बीजेपी ने तमिलनाडु में अपना नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है. और जो नाम सामने निकल कर आया है, उस से पार्टी के भीतर भी और पार्टी के बाहर भी सभी हैरान है. और हैरान होने का सबसे बड़ा कारण है, बीजेपी का अपने सिद्धांत से उलट फैसला लेकर एक ऐसे चेहरे को चुनना जो पार्टी की साख पर सवालिया निशान लगा रहा है.
बीजेपी का सिद्धांत क्या कहता है ?
बीजेपी में हमेशा देखा गया है कि, चाहे चुनाव राज्य का हो या फिर केंद्र का, पार्टी ने उसी पर भरोसा जताया है, जिसे कार्यकर्ता से लेकर बड़े पद तक का एक ईमानदार सफर तय किया हो. लेकिन तमिलनाडु में प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर काफी सवाल पार्टी के अंदर से उठ रहे है.
आखिर कौन है के अन्नामलाई ?
अन्नामलाई आईपीएस की नौकरी से त्यागपत्र दे राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2011 से 2013 तक अन्नामलाई ने सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी से अपनी ट्रेनिंग की और फिर सितंबर 2013 में उन्हें असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस उडुपी कर्नाटक में पोस्ट मिली और उन्हें बाद में डिप्टी कमिश्नर ऑफ साउथ बैंगलोर भी बनाया गया. लोग उन्हें सिंघम के टाइटल से बुलाते है.
अन्नामलाई ने स्टेपिंग बियॉन्ड खाकी नाम से एक किताब भी लिखी है, जो काफी चर्चा में भी रही थी। अन्नामलाई रामक्रिशन मिशन को काफी मानते हैं और वह अकसर वहां जाते भी हैं. फिर 2019 में अन्नामलाई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
आखिर अन्नामलाई को ही क्यों चुना गया ?
दक्षिण भारत में मोदी फैक्टर का ना चलना!
बीजेपी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में, मोदी लहर के बावजूद कुछ खास नहीं कर पाई थी, इसलिए बीजेपी भी बखूबी जानती है...
बीजेपी ने तमिलनाडु में अपना नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है. और जो नाम सामने निकल कर आया है, उस से पार्टी के भीतर भी और पार्टी के बाहर भी सभी हैरान है. और हैरान होने का सबसे बड़ा कारण है, बीजेपी का अपने सिद्धांत से उलट फैसला लेकर एक ऐसे चेहरे को चुनना जो पार्टी की साख पर सवालिया निशान लगा रहा है.
बीजेपी का सिद्धांत क्या कहता है ?
बीजेपी में हमेशा देखा गया है कि, चाहे चुनाव राज्य का हो या फिर केंद्र का, पार्टी ने उसी पर भरोसा जताया है, जिसे कार्यकर्ता से लेकर बड़े पद तक का एक ईमानदार सफर तय किया हो. लेकिन तमिलनाडु में प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर काफी सवाल पार्टी के अंदर से उठ रहे है.
आखिर कौन है के अन्नामलाई ?
अन्नामलाई आईपीएस की नौकरी से त्यागपत्र दे राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2011 से 2013 तक अन्नामलाई ने सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी से अपनी ट्रेनिंग की और फिर सितंबर 2013 में उन्हें असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस उडुपी कर्नाटक में पोस्ट मिली और उन्हें बाद में डिप्टी कमिश्नर ऑफ साउथ बैंगलोर भी बनाया गया. लोग उन्हें सिंघम के टाइटल से बुलाते है.
अन्नामलाई ने स्टेपिंग बियॉन्ड खाकी नाम से एक किताब भी लिखी है, जो काफी चर्चा में भी रही थी। अन्नामलाई रामक्रिशन मिशन को काफी मानते हैं और वह अकसर वहां जाते भी हैं. फिर 2019 में अन्नामलाई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
आखिर अन्नामलाई को ही क्यों चुना गया ?
दक्षिण भारत में मोदी फैक्टर का ना चलना!
बीजेपी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में, मोदी लहर के बावजूद कुछ खास नहीं कर पाई थी, इसलिए बीजेपी भी बखूबी जानती है कि अगर दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनानी है तो लोकल लेवल पर युवा नेताओं को मौका देना होगा।
मैसेजिंग
बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से जुट गई है, और बीजेपी ने अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर पहला मैसेज देने की कोशिश की है, कि बीजेपी समय के साथ चलने वाली पार्टा है, इस लिए बीजेपी ने युवाओं को टारगेट करते हुए, एक युवा और शिक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
अन्नामलाई का वेल्ला गौंडर जाति से आना
अन्नामलाई वेल्ला गौंडर जाति से आते हैं, इस जाति का चुनाव में एक रणनीतिक महत्व है, और बीजेपी का फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव में इन्हीं वोटर्स पर होगा.
पलानिस्वामी के वोट बैंक में सेंधमारी
जिस समाज से अन्नामलाई आते है, उसी समाज से पलानीस्वामी भी आते हैं, वह इस समाज के बड़े नेता माने जाते हैं, और बीजेपी अन्नामलाई के द्वारा पलानिस्वामी के वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहती है.
अन्नामलाई की चुनौतियां
प्रदेश में नया कैडर खड़ा करना.
मजबूत विपक्ष बन जनता के बीच अपनी जमीन तैयार करना
नए मुद्दों को जन्म देना
सभी को साथ लेकर चलना
केंद्र की योजनाओं को जनता तक पहुंचाकर जनता में माहोल बनाना.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.