मौजूदा वक़्त कांग्रेस के लिए जटिल है. पार्टी और कांग्रेसी नेता जितनी मेहनत विवादों में पड़ने के लिए कर रहे हैं अगर उसकी आधी भी मेहनत उन्होंने संगठन के लिए कर ली होती तो आज स्थिति अलग होती. खैर. कांग्रेस एक फिर विवादों में है. कारण बने हैं आईवाईसी अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और सचिव प्रभारी वर्धन यादव. असम यूथ कांग्रेस की प्रमुख अंगकिता दत्ता ने यूथ कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं पर ऐसे कई आरोप लगा दिए हैं जिसके बाद सवालों की झड़ी लग गयी है. मामले में रोचक ये है कि एक महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को पार्टी ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है और वो अब भी बीवी श्रीनिवास और वर्धन यादव का हाथ थामे खड़ी है. अंगकिता ने कहा कि वर्धन यादव को पता नहीं है कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है. वह मुझे डॉ दत्ता या अध्यक्ष नहीं बल्कि 'ए लड़की' कहकर संबोधित करते हैं.
वहीं अपने आरोपों में अंगकिता ने रायपुर पूर्ण सत्र का भी जिक्र किया है और कहा है कि श्रीनिवास और वर्धन ने उनसे पूछा 'ए लड़की, क्या पीता है तुम, वोडका पीता है?. अंगकिता का आरोप है कि उसने अपनी आपबीती को लेकर कई बार शिकायतें की लेकिन पार्टी में किसी ने भी उसकी बातों पर कान नहीं दिए और दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंगकिता दत्ता का दावा है कि श्रीनिवास और वर्धन यादव जैसे लोगों ने पार्टी को नष्ट कर दिया है. उन्होंने राज्य की राजनीति को बर्बाद करने का काम किया है.
उधर अपने ऊपर लगे आरोपों को श्रीनिवास ने बहुत गंभीरता से लिया है और अंगकिता दत्ता को...
मौजूदा वक़्त कांग्रेस के लिए जटिल है. पार्टी और कांग्रेसी नेता जितनी मेहनत विवादों में पड़ने के लिए कर रहे हैं अगर उसकी आधी भी मेहनत उन्होंने संगठन के लिए कर ली होती तो आज स्थिति अलग होती. खैर. कांग्रेस एक फिर विवादों में है. कारण बने हैं आईवाईसी अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और सचिव प्रभारी वर्धन यादव. असम यूथ कांग्रेस की प्रमुख अंगकिता दत्ता ने यूथ कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं पर ऐसे कई आरोप लगा दिए हैं जिसके बाद सवालों की झड़ी लग गयी है. मामले में रोचक ये है कि एक महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को पार्टी ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है और वो अब भी बीवी श्रीनिवास और वर्धन यादव का हाथ थामे खड़ी है. अंगकिता ने कहा कि वर्धन यादव को पता नहीं है कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है. वह मुझे डॉ दत्ता या अध्यक्ष नहीं बल्कि 'ए लड़की' कहकर संबोधित करते हैं.
वहीं अपने आरोपों में अंगकिता ने रायपुर पूर्ण सत्र का भी जिक्र किया है और कहा है कि श्रीनिवास और वर्धन ने उनसे पूछा 'ए लड़की, क्या पीता है तुम, वोडका पीता है?. अंगकिता का आरोप है कि उसने अपनी आपबीती को लेकर कई बार शिकायतें की लेकिन पार्टी में किसी ने भी उसकी बातों पर कान नहीं दिए और दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंगकिता दत्ता का दावा है कि श्रीनिवास और वर्धन यादव जैसे लोगों ने पार्टी को नष्ट कर दिया है. उन्होंने राज्य की राजनीति को बर्बाद करने का काम किया है.
उधर अपने ऊपर लगे आरोपों को श्रीनिवास ने बहुत गंभीरता से लिया है और अंगकिता दत्ता को आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजा है.
मामले पर आईवाईसी ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि दत्ता से शारदा चिट फंड घोटाले में पूछताछ की गयी थी और वह असं के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा के साथ 'लगातार संपर्क' में हैं. आईवाईसी ने अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया है कि गत वर्ष आईवाईसी राज्य के चुनावों की घोषणा के बाद से दत्ता ने अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना बंद कर दिया था.
वहीं अपनी सफाई में अंगकिता दत्ता ने कहा कि 'अब उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ मेरे पोस्टर बनाए हैं, जिसमें कहा गया है कि मैं मुख्यमंत्री को खुश करने की कोशिश कर रही हूं. अगर कोई महिला अपने अपमान की बात करती है, तो पार्टी इस तरह की प्रतिक्रिया देती है? मेरे दादा, पिता और मैं - हम सभी राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं. हम पार्टी नहीं छोड़ना चाहते हैं. अगर आप चाहते हैं तो हमें बाहर फेंक दें, लेकिन हम पार्टी से प्यार करते हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे'.
अंगकिता का मामले पर ये भी कहना दत्ता ने कहा कि श्रीनिवास और वर्धन अब उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी के मामले ला रहे हैं. यह सब पिछले साल अगस्त में शुरू हुआ था. तक से वह इन मामलों से अकेले ही लड़ रही हैं. अगर वह बीजेपी में शामिल होना चाहती थी तो अगस्त एक अच्छा समय था. उन्होंने कहा कि उनके पति नहीं हैं. उनकी मां और तीन बहनें ही इन सब चीजों में उनके साथ खड़ी हैं.
श्रीनिवास और अंगकिता के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा लेकिन इस पूरे मामले में जो बात सबसे ज्यादा विचलित करती है वो है इतने गंभीर मामले पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी. सवाल ये है कि वो राहुल गांधी जिनसे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तमाम महिलाओं ने अपना दुःख दर्द साझा किया, बलात्कार तक की बातें की वो इतने बड़े मुद्दे पर क्यों चुप हैं. क्यों नहीं आखिर उन्होंने श्रीनिवास की जांच के आदेश दिए.
राहुल के अलावा इस पूरे मामले में संदेह के घेरों में प्रियंका गांधी वाड्रा भी हैं. सवाल उनसे भी यही है जब एक लड़की अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है तो उन्होंने राजनीति और पार्टी को दर किनार कर उसका साथ क्यों नहीं दिया. प्रियंका के बारे में मशहूर हैं कि वो मुखर होकर लड़कियों और महिलाओं के पक्ष में अपनी बात करती हैं. जब जब महिलाओं पर अत्याचार होता है वो अत्याचारी से मोर्चा लेती हैं. यदि ऐसी ही बात थी तो आखिर उन्होंने श्रीनिवास पर क्यों चुप्पी साध ली. क्यों नहीं हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने मुखर होकर श्रीनिवास से मोर्चा लिया.
बहरहाल श्रीनिवास पर जो आरोप अंगकिता ने लगाए हैं वो सच हैं या झूठ इसका फैसला तो तभी होगा जब इस मामले की सही और निष्पक्ष जांच होगी. विषय क्योंकि एक महिला का सम्मान है तमाम मुद्दों की तरह राहुल और प्रियंका दोनों को इस विवाद को देखना चाहिए. कहना ग़लत नहीं है कि भले ही विवाद श्रीनिवास और अंगकिता के बीच हुआ हो लेकिन इस विवाद से विश्वसनीयता राहुल और प्रियंका की दांव पर है.
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