देश के अलग-अलग राज्यों में लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. इनमें सबसे अहम है यूपी की कैरानी सीट, जिस पर लोकसभा उपचुनाव हुआ है. ये वो सीट है, जिस पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है. लेकिन सिर्फ इसी वजह से कैराना चर्चा में नहीं है, बल्कि कुछ अजीबो-गरीब कारणों के लिए भी कैराना सुर्खियां बटोरता रहता है. आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती शुरू होने के एक घंटे बाद भी पहले चरण की गिनती बताई नहीं गई. कलेक्टर ने अजीब कारण ये बताया कि नेटवर्क नहीं मिल रहा है, जब नेटवर्क मिलेगा तो बाकी विधानसभा सीटों के आंकड़े ले पाएंगे. यहां ये जानना दिलचस्प है कि मतदान वाले दिन EVM गर्मी के कारण चल नहीं पा रही थी और अब नतीजों की बारी आई तो नेटवर्क में खराबी की बात कही जा रही है. डीएम से बात किए जाने तक सिर्फ एक विधानसभा सीट थानाभवन के रुझान बताए गए थे, जहां भाजपा 46 वोटों से आगे चल रही थी.
बातों को गोल-मोल करते से दिखे डीएम
कैराना के डीएम से जब पोस्टल बैलेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी नेटवर्क में कुछ गड़बड़ी है, जिसकी वजह से उसकी गणना नहीं हो पा रही है. वह बोले कि पोस्टल बैलेट की गणना अंत में होती है, जिसे आखिरी चरण की गिनती से पहले किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे रिजल्ट में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की कैराना सीट पर उपचुनाव के लिए जो इंतजाम किए वो कितने नाकाफी थे, इसका पता तो इसी बात से चलता है कि गड़बड़ी के ऐसे कारण बताए गए, जो पहले कभी नहीं सुने थे. जैसे मशीन को गर्मी लगने की बात पहले कभी नहीं सुनी गई.
गोंदिया के कलेक्टर का हो चुका है ट्रांसफर
सोमवार को महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर...
देश के अलग-अलग राज्यों में लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. इनमें सबसे अहम है यूपी की कैरानी सीट, जिस पर लोकसभा उपचुनाव हुआ है. ये वो सीट है, जिस पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो गया है. लेकिन सिर्फ इसी वजह से कैराना चर्चा में नहीं है, बल्कि कुछ अजीबो-गरीब कारणों के लिए भी कैराना सुर्खियां बटोरता रहता है. आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती शुरू होने के एक घंटे बाद भी पहले चरण की गिनती बताई नहीं गई. कलेक्टर ने अजीब कारण ये बताया कि नेटवर्क नहीं मिल रहा है, जब नेटवर्क मिलेगा तो बाकी विधानसभा सीटों के आंकड़े ले पाएंगे. यहां ये जानना दिलचस्प है कि मतदान वाले दिन EVM गर्मी के कारण चल नहीं पा रही थी और अब नतीजों की बारी आई तो नेटवर्क में खराबी की बात कही जा रही है. डीएम से बात किए जाने तक सिर्फ एक विधानसभा सीट थानाभवन के रुझान बताए गए थे, जहां भाजपा 46 वोटों से आगे चल रही थी.
बातों को गोल-मोल करते से दिखे डीएम
कैराना के डीएम से जब पोस्टल बैलेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी नेटवर्क में कुछ गड़बड़ी है, जिसकी वजह से उसकी गणना नहीं हो पा रही है. वह बोले कि पोस्टल बैलेट की गणना अंत में होती है, जिसे आखिरी चरण की गिनती से पहले किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे रिजल्ट में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की कैराना सीट पर उपचुनाव के लिए जो इंतजाम किए वो कितने नाकाफी थे, इसका पता तो इसी बात से चलता है कि गड़बड़ी के ऐसे कारण बताए गए, जो पहले कभी नहीं सुने थे. जैसे मशीन को गर्मी लगने की बात पहले कभी नहीं सुनी गई.
गोंदिया के कलेक्टर का हो चुका है ट्रांसफर
सोमवार को महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में ईवीएम की गड़बड़ी सामने आने के बाद तो डीएम पर गाज तक गिर गई. राज्य सरकार ने मंगलवार को गोंदिया के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर अभिमन्यु काले का ट्रांसफर कर दिया. इस ट्रांसफर ने भी कई सवाल खड़े किए थे. चुनाव आयोग ने भी भंडारा-गोंदिया के 49 बूथों पर 30 मई को फिर से मतदान कराने की घोषणा की है. तकनीकी खराबियों की वजह से सोमवार को करीब 150 बूथों पर ईवीएम में खराबी की शिकायत आई थी.
EVM को लग गई थी लू
देश भर में पड़ रही भीषण गर्मी से न सिर्फ इंसान त्रस्त हुआ, बल्कि ईवीएम भी हांफने लगी. सोमवार को यूपी के कैराना, नूरपुर और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया में हुए उपचुनाव के दौरान ईवीएम खराब होने की शिकायत आई. जब सवाल उठे तो खुद चुनाव आयोग ने इस मामले पर सफाई दी और बताया कि भीषण गर्मी की वजह से मशीन के सेंसर में गड़बड़ी आ गई. कैरानी के शामली के डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने भी कहा था कि यह गर्मी की वजह से हो रहा है. हालांकि, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच कैराना में आरएलडी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी. इस पर अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए एक ट्वीट भी किया था.
जिस तरह से पहले ईवीएम को गर्मी लगने की बात कही जा रही थी और अब नेटवर्क की गड़बड़ी की बात सामने आ रही है, वह विपक्षी पार्टियों को भड़काने के लिए काफी है. लोगों की भौंहें इस बात पर भी चढ़ रही हैं कि किसी गड़बड़ी में जैसे कारण बताए जा रहे हैं, वैसे पहले कभी सुनने को नहीं मिले.
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