इंदौर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा होकर बाहर आ गए हैं, लेकिन उनके बयान से ऐसा लगता है कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. बता दें कि शनिवार को भोपाल सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. आकाश को नगर निगम अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोप में 26 जून को इंदौर में गिरफ्तार किया गया था. जेल से निकलने के बाद आकाश ने कहा कि 'क्षेत्र की जनता के लिए हम आगे भी काम करते रहेंगे और जेल में समय अच्छा बीता.'
आकाश ने अधिकारी को बल्ले से पीटकर क्षेत्र की जनता के लिए कौन सा काम किया ये तो आकाश ही बता सकते हैं, लेकिन उनके कदम को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि एक चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर उनकी जिम्मेदारी बड़ी है और उन्हें समाज में अच्छा सन्देश देना चाहिए था. अगर अधिकारी ने कुछ गलत किया था तो वो कानून का सहारा ले सकते थे. अब जेल में अच्छा समय बीतने की बात करें तो आखिर कौन जेल जाना चाहता है और भला किसे वहां अच्छा लगेगा.
यही नहीं उन्होंने तो मानो ऐसा फिर करने की चेतावनी भी दे डाली. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, जो मैंने किया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं, लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें.