलवान घाटी में सैनिकों की जो तस्वीर शेयर की है, उसमें बर्फ की चादर साफ देखी जा सकती है. लेकिन, चीन के प्रोपेगेंडा वीडियो में बर्फ बहुत मुश्किल से ढूंढने पर दिख रही है.
भारतीय सेना ने सबूत के साथ साफ कर दिया कि गलवान घाटी को लेकर किया जा रहा चीनी दावा सिर्फ प्रोपेगेंडा ही है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस प्रोपेगेंडा वीडियो को देखकर इस कदर गुस्से में लाल हो गए कि उन्होंने चीन को उसकी ही भाषा में जवाब देने की मांग कर दी. राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि 'हमारा तिरंगा गलवान में अच्छा दिखता है. चीन को जवाब दिया जाना चाहिए. मोदी जी, चुप्पी तोड़िये.' आसान शब्दों में कहा जाए, तो राहुल गांधी समेत कई लोग चीन के इस प्रोपेगेंडा वॉर को फैलाने का हिस्सा बन गए थे. राहुल गांधी ने उसी तरह से लोगों के बीच इस प्रोपेगेंडा वीडियो का प्रसार किया, जैसा उन्होंने त्रिपुरा की तथाकथित सांप्रदायिक हिंसा को लेकर किया था. वैसे, जल्द ही साफ हो गया था कि गलवान घाटी पर चीनी दावे का ये वीडियो एलएसी (LAC) में चीन के कब्जे वाले इलाके का है. नाकि, गलवान घाटी में उस जगह का जहां भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. लेकिन, इस जानकारी के सामने आने के बाद से अब तक राहुल गांधी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
आज के समय में सोशल मीडिया एक हथियार बन चुका है. लोगों के बीच प्रोपेगेंडा फैलाने में सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. और, ऐसे प्रोपेगेंडा को हमारे ही देश के देश के कथित बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट्स और नेता अपने हितों के लिए माहौल बिगाड़ने में इस्तेमाल करने में जुट जाते हैं. इन लोगों के लिए देशहित से बड़ा निजी हित होता है. बीते साल ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सिविल सोसाइटी को फोर्थ जेनरेशन वॉरफेयर के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की बात कही थी. ऐसे किसी भी मामले में सिविल सोसाइटी के जरिये प्रॉपेगेंडा को हवा दी जाती है. वैसे, भारतीय सेना द्वारा जारी की गई तस्वीर से चीन की नींद उड़ना लाजिमी है. क्योंकि, भारतीय सैनिकों के हाथों में अब स्वदेशी इंसास की जगह अमेरिका की मॉडर्न सिग 716 नजर आ रही है. तो, इस बात को समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि चीन से लगती सीमा पर भारत और उसकी सेना की तैयारियां किस स्तर तक पहुंच रही हैं.
और, रहा सवाल प्रोपेगेंडा वीडियो का तो चीन आगे भी ऐसे वीडियो डालता रहेगा. इस स्थिति में आंख मूंद कर चीन पर भरोसा करने वाले पहले वीडियो रिचेक जरूर कर लें. क्योंकि, 5 मई, 2020 को भारतीय सेना के जवानों ने चीन की सेना को जो चोट पहुंचाई है. उससे मिला दर्द इतनी आसानी से जाना वाला नही है. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही चीन प्रोपेगेंडा मशीनरी एक्टिव हो गई थी. और, भविष्य में भी ऐसे ही सक्रिय रहने वाली है. तो, आने वाले समय में कुछ और वीडियो के लिए भी तैयार रहें.
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