अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल आज अपने ईटानगर के आवास पर मृत पाये गये. वे 47 वर्ष के थे. आशंका ये है कि उन्होंने खुदकुशी की है.
दिसम्बर 2015 में नबाम तुकी सरकार से विरोध करके कांग्रेस नेताओं का एक गुट अलग हो गया था. कलिखो पुल इसकी अगुवाई कर रहे थे. फरवरी 2016 में वे बीजेपी के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने पुराने अरुणाचल सरकार को बहाल करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उन्हें राज्य की सीएम पोस्ट भी छोड़नी पड़ी थी.
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कलिखो पुल की आत्महत्या के पीछे कहीं राजनीतिक डिप्रेशन तो नही था |
विभिन्न खबरों के मुताबिक उन्होंने डिप्रेशन के कारण सुसाइड कर लिया. तो क्या हम माने की उनकी मौत पॉलिटिकल डिप्रेशन के कारण हुई है? मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी वे राजनीति से दूर नहीं जा पा रहे थे. शायद इसी कारण से अभी भी मुख्यमंत्री बंगले में ही रह रहे थे. 1995 से लगातार वे विधानसभा का चुनाव जीतते आये थे. वे सबसे लंबे समय तक राज्य के वित्तमंत्री भी रहे थे. उनका राजनीति में लंबा अनुभव रहा था.