म्यांमार के प्रेसिडेंट्स ऑफिस की ओर से नौकरशाहों के लिए एक गाइडलाइन जारी हुई है - वे अब 20 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की सौगात स्वीकार नहीं कर सकते. पहले ये सीमा 240 अमेरिकी डॉलर थी. भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए ये फरमान जारी किया है प्रेसिडेंट ऑफिस मिनिस्टर आंग सान सू की ने. आगे भी सारे फरमान सू की ही जारी कर सकें इसके भी इंतजाम हो रहे हैं.
तू डाल डाल मैं...
चुनावों में भारी जीत मिलने के बाद म्यांमार की आर्मी ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को सत्ता तो सौंप दी - लेकिन शासन में अड़ंगा लगाए रखा. एक संवैधानिक नियम के चलते सू की को राष्ट्रपति नहीं बनने दिया. जब सू की ने इसकी काट खोज डाली तो गैर-निर्वाचित सैन्य प्रतिनिधियों ने खड़े होकर विरोध भी जताया.
सारा आकाश... |
चूंकि सू की मौजूदा नियमों के तहत राष्ट्रपति नहीं बन सकती थीं इसलिए पार्टी के एक भरोसेमंद नेता को राष्ट्रपति पद पर बिठाया. जैसा कि उन्होंने लोगों से वादा किया था कि तकनीकी तौर पर न सही लेकिन शासन की कमान उन्हीं के हाथ में होगी, सू की खुद प्रेसिडेंट ऑफिस मिनिस्टर बनीं और विदेश मंत्रालय अपने पास रखा.
इस बीच एक बिल लाया गया जिसमें सू की के लिए एक नया पद बनाया गया है - स्टेट काउंसलर.
सत्ता की कमान
बतौर स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को मंत्रालयों, विभागों, संगठनों, संघों और व्यक्तियों से संपर्क कर उनकी काउंसिलिंग का अधिकार हासिल होगा. स्टेट काउंसलर के तौर पर सू की संसद के प्रति जवाबदेह होंगी और उनका कार्यकाल भी वही होगा जो राष्ट्रपति का होगा.
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